herzindagi
uruguayan air force flight 571 shocking plane crash story passenger ate friends flesh to stay alive

10 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रही फ्लाइट अचानक गायब हो गई थी, उधर प्लेन में भूख से तड़पते लोग अपने ही दोस्तों का शरीर... उस दिन यात्रियों के साथ जो हुआ कभी भुलाया नहीं जा सकता

पायलट को बादलों में कुछ नजर नहीं आ रहा था। उसने मौसम खराब होते हुए भी प्लेन को उड़ा तो दिया था, लेकिन तूफान में प्लेन संभालना बहुत मुश्किल हो रहा था।
Editorial
Updated:- 2025-08-12, 12:36 IST

जब कुदरत की परीक्षा लेने की बारी आती है, तो उसका सामना करना आसान नहीं होता। ऐसा ही कुछ उस दिन फ्लाइट में बैठे 45 यात्रियों के साथ होने वाला था। फ्लाइट नंबर 571 साउथ अमेरिका से उड़ान भरने के लिए तैयार थी और चिली की राजधानी सैंटियागो जा रही थी। प्लेन में ज्यादातर यात्री रग्बी प्लेयर थे, जो अपने मैच के लिए सफर कर रहे थे। उनके साथ फैमिली मेंबर्स, रिश्तेदार और दोस्त भी थे। पूरे प्लेन का माहौल चहल-पहल और उत्साह से भरा हुआ था। हर किसी के चेहरे पर मैच देखने और उसमें हिस्सा लेने की खुशी साफ झलक रही थी। कुल 45 यात्रियों में 9 क्रू मेंबर्स भी शामिल थे। अगर सब कुछ ठीक रहता, तो यह फ्लाइट महज 3 घंटे में अपने गंतव्य पर पहुंच जाती, लेकिन उस दिन किस्मत को कुछ और मंजूर था।

उस दिन उरुग्वे फ्लाइट 571 के साथ क्या हुआ था?

  • साउथ अमेरिका में स्थित उरुग्वे से प्लेन उड़ान भर चुकी थी, लेकिन रास्ते में मौसम खराब हो गया।
  • मौसम इतना ज्यादा खराब था कि फ्लाइट को आसमान में कुछ दूरी पर भी उड़ाया नहीं जा सकता था।
  • इसलिए फ्लाइट को अर्जेंटीना के मेंडोजा में उतारा गया। लेकिन यात्रियों को किसी भी हाल में मैच देखने जाना था।
  • सभी ने पायलट से जिद्द की, मौसम के ठीक होने के हालात नहीं लग रहे हैं। अगर हम इसी तरह इंतजार करते रहेंगे, तो मैच मिस हो जाएगा। प्लीज आप फ्लाइट को उड़ाइए।
  • खराब मौसम के बाद भी पायलट, फ्लाइट उड़ाने के लिए तैयार हो गया, क्योंकि वह प्लेन उड़ाने में खुद को एकस्पर्ट समझता था।

uruguayan air force flight 571 shocking plane crash real story passenger ate friends flesh to stay alivesss

  • 13 अक्टूबर 1972  को रात 2 बजकर 1 मिनट पर खराब मौसम के बाद भी फ्लाइट ने उड़ान भरी।
  • मेंडोजा से सैन डियागो की तरफ उड़े हुए फ्लाइट को 1 घंटा हो गया था।
  • लेकिन मौसम इतना ज्यादा खराब हो गया कि फ्लाइट पर बैलेंस करना मुश्किल हो गया।
  • बारिश और तुफान दोनों ही फ्लाइट पर भारी पड़ रहे थे। प्लेन में बैठे सभी यात्री भी अब डर के मारे भगवान का नाम लेने लगे थे।
  • आखिर जिसका डर था वही हुआ। पायलट को सामने धुंध और बादलों के अलावा कुछ नहीं दिखा और एंडीज के पर्वतों से जाकर टकरा गया।

