समोसे, राजमा चावल, गुलाब जामुन, बिरयानी...अरे, अरे क्या हुआ? क्या इन डिशेज का नाम सुनकर आपके मुंह में भी पानी आने लगा है? कुछ व्यंजन तो ऐसे हैं तो हमारे जीवन में रच-बस गए हैं। चाय के साथ समोसा खाए बिना सर्दियों की शाम पूरी नहीं होती। लंच में राजमा चावल और कभी न कभी बिरयानी का आनंद ले ही लिया जाता है। ये जो डिशेज हम इतना पसंद करने लगे हैं और जो हमारे जीवन का इतना अहम हिस्सा बन गई हैं क्या वह वाकई भारत में बनाई गई थी?
आपको शायद जानकर हैरानी होगी, लेकिन भारत में सबसे अधिक खाया जाने वाले कुछ व्यंजन वास्तव में भारतीय नहीं हैं। जब विदेश से लोग आने लगे तो वह अपने साथ कई सामग्रियां, कई व्यंजन लाए और फिर वहीं विदेशी चीजें जल्दी भारतीय बन गईं। अब वो डिशेज भारत की परंपराओं में इतनी गहरी जड़ें जमा चुके हैं कि बाकी लोग भी सोचते हैं कि यह भोजन भारतीय ही हैं।
आज उन विदेशी फूड की एक छोटी लिस्ट आपके सामने हम ला रहे हैं, इन्हें पढ़कर आपको भी हैरानी होगी कि जिन्हें आज तक आपने इंडियन समझा वो वास्तव में यहां से नहीं हैं।
1. गुलाब जामुन
सारी मिठाइयां एक तरफ और गुलाब जामुन के लिए हम भारतीयों के इमोशन एक तरफ होते हैं। सर्दियों में गर्मागर्म गुलाब जामुन खाने में अच्छा भी बहुत लगता है। आपको जानकर हैरानी होगी यह मिठाई भारतीय नहीं फारसी है।
2. समोसा
यह भारत का पसंदीदा स्ट्रीट फूड है लेकिन आपको बता दें कि यह भारतीय डिश नहीं है। समोसा वास्तव में 10वीं शताब्दी से पहले मध्य पूर्व में उत्पन्न हुए थे। इसे पहले 'सम्बोसा' कहा जाता था और 14 वीं शताब्दी के आसपास मध्य एशिया के व्यापारियों द्वारा भारत में लाया गया था।
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3. राजमा
हर पंजाबी घर में संडे को राजमा-चावल का दिन होता है। इसे भले ही पंजाबी राजमा-चावल कहते हैं, लेकिन यह भारत से नहीं है। यह वास्तव में पुर्तगाल से भारत में लाया गया था और फिर मेक्सिकन लोगों ने इसे भिगोने और उबालना की प्रक्रिया शुरू की। भारत में आने के बाद हम इसे ग्रेवी के रूप में तैयार करने लगे। प्याज, लहसुन, टमाटर और अन्य मसालों के साथ तैयार की गई इस रेसिपी को चावल और पराठे के साथ खूब खाया जाने लगा।
4. जलेबी
जलेबी के इतिहास के बारे में बात करें तो यह मध्य पूर्व में बनाई गई थी। इसे मूल रूप से 'जलाबिया' (अरबी) या 'जालिबिया' (फारसी) नाम दिया गया था। भारत में आने के बाद यह जलेबी हो गया और फिर इसी से प्रेरित होकर इमरती बनी थी जो मुगल किचन में पहली बार बनी। जलेबी के साथ रबड़ी का कॉम्बिनेशन आज देशभर में खूब पसंद किया जाता है (जलेबी का इतिहास)।
5. बिरयानी
यह तो आपने बिल्कुल नहीं सोचा होगा कि बिरयानी विदेशी हो सकती है। मगर यह बिल्कुल सच है!कोलकाता, हैदराबाद और लखनऊ की बिरयानी (बिरयानी कबाब रेसिपी) भले ही प्रसिद्ध हो लेकिन इस डिश की उत्पत्ति भी फारस में हुई। फारसी में इसे बिरियन कहा जाता था, जिसका अर्थ खाना पकाने से पहले तला हुआ होता है।
6. नान
चिकन डिशेज के साथ ज्यादातर तंदूरी नान पसंद की जाती है। इसे भी कई लोग भारतीय समझते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि नान भी सबसे पहले फारसियों ने बनाई थी। उन्हीं के साथ यह भारत तक पहुंची और भारतीयों के दिल में और पेट में इसने जगह बना ली।
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इसके अलावा फिल्टर कॉफी, गोवा की फेमस डिश विंडालू, चिकन टिक्का मसाला आदि जैसी कई अन्य डिशेज हैं जो भले ही भारत में प्रसिद्ध हैं, लेकिन यह भी बाहर ही बनीं।
आपको ऐसे किसी डिश के बारे में पता हो तो हमें कमेंट कर बताएं। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
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