देशभर में भारी संख्या में शिव भक्त हैं, यही वजह है कि शिव मंदिरों में पूरे साल लोगों का तांता लगा रहता है। वहीं, सावन के महीने में शिव धामों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में जो भी सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करता है, उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन के सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाने का चलन है। जब शिव की इतनी महिमा है तो चलिए सावन के इस पावन अवसर पर जानते हैं कि शिव की सबसे अद्भूत प्रतिमाएं कहां-कहां स्थित हैं।
कर्नाटक में स्थित भगवान शिव की मूर्ति
दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के मुर्डेश्वर में स्थित भगवान शिव की मूर्ति विश्व की दूसरे नंबर की सबसे बड़ी मूर्ति है। यह अरब सागर के तट पर स्थित है। मुर्डेश्वर मंदिर परिसर के बाहर स्थापित इस मूर्ति की ऊंचाई 123 फीट है। मुर्डेश्वर भटकल तहसील में स्थित एक कस्बा है। तीनों ओर से पहाड़ियों से घिरे इस मंदिर में भगवान शिव का आत्मलिंग स्थापित है, ऐसा माना जाता है कि इसका संबंध रामायण काल से है।
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हरिद्वार में स्थित भगवान शिव की मूर्ति
उत्तराखंड के हरिद्वार की हर की पौड़ी के पास गंगा घाट पर स्थित यह मूर्ति सभी का ध्यान आकर्षित करती है। यह मूर्ति इतनी विशाल है कि इसे दूर-दूर से देखा जा सकता है। यह मूर्ति इस शहर की शोभा है और इस शहर के धार्मिक इतिहास को बयां करती है। मूर्ति खड़ी मुद्रा में स्थापित है और इसकी ऊंचाई लगभग 100 फीट है। देश के सबसे पवित्र घाटों में से एक हर की पौड़ी के बारे में ऐसा माना जाता है कि यह घाट विक्रमादित्य ने अपने भाई भर्तृहरि की याद में बनवाया था। इस घाट की सबसे खूूबसूरत बात यह है कि यहां हर शाम गंगा की आरती की जाती है, जिसमें हजारों दीपक जलाएं जाते हैं।
गुजरात में स्थित भगवान शिव की मूर्ति
गुजरात के दारुकावन में स्थित नागेश्वर महादेव की यह मूर्ति बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। आपको बता दें के गुजरात में दो ज्योतिर्लिंग (सावन में शिवलिंग में चढ़ाएं ये 5 पत्ते) हैं जिसमें से पहला सोमनाथ और दूसरा नागेश्वर महादेव। यह बहुत ही भव्य मंदिर है और इसके प्रांगण में भगवान शिव की 82 फीट ऊंची और 25 फीट चौड़ी विशालकाय मूर्ति है। इस मूर्ति को बेहद सुंदर तरीके से बनाया गया है और यहां दूर-दूर से लोग इस मूर्ति के दर्शनों के लिए आते हैं।
कर्नाटक में स्थित भगवान शिव की मूर्ति
शिवगिरी महादेव की यह विशालकाय मूर्ति कर्नाटक के बीजापुर जिले के शिवपुर नामक स्थान में स्थित है। साल 2006 में स्थापित की गई इस मूर्ति की ऊंचाई लगभग 85 फीट है। यहां 2011 में शिव की बैठी हुई मूर्ति भी स्थापित की गई है। यहां सालभर लोगों का तांता लगा रहता है।
ओडिशा में स्थित भगवान शिव की मूर्ति
यह मूर्ति ओडिशा के भंजनगर में स्थित है। चंद्रशेखर महादेव नामक मंदिर (शिव मंदिर के खंभों से आती है मधुर धुन) के पास इस मूर्ति को स्थापित किया गया है। इस मूर्ति को बेलीश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है और इसकी ऊंचाई लगभग 61 फीट है। इस मूर्ति का अनावरण 6 मार्च 2013 को किया गया था।
मध्यप्रदेश में स्थित भगवान शिव की मूर्ति
यह मूर्ति एमपी के जबलपुर जिले के कचनार शहर में स्थित है। शिव मंदिर के करीब स्थापित यह मूर्तिदिखने में बेहद खूबसूरत है, इसकी ऊंचाई76 फीट है। इस मंदिर में बारह ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृतियां बनी हुई हैं। अगर आप यहां शिव के दर्शन करने जा रही हैं तो मूर्ति के अलावा यहां आप 64 योगिनी मंदिर और कान्हा नेशनल पार्क भी घूम सकती हैं।
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बेंगलुरु में स्थित भगवान शिव की मूर्ति
बेंगलुरु में स्थित कैम्प फोर्ट शिव मूर्ति की स्थापना 1995 में की गई थी। यहां भगवान शिव (शिवलिंग का 7 धाराओं से करें अभिषेक) पद्मासन की अवस्था में विराजमान हैं। इस मूर्ति की ऊंचाई 65 फीट है। एयरपोर्ट रोड पर स्थित इस मूर्ति को बेहद ही खूबसूरत तरीके से बनाया गया है और लाखों लोग यहां मूर्ति के दर्शन के लिए आते हैं। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो जुड़ी रहिए हमारे साथ। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए पढ़ती रहिए हरजिंदगी।
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