Mysterious Shiva Temples: दक्षिण भारत के इन शिव मंदिरों की रहस्यमयी कहानियां शायद आप भी नहीं जानते होंगे

Famous Shiva Temples: दक्षिण भारत की खूबसूरती के बारे में तो लगभग हर कोई जानता होगा, लेकिन क्या आप देश के इस हिस्से में स्थित इन शिव मंदिरों की रहस्यमयी कहानियों के बारे में जानते हैं? 
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Shiva Temples In South India: दक्षिण भारत अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। देश के इस हिस्से में ऐसी कई अद्भुत और चमत्कारी जगहें मौजूद हैं, जहां दुनिया भर से पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं।

दक्षिण भारत जिस तरह अपनी कई खूबसूरत जगहों के लिए प्रसिद्ध है, ठीक उसी तरह दक्षिण भारत की कई जगहें मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध हैं। देश के इस हिस्से में ऐसे कई मंदिर मौजूद हैं, जहां दुनिया भर से श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।

दक्षिण भारत अन्य कई प्रसिद्ध और पवित्र मंदिरों की तरह शिव मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। इस आर्टिकल में हम आपको दक्षिण भारत में स्थित कुछ ऐसे शिव मंदिर की रहस्यमयी कहानियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में शायद आप भी नहीं जानते होंगे।

रामनाथस्वामी मंदिर (Ramanathaswamy Temple)

Ramanathaswamy Temple

दक्षिण भारत के तमिलनाडु में स्थित रामनाथस्वामी मंदिर को कई लोग रामेश्वरम के नाम से भी जानते हैं। यह पूर्व रूप से भगवान शिव को समर्पित सबसे प्राचीन और पवित्र मंदिरों में से एक है। रामेश्वरम, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यहां दुनिया भर से हिन्दू भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं।

रामनाथस्वामी एक ऐसा मंदिर है, जिसकी रहस्यमयी कहानी पौराणिक कथाओं पर आधारित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान राम ने लंका पर जीत प्राप्त करने के बाद ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए शिवलिंग की स्थापना की थी। मान्यता है कि भगवान राम में समुद्र के किनारे रेत से इस शिवलिंग की स्थापना की थी।

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शोर मंदिर (Shore Temple)

Shore Temple

तमिलनाडु के महाबलीपुरम जिले में स्थित शोर मंदिर, दक्षिण भारत के साथ-साथ पूरे देश का एक प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर माना जाता है। समुद्र तट के किनारे स्थित मंदिर को 'समुद्र तट का मंदिर' के नाम से ही जना जाता है। यह द्रविड़ वास्तुकला के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है।

शोर मंदिर, पूरे भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर माना जाता है, जहां भगवान विष्णु को भगवान शिव घेरे हुए हैं। जी हां, यहां बीच में भगवान विष्णु का मंदिर है और दोनों तरफ से भगवान शिव विराजमान है। कहा जाता है कि आज भी कई लोग शोर मंदिर को खगोलीय घटनाओं से जोड़कर देखते हैं।

श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर (Mallikarjuna Swamy Temple)

Mallikarjuna Swamy Temple

दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के श्रीशैलम शहर में स्थित श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर को कई लोग श्रीशैलम मंदिर के नाम से भी जानते हैं। यह भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से भी एक माना जाता है। कई लोग इसे दक्षिण भारत का कैलाश भी कहते हैं।

श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर, देश का एकमात्र ऐसा मंदिर माना जाता है, जहां भगवान शिव को श्री मल्लिकार्जुन स्वामी के रूप में और देवी पार्वती को भ्रामराम्बिका के रूप में पूजा जाता है। कहा जाता है कि सावन और महाशिवरात्रि के समय यहां जो भी सच्चे मन से पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।

बृहदेश्वर मंदिर (Brihadeeswara Temple)

Brihadeeswara Temple

तमिलनाडु के तंजौर शहर में स्थित बृहदेश्वर एक प्राचीन और पवित्र शिव मंदिर माना जाता है। इतिहास के अनुसार इस मंदिर का निर्माण चोल शासक प्रथम राजराज चोल के द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर की वास्तुकला भी दर्शनीय है।

बृहदेश्वर मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह ऐसा मंदिर है, जिसके निर्माण में चूना या सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया। बस पत्थर से ऊपर पत्थर को रखकर इस मंदिर का निर्माण किया गया है। कहा जाता है कि यहां जो भी सच्चे मन से दर्शन करने के लिए पहुंचता है, वो कभी भी खाली हाथ नहीं लौटता है। सावन और महाशिवरात्रि के मौके पर लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं।

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श्री कालहस्ती मंदिर (Srikalahasti Temple)

Srikalahasti Temple

दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित श्री कालाहस्ती एक पवित्र और विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिर माना जाता है। यह मंदिर हिंदुओं के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व है। शिव भक्त इस मंदिर को जीवन के सभी पापों को धोने के लिए एक दिव्य शक्ति स्थल के रूप में पूजते हैं।

श्री कालहस्ती मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह मंदिर पांच तत्वों में से एक यानी वायु का प्रतिनिधित्व करता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि माता पार्वती एक श्राप से मुक्ति के लिए श्री कालहस्ती में ही तपस्या थी। कहा जाता है कि यहां जो भी सच्चे मन से दर्शन करने पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।

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