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चलिए जानते हैं 9वीं शताब्दी में निर्मित सन टेम्पल ओसियां के बारे में

राजस्थान में मौजूद ओसियां का सन टेम्पल के बारे में जानने के बाद आप भी एक बार यहां घूमने के लिए जाना चाहेंगें।
Editorial
Updated:- 2021-06-09, 10:37 IST

राजस्थान घूमने के बारे में जब भी बात होती है, तो राजस्थान के अलग-अलग शहरों में मौजूद प्राचीन, मध्य कालीन और आधुनिक भारत में निर्मित महल, किला और पैलेस आदि का जिक्र होता है। लेकिन, इस राज्य के कई शहरों में प्राचीन से लेकर मध्य कल में कुछ ऐसे मंदिरों का निर्माण हुआ, जो विश्व प्रसिद्ध होने साथ-साथ एक बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में भी फेमस है।

जोधपुर से लगभग पच्चास मिल की दूरी पर मौजूद है, राजस्थान का सबसे प्राचीनतम और एक अद्भुत मंदिर जिसका नाम है 'ओसियां का सन टेम्पल'। इसे कई लोग सन टेम्पल ऑफ़ ओसियां के नाम से भी जानते हैं। इस लेख में हम आपको इस मंदिर के बारे में कुछ रोचक बाते बताने जा रहे हैं। यक़ीनन इस बातों को जानने के बाद एक बार इस मंदिर के दर्शन के लिए जाना पसंद कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं।

सन टेम्पल का इतिहास

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ओसियां में मौजूद सन टेंपल का निर्माण कब हुआ था इसका कोई प्रमाणिक तथ्य किसी के पास नहीं नहीं है। लेकिन, कुछ अध्ययनों के बाद ये कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी से लेकर 12वीं शताब्दी के बीच किया गया था। कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रतिहार वंश के एक राजपूत राजकुमार उपल्देव ने इस नगर की स्थापना की थी। (कोणार्क सूर्य मंदिर) हालांकि, कुछ वर्षों बाद इस मंदिर के कई हिस्से खंडहर में तब्दील भी हो गए। लेकिन, पुरातात्विक विभाग ने इसे संरक्षित करके अपने अंदर ले लिया और आज ये जगह एक पर्यटन स्थल के रूप से प्रसिद्ध है।

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मंदिर की वास्तुकला

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इस सूर्य मंदिर की वास्तुकला के बारे में कई विचार है। प्राचीन काल में निर्मित इस मंदिर के कुछ हिस्से महामारू शैली तो कुछ हिस्से गुप्तकालीन कला और स्थापत्य का नमूना दिखाई देता है। लाल बलुआ पत्थर की नक्काशीदार बनावट इस मंदिर को और भी अधिक आकर्षण बनाती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस मंदिर की नक्काशी कोणार्क में मौजूद सूर्य मंदिर से भी की जाती है। (मोढेरा सूर्य मंदिर) कई जगह ये उल्लेख है कि यहां लगभग सौ से भी अधिक मंदिरों का घर हुआ करता था लेकिन, तुर्क और अफगान आक्रमणों के दौरान कई मंदिर नष्ट हो गए।

विष्णु के साथ अन्य देवताओं की मूर्ति

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इस मंदिर परिसर में सूर्य देव की मूर्ति होने के साथ-साथ कई हिन्दू देवताओं की मूर्तियां भी मौजूद है। इस परिसर में भगवान शिव, विष्णु, नवग्रह, सूर्य, ब्रह्मा, अर्द्धनारीश्वर, हरिहर, दिक्पाल, श्रीकृष्ण, पिप्पलाद आदि के साथ कई देवी और देवताओं की मूर्ति परिसर में मौजूद है। जोधपुर के ओसियां गांव में मौजूद ये मंदिर अन्य राज्यों में मौजूद सबसे प्राचीन सूर्य मंदिरों में से एक माना जाता है। हालांकि, मौजूदा समय में मंदिरों और मूर्तियों की संख्या बहुत कम हो गई है। कई देवताओं के चित्र भी चोरी हो गए हैं।

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आसपास घूमने की जगह

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ऐसा नहीं है कि इस मंदिर में घूमने के अलावा आसपास कोई जगह या फिर गतिविधि नहीं कर सकते हैं। इस सन टेम्पल दर्शन या घूमने के बाद आप यहां रेगिस्तान में उंट सफारी का भी आनंद उठा सकते हैं। इसके अलावा जीप से गांव सफारी का भी मज़ा ले सकते हैं। ग्रामीण रहन-सहन से परिचित होना है, तो ये एक बेस्ट जगह हो सकती हैं। यहां रुकने के लिए आप घास-फूस से तैयार बेहतरीन घरों में आसानी से रुक सकते हैं।

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Image Credit:(@royalvalleytourism.com,www.famousplacesinindia.in)

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