herzindagi
nidhi van facts krishna main

क्या आप जानते हैं निधिवन से जुड़ी ये ख़ास बातें, आज भी यहां श्री कृष्ण रचाते हैं रास लीला

क्या आप जानते हैं निधिवन के बारे में, जहां भगवान कृष्ण आज भी गोपियों के साथ रासलीला करते हैं? हम आपको बता रहे हैं इससे जुड़े कुछ रहस्यों के बारे में। 
Editorial
Updated:- 2021-05-28, 18:33 IST

हमारी दुनिया साहसिक, मजेदार और डरावने स्थानों से भरी हुई है। लेकिन यह स्थल, निधिवन, जो कि वृंदावन, उत्तर प्रदेश में स्थित है, रहस्यमय होने के बाद कई अन्य स्थानों से परे भी है। कहा जाता है यहां आज भी हर रात श्री कृष्ण और राधा रानी के साथ रास लीला रचाने आते हैं और पूरी रात रास रचाने के बाद प्रातः काल अपनी नगरी को लौट जाते हैं।

वृंदावन को भगवान श्री कृष्ण की भूमि के रूप में जाना जाता है जिसमें कृष्ण मंदिरों के साथ-साथ सबसे अधिक मंत्रमुग्ध करने वाले कुछ मंदिर हैं। लेकिन दूसरी ओर, निधिवन सभी विभिन्न कारणों से लोकप्रिय है। स्थानीय लोगों की मानें तो यह वही स्थान है जहां भगवान कृष्ण आज भी जाते हैं और हर रात रासलीला का आयोजन करते हैं। आइए जानें निधिवन से जुड़ी अन्य रहस्यमयी बातों के बारे में।

रंगमहल में श्री कृष्ण करते हैं शयन

धार्मिक नगरी वृन्दावन में निधिवन एक अत्यन्त पवित्र, रहस्यमयी धार्मिक स्थान है। मान्यता है कि निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण एवं श्रीराधा आज भी अर्द्धरात्रि के बाद रास रचाते हैं। रास के बाद निधिवन परिसर में स्थापित रंग महल में शयन करते हैं। रंग महल में रोज़ प्रसाद के रूप में लड्डू या माखन मिश्री रखा जाता है जिसका भोग रोज़ भगवान् श्रीकृष्ण लगाते हैं। यही नहीं मान्यता यह भी है कि यहां रखे गए श्रृंगार के सामान से रोज़ राधा रानी श्रृंगार करती हैं और श्री कृष्ण प्रसाद ग्रहण करते हैं। शयन के लिए पलंग लगाया जाता है। सुबह बिस्तरों के देखने से प्रतीत होता है कि यहां निश्चित ही कोई रात्रि विश्राम करने आया तथा प्रसाद भी ग्रहण किया है।

इसे जरूर पढ़ें:कृष्‍ण की जन्‍मभूमि मथुरा के बारे में कितना जानती हैं आप, क्विज खेलें और जानें

वृक्षों की है अलग आकृति

nidhi van

लगभग दो ढ़ाई एकड़ क्षेत्रफल में फैले निधिवन के वृक्षों की खासियत यह है कि इनमें से किसी भी वृक्ष के तने सीधे नहीं मिलेंगे तथा इन वृक्षों की डालियां नीचे की ओर झुकी तथा आपस में गुंथी हुई प्रतीत होती हैं। इन वृक्षों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो वृक्ष एक दूसरे को आलिंगन कर रहे हों। यही नहीं मान्यतानुसार यही वृक्ष रोज़ रात्रि में गोपियों का रूप धारण करते हैं और कृष्ण संग रास लीला रचाते हैं। निधिवन परिसर में ही संगीत सम्राट एवं धुपद के जनक श्री स्वामी हरिदास जी की जीवित समाधि, रंग महल, बांके बिहारी जी का प्राकट्य स्थल, राधारानी बंशी चोर आदि दर्शनीय स्थान है। निधिवन दर्शन के दौरान वृन्दावन के पंडे-पुजारी, गाईड द्वारा निधिवन के बारे में जो जानकारी दी जाती है, उसके अनुसार निधिवन में प्रतिदिन रात्रि में होने वाली श्रीकृष्ण की रासलीला को देखने वाला अंधा, गूंगा, बहरा, पागल हो जाता है ताकि वह इस रासलीला के बारे में किसी को बता ना सके।

रात्रि 8 बजे के बाद प्रवेश निषेध

nidhi van tree

कहा जाता है कि रास लीला को देखने वाला सामान्य जीवन नहीं बिता पाता है इसी कारण रात्रि 8 बजे के बाद पशु-पक्षी, परिसर में दिनभर दिखाई देने वाले बन्दर, भक्त, पुजारी इत्यादि सभी यहां से चले जाते हैं और परिसर के मुख्यद्वार पर ताला लगा दिया जाता है। यहां के स्थानीय लोगों के अनुसार यहां जो लोग भी रात को रुक जाते है वह सांसारिक बन्धन से मुक्त हो जाते हैं और जो मुक्त हो गए हैं, उनकी समाधियां निधिवन के परिसर में ही बनी हुई है। इसके अलावा गाईड यह भी बताते हैं कि निधिवन में जो 16000 आपस में गुंथे हुए वृक्ष आप देख रहे हैं, वही रात में श्रीकृष्ण की 16000 रानियां बनकर उनके साथ रास रचाती हैं। रास के बाद श्रीराधा और श्रीकृष्ण परिसर के ही रंग महल में विश्राम करते हैं। सुबह 5:30 बजे रंग महल का पट खुलने पर उनके लिए रखी दातून गीली मिलती है और श्रृंगार का सामन सामान बिखरा हुआ मिलता है जैसे कि रात को कोई पलंग पर विश्राम करके गया हो।

इसे जरूर पढ़ें:जन्‍माष्‍टमी पर जा रही हैं वृंदावन तो इन बातों का रखें ध्‍यान, आसानी से हो जाएंगे भगवान के दर्शन

कई सुन्दर मंदिर हैं मौजूद

krishna radha nidhivan

इस स्थान पर कई खूबसूरत मंदिर भी मौजूद हैं। इन मंदिरों में भगवान कृष्ण और राधा की मूर्तियां सुशोभित हैं। कुछ ही दूरी पर रंग महल नामक एक और मंदिर है जिसका अपना विशेष महत्व है। भक्तों द्वारा यह माना जाता है कि यह रंग महल है जहां भगवान कृष्ण स्वयं अपने प्रिय राधा को सजाते हैं।

सच्चाई चाहे जो भी हो लेकिन ये बात अभी तक पूरी तरह रहस्य से भरी हुई है कि क्या वास्तव में श्री कृष्ण यहां रास लीला रचाने आते हैं और यहां मौजूद वृक्ष गोपियों का रूप धारण कर लेते हैं। अभी भी इस बात की पूरी सच्चाई पता करने के लिए रिसर्च किया जा रहा है लेकिन निष्कर्ष निकाल पाना थोड़ा मुश्किल है।

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य रोचक लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।