भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जिनका संबंध रामायण और महाभारत से है। इन्हीं में से एक भगवान भोलेनाथ का मंदिर है, जहां माना जाता है कि लंकापति रावण ने स्वयं शिवलिंग की स्थापना की थी। भगवान भोलेनाथ का यह मंदिर अपनी आध्यात्मिकता, पौराणिक मान्यता और सुंदर वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। जी हां, हम यहां जिस शिव मंदिर की बात कर रहे हैं वह हिमाचल प्रदेश की सुंदर वादियों के बीच बना है और यहां महादेव के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पालमपुर शहर से 16 किलोमीटर दूर भगवान शिव का बैजनाथ मंदिर है। यहां भगवान शिव की पूजा होती है। ऐसा माना जाता है कि बैजनाथ भगवान शिव का अवतार हैं और वह अपने भक्तों के सभी दुखों और पीड़ा को दूर करते हैं। आइए, यहां जानते हैं कि भगवान शिव के मंदिर बैजनाथ के लिए क्या प्रचलित मान्यताएं हैं।
हिमाचल प्रदेश के पालमपुर के पास स्थित बैजनाथ शिव मंदिर को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं हैं। जिसमें से सबसे ज्यादा यह प्रचलित है कि यहां शिवलिंग की स्थापना लंकापति रावण ने की थी। ऐसा माना जाता है कि रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हिमालय में तपस्या की थी। लेकिन, जब कोई फल नहीं मिला तो रावण अपना सिर काटकर हवन कुंड में आहुति देने का फैसला लिया। लेकिन, तभी भगवान शिव प्रकट हुए और उन्होंने रावण से वरदान मांगने के लिए कहा। तब रावण ने उन्हें अपने साथ चलने और अत्यंत बलशाली बनाने का वरदान मांगा। भगवान शिव ने वरदान दे दिया और साथ ही शिवलिंग बनकर साथ चलने के लिए तैयार हो गए, लेकिन साथ ही कहा कि लंका पहुंचने तक शिवलिंग को रास्ते में कहीं न रखे।
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भगवान शिव के वरदान के बारे में जैसे ही देवताओं को पता लगा, तो वह घबराकर भगवान विष्णु के पास गए और प्रार्थना की। इसके बाद भगवान विष्णु ने किसान का रूप धारण किया और मंदिर स्थल के पास खेत में काम करने लगे। वहीं, जब रावण थककर रास्ते में रुका, तो खेत में काम कर रहे किसान को शिवलिंग पकड़ा दिया और जमीन पर न रखने का आग्रह किया। लेकिन, किसान रूपी भगवान विष्णु ने शिवलिंग जमीन पर रख दिया, जिसके बाद शिवलिंग उसी स्थान पर स्थापित हो गया।
अगर आप भगवान शिव के दर्शन करने के लिए बैजनाथ शिव मंदिर जाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको सबसे पहले हिमाचल प्रदेश के पालमपुर पहुंचना होगा। आप दिल्ली से पालमपुर बस और ट्रेन में जा सकते हैं।
बैजनाथ मंदिर जाने के लिए दिल्ली से पठानकोट या चंडीगढ़-ऊना वाला ट्रेन रूट लिया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले दिल्ली से पठानकोट पहुंचे और वहां से पालमपुर के लिए ट्रेन लें। पालमपुर पहुंचने के बाद आप बस या टैक्सी से भी बैजनाथ मंदिर जा सकते हैं।
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दिल्ली से पालमपुर के लिए हर दिन हिमाचल रोडवेज की बस चलती है, जिसकी टिकट आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ले सकते हैं। पालमपुर पहुंचने के बाद आप बस स्टैंड से बैजनाथ के लिए ट्रैवल कर सकते हैं।
बस और ट्रेन के अलावा आप हवाई जहाज से भी ट्रैवल कर सकते हैं। लेकिन, पालमपुर में कोई एयरपोर्ट नहीं है, ऐसे में आप कांगड़ा जिले के गग्गल तक हवाई जहाज से पहुंच सकते हैं और उसके आगे टैक्सी या बस से बैजनाथ मंदिर पहुंच सकते हैं।
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Image Credit: Jagran and Writer's Personal
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