दिल्ली में 6 फेमस मंदिर ऐसे हैं जहां दर्शन करने के लिए कोसो दूर से लोग आते हैं। क्या आप उन 6 फेमस मंदिरों के बारे में जानती हैं?
शायद आपको दिल्ली के कुछ फेमस मंदिरों के नाम याद आ रहे होंगे लेकिन क्या आपको यह पता है कि ये मंदिर फेमस क्यों हैं?
तो चलिए हम इस आर्टिकल के जरिए दिल्ली के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में आपको बताते हैं जो एक तरफ बेहद खूबसूरत और शांत हैं तो वहीं दूसरी तरफ इन मंदिरों कि वास्तुकला किसी भी टूरिस्ट को अपनी तरफ attract करती हैं। तो अब देर किस बात की चलिए जानते हैं दिल्ली के उन मंदिरों के बारे में जिसे एक ट्रेवलर को अपनी दिल्ली ट्रिप प्लान करते टाइम इन मंदिरों को अपनी must visit लिस्ट में जरूर शामिल करना चाहिए।
आपको जो ऊपर फोटो नजर आ रही है वो दिल्ली का स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर है जिसे अक्षरधाम मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर में भारतीय संस्कृति और वास्तुकला को बहुत खूबसूरती के साथ दर्शाया गया है।
अक्षरधाम मंदिर को पूरा बनने में लगभग 5 साल का समय लगा जिसे श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के नेतृत्व में पूरा किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर को लगभग11000 कारीगरों ने मिलकर बनाया था और इस मंदिर को आधिकारिक तौर पर 6 नवम्बर साल 2005 को खोला गया था।
यहां आपको बता दें कि पूरा मंदिर परिसर 5 प्रमुख भागों में बांटा गया है। यदि आप दिल्ली में हैं तो इस मंदिर को जरूर देखने जाएं। यहां आपको देखने के लिए बहुत कुछ मिलेगा।
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दिल्ली के बिरला मंदिर को लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर बहुत ही ज्यादा खूबसूरत हैं और विदेशी इस मंदिर की तरफ बहुत ज्यादा attract होते हैं।
इस मंदिर का निर्माण उद्योगपति जी. डी. बिरला ने करवाया था। दिल्ली के सबसे सुंदर मंदिरों में से एक यह मंदिर देवी लक्ष्मी और भगवान नारायण को समर्पित है। इसके अलावा इस मंदिर के चारों ओर भगवान कृष्ण, शिव, गणेश, हनुमान और बुद्ध को समर्पित छोटे मंदिर भी हैं। यहां देवी दुर्गा को समर्पित एक मंदिर भी है।
कनॉट प्लेस के पास मंदिर मार्ग पर स्थित यह मंदिर पूरे हफ्ते खुला रहता है।
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दिल्ली का फेमस कमल मंदिर जिसे ज्यादातर लोग Lotus Temple के नाम से जानते हैं। इस मंदिर की बनावट कमल के फूल की तरह है। दूर-दूर से लोग इस मंदिर को देखने के लिए आते हैं। इस मंदिर में लगभग 9 दरवाजे हैं और लगभग 2300 लोग इस मंदिर में एक साथ प्रवेश कर सकते हैं।
इस मंदिर को बनवाने में लगभग 10 साल गए थे और इस मंदिर के अंदर किसी तरह की कोई फोटो और मूर्ति नहीं है।
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छतरपुर मंदिर दिल्ली के साउथ में छतरपुर में स्थित है और इस मंदिर को श्री अध्यई कात्यािनी शक्ति पीठ भी कहा जाता है। यह मंदिर देवी कात्यांयनी जो देवी दुर्गा का छठां स्विरूप है को समर्पित है।
इस मंदिर को मां दुर्गा के एक भक्तद स्वा मी नागपाल ने बनवाया था। यह मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है और आसपास खूबसूरत बगीचों से भी घिरा हुआ है। इस मंदिर की नक्कासशी दक्षिण भारतीय वास्तु कला में की गई है।
इस मंदिर के अंदर लगभग 20 छोटे मंदिर भी तीन विभिन्न परिसरों में बने हुए हैं।
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नेहरू प्लेस के पास स्थित इस्कॉन मंदिर दिल्ली का एक ऐसा मंदिर है, जहां अंग्रेजों की अच्छी-खासी भीड़ नजर आती है। यह इस्कॉन समाज का मंदिर है जिसे श्री श्री राधा पार्थसारथी मंदिर भी कहा जाता है। दिल्ली में इस्कॉन मंदिर का निर्माण इंटरनेशनल सोसायटी ‘कृष्ण चेतना’ द्वारा साल 1998 में कराया गया था। यह मंदिर राजधानी में सबसे भव्य मंदिरों में से एक है और यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस्कॉन मंदिर को हरे राम हरे कृष्ण पंथ के भक्तों द्वारा श्रीमद भगवत गीता के संदेश को पहुंचाने के लिए बनाया गया था। दिल्ली में इस्कॉन मंदिर भारत के सबसे बड़े मंदिर में से एक है और इस मंदिर की भव्यता वास्तुकला की एक अच्छी मिसाल भी है।
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यह मंदिर दिल्ली में नेहरू प्लेस के पास कालकाजी में स्थित है। इस मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर आता है, वो जरूर पूरी होती है।
यह मंदिर दुनिया के प्राचीन मंदिरों में से एक है और इस मंदिर का इतिहास 3000 साल पुराना माना जाता है। नवरात्रों के दौरान यहां एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु आते हैं।
इस मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि इसी जगह मां ने महाकाली के रूप में प्रकट होकर राक्षसों का सहंगार किया था। तभी से इसे मनोकामना सिद्धपीठ के रूम में भी जाना जाता है। सतयुग काल में भगवान कृष्ण ने युद्ध से पहले पांडवों के साथ यही पर पूजा की थी और युद्ध जीतने के बाद ललिता यज्ञ भी यहीं हुआ था।
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