शायद आपको मालूम हो! अगर नहीं, तो आपको बता दें कि भारत लगभग 60 हज़ार में भी अधिक देवी-देवतायों की भूमि के रूप में प्रसिद्ध है। यहां हर चार कदम पर एक पवित्र मंदिर दिखाई दे देता है। जम्मू-कश्मीर के लेकर कन्याकुमारी और अरुणाचल प्रदेश में लेकर गुजरात तक आप यात्रा कर लीजिए। इन जगहों पर एक से एक पवित्र मंदिर दिखाई देंगे और यहां घूम भी सकते हैं। इन हजारों मंदिर में से कुछ ऐसे भी मंदिर जो एक चमत्कारी मंदिरों के रूप में भारत में ही नहीं बल्कि, विश्व भर में प्रसिद्ध है। इन चमत्कारी मंदिरों में अपार श्रद्धा रखने वाले भक्तों की दिन-रात भीड़ लगी रहती है। आज इस लेख में हम आपको भारत में मौजूद कुछ ऐसे ही चमत्कारी मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो भक्तों के लिए एक अटूट विश्वास का घर भी है। तो आइए जानते हैं।
तिरुपति बालाजी मंदिर
तिरुमला की पहाड़ी पर स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर आंध्र प्रदेश के साथ-साथ दक्षिण-भारत के लिए सबसे चमत्कारी मंदिर और ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है। वेंकटेश्वर मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध यहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इस मंदिर में बालों को अर्पित करते हैं। इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि वेंकटेश्वर जी की पीठ साफ करने के बाद अपने आप गीली हो जाती है। भक्तों की माने तो उनका कहना है कि वेंकटेश्वर जी की पीठ पर कान लगाने पर समुद्र जैसी ध्वनि सुनी जाती है, जो किसी चमत्कार से कम नहीं।
महाकालेश्वर मंदिर
उत्तरखंड में मौजूद केदारनाथ मंदिर के बाद भगवान शिव का सबसे पवित्र और सबसे अधिक चमत्कारी मंदिर माना जाता है तो वो हैं महाकालेश्वर मंदिर। मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में मौजूद ये मंदिर भारत में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि जब भी भगवान शिव की आरती होती है, तो इस आरती में मुर्दे की भस्म से उनका श्रृंगार किया जाता है। (विश्व के सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर) कहा जाता है कि अगर भक्त सच्चे मन से यहां शिव की भक्ति में मग्न हो जाते हैं, उनकी मनोकामन यक़ीनन पूरी हो जाती हैं। इस मंदिर को तंत्र-मंत्र के मामले में भी चमत्कारी मंदिर माना जाता है।
कामाख्या देवी
मुझे याद है, जब मैं तकरीबन सात से आठ साल का था तो घर वालों से पूछा था कि कहा जा रहे हैं, तो उन्होंने कहा था 'कामाख्या देवी दर्शन के लिए जा रहे हैं'। खैर, असम की राजधानी गुवाहाटी में मौजूद कामाख्या देवी मंदिर देवी दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि चट्टान के रूप में बनी योनि से रक्त का स्राव होता है, जो लाखों भक्तों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। रक्त के स्राव के कारण मंदिर का दरवाजा कई दिनों तक बंद भी रहता है। इस मंदिर को तांत्रिक शक्तिवाद के रूप में भी जाना जाता है।
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अंबा माता मंदिर
गुजरात के जूनागढ़ शहर में मौजूद अंबा माता मंदिर देवी दुर्गा के 51 शक्ति पीठो में से एक है। एक पहाड़ पर निर्मित इस मंदिर में दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। कहा जाता है कि गुजरात के साथ-साथ अन्य राज्यों के लोग यहां नवविवाहित जोड़े माथा नहीं टेकते हैं, हमेशा दुखी ही रहते हैं। इसलिए यहां शादी के बाद हर जोड़ा देवी दुर्गा जी से आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं।(बिहार के 4 प्रसिद्ध धार्मिक स्थल)
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