Murdeshwar Shiva Temple In Karnataka: सावन का पावन महीना एक सप्ताह पहले से ही शुरू हो चुका है। शिव भक्तों के लिए सावन का महीना बेहद ही खास और पवित्र होता है। शिव भक्त देश भर में मौजूद पवित्र और फेमस शिव मंदिरों में दर्शन और जल अर्पित करने के लिए सुबह से ही लाइन में लग जाते हैं।
भारत में करोड़ों की संख्या में शिव मूर्तियां मौजूद हैं। राजस्थान के राजसमंद जिले में मौजूद भगवान शिव की मूर्ति सबसे बड़ी मूर्ति मानी जाती है, लेकिन अगर आपसे यह पूछा जाए कि भगवान शिव की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति भारत के किस राज्य में हैं, तो फिर आपका जवाब क्या होगा?
इस आर्टिकल में हम आपको भारत में स्थित दूसरी सबसे अधिक शिव मूर्ति के बारे में बताने जा रहे हैं। भगवान शिव की इस मूर्ति के बारे में जानने के बाद आप भी दर्शन करने जरूर जाना चाहेंगे।
भगवान शिव की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति कहां है?
भारत में स्थित भगवान शिव की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति के बारे में जानने से पहले यह जान लेते हैं कि यह विशाल मूर्ति कहां स्थित है। भगवान शिव की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति कर्नाटक के स्थित है। यह विशाल मूर्ति कर्नाटक के कंडुका पहाड़ी पर बनी है। कहा जाता है कि इस विशाल मूर्ति को एन शेट्टी ने करबाया था जोकि एक व्यवसायी और परोपकारी थे। आपको यह भी बता दें कि यह मंदिर समुद्र तट के किनारे मौजूद है।
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दूसरी सबसे बड़ी शिव मूर्ति नाम क्या है?
कर्नाटक के भटकल जिले में मौजूद भगवान शिव के इस मूर्ति का नाम मुर्देश्वर/मुरुदेश्वर भगवान है। इस विशाल मूर्ति ऊंचाई 123 फीट यानी लगभग 37 मीटर है। कहा जाता है कि इस विशाल मूर्ति को शिवमोग्गा के काशीनाथ और कई अन्य मूर्तिकारों द्वारा बनाया गया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान में स्थित भगवान शिव की मूर्ति 369 फीट ऊंची है।(महाराष्ट्र की धार्मिक यात्रा)
मुर्देश्वर/मुरुदेश्वर मंदिर की पौराणिक कथा
मुर्देश्वर मंदिर की पौराणिक कथा रामायण काल से है। कहा जाता है कि जब रावण शिव की आराधना करने के बाद आत्मलिंग लेकर लंका जा रहा था, तभी रास्ते में उसे रखना पड़ा और बाद में शिव लिंग उसी स्थान को स्थापित हो गया। बाद में रावण ने शिवलिंग को उठाने की कोशिश की पर नहीं उठा। कहा जाता है कि शिव पुराण में इस कथा के बारे में विस्तार से लिखा गया है।
मुर्देश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना का समय क्या है?
मुर्देश्वर मंदिर भारत के साथ-साथ पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है। ऐसे में यहां हर दिन लाखों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते रहते हैं। खासकर, महाशिवरात्रि और सावन के महीने में लाखों भक्त पहुंचते हैं।
- दर्शन का समय-सुबह 6 बजे से लेकर रात 8 बजे तक।
- पूजा का समय-सुबह- 5 बजे लेकर रात बजे तक।(कर्नाटक के प्रसिद्ध शिव मंदिर)
- रुद्राभिषेक का समय- सुबह 6 बजे लेकर 12 बजे के बीच में।
- नोट: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंदिर में प्रवेश करने के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है।
मुर्देश्वर मंदिर कैसे पहुंचें?
मुर्देश्वर मंदिर पहुंचना बहुत आसान है। आप सड़क, हवाई और ट्रेन के माध्यम से भी पहुंच सकते हैं।
- हवाई यात्रा-मंदिर के सबसे पास में मंगलौर हवाई अड्डा है। मंदिर 159 किमी की दूरी पर है। यहां से टैक्सी या कैब लेकर जा सकते हैं।
- ट्रेन यात्रा-देश के किसी भी कोने से मुरुदेश्वर रेलवे स्टेशन पहुंच सकते हैं। मुरुदेश्वर रेलवेस्टेशन मंदिर 3 किमी की दूरी पर है।
- सड़क मार्ग-मुर्देश्वर सड़क मार्ग से जुडा हुआ है। कर्नाटक के किसी भी शहर से आप यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।
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Image Credit:(@shutterstocks)
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