देश की राजधानी दिल्ली अपने ऐतिहासिक इमारत के लिए पूरे विश्व भर में जाना जाता है। कुतुब मीनार, जामा मस्जिद, इंडिया गेट, हुमायूँ का मकबरा या फिर लाल किला हो। इन सब का इतिहास में बड़ा ही महत्व रहा है, जो आज पर्यटकों के लिए एक प्रमुख केंद्र रहता है। इन सभी ऐतिहासिक इमारत का अपना एक अगल ही इतिहास रहा है, जिसके बारे में बहुत ही सिमित मात्रा में किसी को जानकारी है। लोग इन जगहों पर घूमने आते हैं लेकिन, इमारत से जुड़ी ऐतिहासिक जानकारी के बारे में नहीं जान पाते है। आज इस आर्टिकल में आपको हम दिल्ली के लाल किला यानि रेड फोर्ट के बारे में कुछ ऐसे अनसुनी और अनकही बातें बताने जा रहे हैं जिससे आप अभी तक वाकिफ नहीं होगें-
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ये तो सभी को मालूम है कि रेड फोर्ट यानि दिल्ली का लाल किला लाल रंग का है। लेकिन, आपको जान के हैरानी होगी कि इसका असली रंग कभी वाइट यानि सफ़ेद हुआ करता था। लाल किला मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा बनवाया गया था। इतिहास में इसका कई जगह उल्लेख है कि इसका रंग सफ़ेद हुआ करता था। लेकिन, जब अंग्रेजों ने भारत पर अपना शासन किया तो कई इमारत का नाम और उसका रंग-रूप भी बदल दिया।
लाल किला हमेशा अपने वर्तमान नाम से नहीं जाना जाता है। लेकिन, क्या आपको मालूम है, इसे मूल रूप से "किला-ए-मुबारक" के रूप में जाना जाता था। इतिहास में इसका कई जगह उल्लेख है कि शाहजहाँ ने इस किले का निर्माण तब कराया जब उसने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित करने का निर्णय लिया था, उस समय लाल किले का नाम किला-ए-मुबारक था जिसे बाद में लाल किला रख दिया गया।
आपको जान के हैरानी होगी कि इस किले को बनाने में लगभग 10 साल लग गए थे। मसलन इस पूरे किले को बनाने में एक दशक लग था। इतिहास के पन्ने बोलते हैं कि इसका निर्माण लगभग वर्ष 1638 में किया गया और पूरा बनते-बनते इसे 10 साल लग गए थे। उस दौर में आधुनिक सामान नहीं होने के चलते इतना समय लगना लाज़मी लगता है लेकिन जिस मज़बूती से लाल किले को बनाया गया है वो आपके सामने हैं।
बहुतो को नहीं पता होगा कि कोहिनूर हीरा वास्तव में शाहजहाँ के शाही सिंहासन का एक हिस्सा था, जो दिवानी-ए-ख़ास में स्थित था। वर्षों बाद नादिर शाह (फारसी नेपोलियन) द्वारा बेशकीमती पत्थर को लूट लिया गया। पन्ना, मोती, हीरे और माणिक जैसे मूल्यवान पत्थरों से सुसज्जित, लगभग दुनिया का सबसे कामयाब हीरा है। वर्तमान में कहां जाता है कि अंग्रेजों ने जब भारत पर शासन किया था तो उसे चोरा के इंग्लैंड ले गए। लेकिन, इतना सच है कि कोहिनूर हीरा वास्तव में भारत का ही था।
अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ 1857 के विद्रोह का प्रतीक था। कहा जाता है कि बहादुर शाह जफर को अपने ही घर यानि लाल किले में राजद्रोह के लिए अंग्रेजों द्वारा प्रताड़ित किया गया और बाद में इस इमारत के दीवान-ए-ख़ास में ब्रिटिश अदालत ने कैद कर दिया था, बाद में दोषी पाया गया और उससे राजा का ताज छीन लिया गया।
लाल किला के दो मुख्य द्वारों में दिल्ली गेट और लाहौर गेट शामिल हैं। लाहौर की ओर खुलते ही इसका नाम लाहौर गेट पड़ा। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत और पाकिस्तान एक समय में एक देश हुआ करते थे। आज भी लाल किले के दो गेट है जो एक दिल्ली गेट और लाहौर गेट के नाम से जाना जाता है। स्वतंत्रता दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री लाहौर गेट से ही राष्ट्रीय ध्वज फहराने आते हैं।
अंग्रेजो द्वारा लाल किले पर अधिग्रहण करने के बाद लाल किला विनाशकारी होड़ में चला गया। अंग्रेजो ने किले के कई हिस्सों को ध्वस्त करना जारी कर दिया। सच कहा जाए तो ज्यादातर कीमती सामान ले गए या फिर उसे थोड़ दिया। आज जो आपके सामने लाल किला दिख रहा हैं उससे कई गुणा अधिक सुंदर पहले हुआ करता था।
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लाल किला एक विश्व धरोहर स्थल है। लाल किले को 2007 में यूनेस्को ने World Heritage Site स्थान घोषित किया। अपने ऐतिहासिक और साथ ही सांस्कृतिक महत्व के लिए लाल किला विश्व विरासत स्थल के रूप में शामिल है। भारत में ऐसे कई और ऐतिहासिक इमारत है जिसे यूनेस्को ने World Heritage प्लेस घोषित किया है।
छाबरी बाजार, लाहोरी दरवाजा, दिल्ली दरवाजा, पानी दरवाजा, दीवान-ए-आम, मुमताज महल ,रंग महल, दीवाने खास, और मोती मश्जिद सबसे दर्शनीय स्थान है।
आपने आज भी देखा होगा लाल किला के अंदर एक छोटा सा मार्केट लगा रहता है।
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