पायलट बैलेंस बनाने की कोशिश कर रहा था

  •  उस दिन पायलट का अंदाजा सही नहीं लग पाया था। उसे लग रहा था कि एंडीज के पर्वत निकल चुके हैं। लेकिन बादलों की वजह से कैलकुलेशन सहीं नहीं हुई।
  • उसे लगा कि चिली के पास आ गए हैं और जल्द ही सैन टियागो आ जाएगा। इसलिए, फ्लाइट को नीचे ले गया।
  • फ्लाइट के नीचे जाते ही बादल हट गए और सामने नजर आया एक बड़ा पहाड़।

uruguayan air force flight 571 shocking plane crash real story passenger ate friends flesh to stay alive

  • यह एंडीज के पर्वत श्रृंखला थी। वह पहाड़ से बचने के लिए फिर से प्लेन को ऊपर उठाने की कोशिश करने लगा।
  • उसने एक दम से प्लेन को हवा में ऊपर उठाने की कोशिश की, लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता था। प्लेन का बैलेंस खराब हो गया और वो नीचे की तरफ जाने लगा।
  • हवा इतनी ज्यादा तेज थी और बैलेंस बनाना मुश्किल हो गया, जिसकी वजह से प्लेन का बाहरी एक हिस्सा टूटकर अलग हो गया, जिसके तुरंत बाद प्लेन एंडीज पर्वतों में कहीं दूर जाकर गिर गया।

लोग प्लेन से कूदने लगे

जब लोगों को लगा कि अब कुछ नहीं हो सकता, तो वह प्लेन से कूदने लगे। कुछ लोगों ने गिरते प्लेन से ही हवा में छलांग लगा दी, जिनके बारे में कुछ पता नहीं चल पाया। लेकिन प्लेन में बैठे यात्री पर भगवान का नाम जप रहे थे। प्लेन जहां गिरा था, वहां आस-पास बर्फ के सिवा कुछ नहीं था। इतनी ऊंचाई से प्लेन गिरने के बाद भी 33 लोग उसमें जिंदा बचे थे, लेकिन सभी बुरी तरह से घायल हो गए थे। रेस्क्यू टीम भी अब प्लेन को ढूंढने के लिए निकल पड़ी थी, क्योंकि प्लेन रडार से गायब हो गया था। रेस्क्यू टीम अपनी पूरी कोशिश कर रही थी कि प्लेन का जल्दी पता लगाया जा सके। क्योंकि, वह जानते थे इस पर्वत पर रात गुजारने का मतलब मौत है।

uruguayan air force flight 571 shocking plane crash real story passenger ate friends flesh to stay alive1

  • लोगों ने मदद के लिए जो भी सामान था, उससे एक X का साइन बनाया। ताकि अगर कोई वहां आए, तो उन्हें ऊपर से वह निशान नजर आ जाए। उन्होंने अपने लगेज और सामान की मदद से यह निशान तैयार किया।
  • प्लेन को खोजना रेस्क्यू टीम के लिए मुश्किल हो रहा था, क्योंकि प्लेन भी सफेद था और बर्फ की वजह से यह ऊंचाई से ढूंढना मुश्किल हो रहा था।
  • पहली रात लोगों ने जैसे-तैसे प्लेन में गुजार ली थी। खाने-पीने का सामान जितना था, उससे उनका गुजारा हो गया था। लेकिन जैसे-जैसे दिन आगे गुजरे, चोट लगने और ठंड की वजह से लोगों के हालात खराब होने लगे।
  • धीरे-धीरे लोगों की मौत होने लगी। 33 में 5 लोगों की मौत हो गई थी। खाना और पानी भी खत्म हो गया था। अब लोग बर्फ को धूप में पिघलाकर पानी बनाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने सीट के गद्दों को पैरों में बांध रखा था, ताकि चलते हुए बर्फ में तकलीफ न हो।
  • इंतजार करते-करते अब 9 दिन गुजर गए थे, लेकिन कोई भी मदद उन्हें नहीं मिली थी। लोग भूख से मर रहे थे। 5 दिन हो गए थे और उन्होंने कुछ नहीं खाया था।

