प्राचीन काल से लेकर मध्यकाल तक भारत के अलग-अलग राज्यों में कुछ ऐसे फोर्ट्स का निर्माण हुआ जो आज लाखों सैलानियों के लिए एक बेहतरीन पर्यटक स्थल से कम नहीं है। लेकिन, समय के साथ कई फोर्ट्स के नाम रहस्यमयी कहानियों से भी जुड़ने लगे। भानगढ़ किला, रोहतासगढ़ किला और गोलकोंडा किला ये वो फोर्ट्स हैं, जो पुरे भारत में अपनी रहस्यमयी कहानियों के लिए फेमस हैं। इन्हीं से में एक है महाराष्ट्र के पुणे शहर में मौजूद 'शनिवार वाड़ा' फोर्ट। इस किले की भी अजीबो-गरीब कहानियां लगभग सभी सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। इस लेख में हम आपको शनिवार वाड़ा फोर्ट के बारे में और इस किले से जुड़ी कुछ रहस्यमयी तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं।
शनिवार वाड़ा फोर्ट का इतिहास
इस फोर्ट के इतिहास पर नज़र डालते हैं, तो मालूम चलता है कि इसका निर्माण 18वीं शताब्दी में बाजीराव प्रथम द्वारा करवाया गया था। आपको बता दें कि बाजीराव प्रथम मराठा शासक छत्रपति साहू के पेशवा या प्रधानमंत्री के रूप में एक नेता और सैनिक थे। ये फोर्ट मुगल वास्तुकला के साथ-साथ मराठा शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। कहा जाता है कि इस फोर्ट में एक नहीं बल्कि तीन से चार बार आग लगी और फोर्ट के कुछ अहम् हिस्से नष्ट हो गए। अंग्रेजों द्वारा भी इस महल पर हमले किए गए। अंग्रेजों द्वारा हमले में भी कई मंजिलें ध्वस्त हो गईं।
शनिवार वाड़ा किले की रहस्यमयी कहानियां
भारत में मौजूद अन्य फोर्ट्स के मुकाबले शनिवार वाड़ा किले की रहस्यमयी कहानी बेहद ही अजीबो-गरीब है। स्थानीय लोगों की माने तो उनका कहना है कि अमावस्या की रात को एक दर्द भरी गूंज पूरे महल और इसके आसपास की जगहों पर सुनाई देती है। आगे ये कहा जाता है कि जो आवाज सुनाई देती है वो सहायता पुकारती हुई प्रतीत होती है।(जानें भारत में स्थित रहस्यमयी फोर्ट्स के बारे में)
एक अन्य डरावनी कहानी ये है कि सत्ता के लालच में मराठाओं के पेशवा नारायण राव की इस महल में निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के बाद उसकी आत्मा इसी किले में भटकती है और रात के मसय में नारायण राव की चीखें आज भी किले में सुनाई देती है। एक अन्य किदवंती ये है कि एक राजकुमार की भी इसी महल में निर्दयतापूर्वक हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद उसकी भटकती आत्मा की आवाजें महेशा सुनाई देती है।
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जानें क्या खास में इस फोर्ट में
इस महल में ऐसे कई स्थान है जिसे देखने के लिए हर दिन हजारों सैलानी भी घूमने के लिए पहुंचते हैं। नारायण दरवाजा, शनिवार वाड़ा का बाग, लोटस फाउंटेन आदि कई छोटी-छोटी इस्मारते देखने लायक है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल में ही बनी फिल्म बाजीराव मस्तानी में भी शनिवार वाड़ा फोर्ट का कई बार जिक्र किया गया था। इस फोर्ट को पेशवा बाजीराव बल्लाल और बुंदेलखंड की राजकुमारी मस्तानी की प्रेम कहानी से जोड़कर आज भी देखा जाता है। यहां आप सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे के बीच घूमने के लिए जा सकते हैं।(पुणे गई हैं तो इन चीजों का लुत्फ उठाना ना भूलें)
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