About Annamalaiyar Or Arunachalesvara Temple: हिंदुस्तान एक ऐसा देश है, जहां आपको हर पांच किलोमीटर में एक से एक पवित्र और प्रसिद्ध मंदिर मिल जाएगा । इसलिए हिंदुस्तान को कई लोग मंदिरों के घर के नाम से भी जानते हैं।
हिंदुस्तान अन्य मंदिरों के अलावा कई विश्व प्रसिद्ध, प्राचीन और पवित्र शिव मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। पूर्व भारत से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण भारत में एक से एक प्रसिद्ध शिव मंदिर मौजूद हैं, जहां हर दिन हजारों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
दक्षिण भारत में स्थित अन्नामलाईयार भी एक ऐसा शिव मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां जो भी सच्चे मन से पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। इस आर्टिकल में हम आपको अन्नामलाईयार मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।
अन्नामलाईयार मंदिर कहां है? (Where Is Annamalaiyar Temple)
अन्नामलाईयार मंदिर की खासियत और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानने से पहले आपको यह बता दें कि यह प्रसिद्ध मंदिर तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले के तिरुवन्नामलाई शहर में स्थित है। इस प्रसिद्ध मंदिर को कई लोग अरुणाचलेश्वर मंदिर के नाम से भी जानते हैं।
आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि अन्नामलाईयार मंदिर तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 196 किमी दूर है। इसके अलावा, यह मंदिर पुडुचेरी से करीब 111 और सलेम से करीब 169 किमी दूर है।
अन्नामलाईयार मंदिर का इतिहास? (Annamalaiyar Temple History)
अन्नामलाईयार या अरुणाचलेश्वर मंदिर का इतिहास काफी पुराना माना जाता है। भगवान शिव जो समर्पित इस शिव मंदिर का इतिहास करीब 9 वीं शताब्दी के आसपास का बताया जाता है।
अन्नामलाईयार मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस चोल, विजयनगर और होयसल जैसे राजवंशों ने द्वारा इस प्रसिद्ध मंदिर के परिसर का विस्तार किया था। इसलिए कई लोग इस मंदिर का इतिहास चोल, विजयनगर और होयसल जैसे राजवंशों के साथ जोड़कर भी देखते हैं।
अन्नामलाईयार मंदिर की वास्तुकला (Annamalaiyar Temple Architecture)
अन्नामलाईयार मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर तो ही है, साथ में यह अपनी वास्तुकला से भी लोगों को खूब आकर्षित करता है। अन्नामलाई पहाड़ी के तल पर मौजूद इस पवित्र मंदिर में चार प्रवेश द्वार है, जिसे कई लोग गोपुरम के नाम से भी जानते हैं।
अन्नामलाईयार मंदिर में सबसे ऊंचा टॉवर करीब 66 मीटर है। मंदिर की दीवारों और किनारों पर उकेरी गई चित्र सैलानियों को सबसे अधिक आकर्षित करती है। आपको यह भी बता दें कि अन्नामलाईयार 10 हेक्टेयर में फैला हुआ है और इसे दक्षिण भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक माना जाता है।
अन्नामलाईयार मंदिर की पौराणिक कथा (Annamalaiyar Temple Myth)
अन्नामलाईयार मंदिर की पौराणिक कथा काफी रोचक है। पौराणिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि भगवान शिव इसी जगह अग्नि के रूप प्रकट हुए थे। यह भी कहा जाता है कि यह जिस पहाड़ पर मंदिर मौजूद है, उसे आग का प्रतीक माना जाता है।
अन्नामलाईयार मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह पांच तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए इस मंदिर को कई लोग पंच भूत स्थलों में से एक मानते हैं।
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महाशिवरात्रि पर भक्तों लगती हैं भीड़ (Annamalaiyar Temple On Maha Shivaratri)
अन्नामलाईयार मंदिर शिव भक्तों के लिए बेहद खास माना जाता है। यहां हर समय भक्तों की भीड़ मौजूद रहती हैं। महाशिवरात्रि के मौके पर यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन और पूजा-पाठ करने के लिए पहुंचते हैं। महाशिवरात्रि के मौके पर मंदिर के आसपास खूब रौनक देखने को मिलती है।
अन्नामलाईयार मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां जो भी भक्त सच्चे मन से पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। इसलिए इस मंदिर का दर्शन करना कई लोगों के लिए सपना होता है।
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