इसे भी पढ़ें- Miracle On The Hudson: 2800 फीट की ऊंचाई पर जाम हो गए फ्लाइट के इंजन..आसमान से सीधा नीचे गिरने लगा था विमान, लेकिन पायलट की सूझबूझ से ऐसे बची 155 लोगों की जान

uruguayan air force flight 571 shocking plane crash real story passenger ate friends flesh to stay alivesss

दोस्तों का मांस खाने को मजबूर हो गए थे लोग

  • जब लोगों को कुछ खाने को नहीं मिला, तो उन्होंने मरे हुए लोगों का मांस खाने का सोचा। लेकिन हर कोई इस बात के लिए तैयार नहीं था। क्योंकि, उनमें कोई किसी का दोस्त, तो कोई किसी का रिश्तेदार था। वह कैसे किसी अपने को खा सकते हैं।
  • जिंदा रहने के लिए उन्हें कुछ तो करना ही था। वह अब काफी दिनों तक इसी तरह मांस खाकर जिंदा रहे। इसके बाद उनमें से कुछ लोगों ने फैसला किया कि वह पहाड़ के दूसरी तरफ जाएंगे। शायद उन्हें वहां से कोई मदद मिल जाए। एक जगह बैठकर उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है। ऐसे तो उनकी मौत हो जाएगी।
  • जैसे-तैसे वह आगे बढ़े, 2 दिन चलने के बाद उन्हें प्लेन का टूटा हुआ दूसरा हिस्सा मिल गया। उस टेल के अंदर खाने पीने का सामान था। बहुत सारी सिगरेट, शराब, खाने का सामान और दवाइयां उन्हें मिल गई थी। उन्होंने बड़ी मौज में उस टूटे हुए हिस्से में खाते-पीते कुछ दिन बिता दिया।

uruguayan air force flight 571 shocking plane crash real story passenger ate friends flesh to stay alivehhh

  • लेकिन यह सिलसिला ज्यादा दिन तक नहीं चल पाया। जिस प्लेन के टूकड़े में वह सुकून के पल बिता रहे थे, वहीं एक दिन पहाड़ से एक बड़ा बर्फ का हिस्स उनके ऊपर आ गिरा। लोग प्लेन के साथ ही बर्फ में दब गए। लेकिन अभी वह जिंदा थे। वह बर्फ से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। कुछ लोग थे, तो प्लेन के टूटे हुए हिस्से से बाहर थे।
  • तीन दिन तक बर्फ के अंदर लोग दबे रहें। इन लोगों ने पूरी कोशिश की बर्फ को हटाने की बाहर आने की और जिंदा रहने की। वहीं दूसरी तरफ 3 लोग जो मदद के लिए निकले थे, वह 10 दिन से चल रहे थे। उनके पास शराब सिगरेट और खाना था, जिसकी वजह से उनके पास एनर्जी थी। आखिर उन्हें नदी के उस पार कुछ गांव वाले दिख गए।
  • लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा,उन्होंने गांव वालों की मदद से आर्मी को कांटेक्ट किया। आर्मी तुरंत वहां पर पहुंच गई और यहां जितने लोग भी जिंदा बचे थे। प्लेन के पास उनको बर्फ में से निकाला गया।
  • 50-60 दिन से भी ज्यादा हो चुके थे, लेकिन जैसे-तैसे लोगों ने अपनी जान बचा ली थी। 13 अक्टूबर के दिन इनकी फ्लाइट का हादसा हुआ था और रेस्क्यू टीम ने 23 दिसंबर के दिन उन्हें बचाया।
  • यह कुदरत का बड़ा चमत्कार है और उन लोगों की हिम्मत। इस हादसे में केवल 16 लोग ही जिंदा बच पाए थे।

इसे भी पढ़ें-Historical Plane Accident: 17000 फीट की ऊंचाई पर टूटी प्लेन की खिड़की, सीट से उड़कर बाहर हवा में लटक गया पायलट, रोंगटे खड़े कर देने वाले इस हादसे की दास्ता होश उड़ा देगी आपके

अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।

आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।

image credit- freepik

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।