अब ताज के दीदार केवल 3 घंटे ही कर पाएंगी टूरिस्‍ट , बच्‍चों का भी लगेगा टिकट

इस विश्‍व प्रसिद्ध ताजमहल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि इसे देखने के लिए पर्यटकों को समयसीमा में बांधा गया हो, मगर ऐसा क्‍यों हुआ आइए जानते हैं। 

Now tourist can visit taj mahal only for three hours  ()

ताजमहल, इस विश्‍व प्रसिद्ध स्‍मारक को देखने लोग दुनिया भर से आते हैं। इसकी खूबसूरती को निहारते हैं और घंटों इस स्‍मारक के इर्द गिर्द ही बिता देते हैं। मगर अब से पर्यटकों को ताजमहल के दीदार केवल एक निश्चित समय सीमा के अंदर करने होंगे। यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा यह तय किया गया है कि अब पर्यटक पूरा दिन ताजमहल के अंदर नहीं बिता सकते। अब से ताजमहल देखना है तो केवल 3 घंटे का समय ही पर्यटकों को दिया जाएगा।

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52 वर्ष पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा ताजमहल देखने के लिए टिकट का प्रावधान किया गया था। तब से बिना टिकट लिए कोई भी ताजमहल के दीदार नहीं कर सकता था। मगर इतनें वर्षों में पर्यटकों के समय पर कोई पाबंदी नहीं की गई थी, मगर अब से ताजमहल को देखने के लिए पर्यटकों को समय सीमा का ध्‍यान रखना पड़़ेगा। अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. भुवन विक्रम ने बताया कि तीन घंटे से अधिक समय तक रुकने वाले पर्यटकों को दोबारा टिकट लेनी होगी। पहले पर्यटक टिकट लेते थे तो एग्जिट गेट पर उसे रीचेक नहीं किया जाता था। इसलिए जिसे जितना मन होता था उतनी देर ताज महल के अंदर बिता लेता था। मगर अब ऐसा नहीं होगा क्‍योंकि अब ताज महल प्रिमाइसेस के अंदर आप केवल 3 घंटे ही बिता सकते हैं और एग्जिट गेट पर टिकट की रीचेकिंग होगी। टिकट पर पर्यटक की एंट्री का टाइम लिखा होगा। एग्जिट करते वक्‍त गार्ड टाइम चेक करेगा। अगर कोई भी व्‍यक्ति 3 घंटे से ज्‍यादा देर रुका होगा तो उसे दूसरे टिकट का पैसा देना होगा।

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ताजमहल देखने के लिए इस तरह की पाबंदी पहले कभी नहीं की गई थी मगर जब से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सर्वे में पाया गया कि लोगों की भीड़ से भी ताजमहल की खूबसूरती को नुकासन पहुंच रहा है तब से ही प्‍लान तैयार किया जा रहा था किस तरह एक समय में अधिक लोगों की भीड़ को ताजमहल प्रिमाइसेस के अंदर आने से रोका जा सकता है। इसी प्‍लान के तहत यह निर्णय लिया गया है।

अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. भुवन विक्रम बताते हैं, यह स्‍मारक 17वीं शताब्‍दी की है और यहां रोज ही 1000 से अधिक पर्यटकों की भीड़ आती है वीकेंड्स पर तो 50000 तक पर्यटक इस स्‍मारक को देखने आते हैं। एक साथ इतने लोगों के आने से ताजमहल के सफेद संगमरमर के पत्‍थरों को भी नुकसान पहुंच रहा है। इतने सारे लोगों को एक साथ मैनेज करना केंद्रीय औद्योगिकी सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था इसलिए हम ने यह समय सीमा तय की है।

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ताज महल प्रबंधन द्वारा टाइम ट्रैक करने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर भी बनाया गया है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से किसने कितना टाइम ताज के अंदर बिताया इसका पूरा रिकॉर्ड रहेगा। वैसे अब एक नए बदलाव के तहत बच्‍चों का भी ताजमहल देखने का टिकट लगेगा। परेशान न हों। पहले की तरह अब भी 15 तक के बच्‍चे का इस स्‍मारक को देखने के लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा मगर बच्‍चों को साथ लाने के लिए जीरो वैल्‍यू टिकट खरीदना होगा। यह टिकट नि:शुल्‍क होगा। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि बच्‍चों के टाइम को भी ट्रैक किया जा सके।

वैसे आपको बता दें कि ताज को देखने के लिए पहले कोई भी टिकट नहीं लगता था। पहले लोग ताज को देखने बिना टिकट आते थे मगर ताज में लगने वाली भीड़ और भीड़ से हो रहे नुकसान को देखते हुए 1996 में ताज महल प्रबंधन ने टिकट का प्रावधान किया। मगर इसके बाद से टिकट या टाइमिंग में कोई भी बदलाव नहीं किए गए। ऐसा पहली बार हो रहा है जब ताज को देखने की एक समय सीमा बना दी गई है।

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