Mahashivratri 2024: दक्षिण भारत के इस शिव मंदिर का दर्शन मात्र से भक्तों की हर मुरादें हो जाती हैं पूरी

अगर आप भी अपने सभी दुखों का निवारण चाहते हैं, तो महाशिवरात्रि के मौके पर दक्षिण भारत के इस पवित्र और प्रसिद्ध शिव मंदिर का दर्शन करने जरूर पहुंचे।

 

about ramanathaswamy temple tamil nadu

Ramanathaswamy temple: हिंदुस्तान जिस तरह अपनी खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में फेमस है, ठीक उसी तरह असंख्य धार्मिक स्थलों के लिए भी फेमस है।

पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण भारत में ऐसे करोड़ों मंदिर हैं, जहां दर्शन के लिए दिन हजारों भक्त दूर-दूर से पहुंचते हैं। भारत में एक से एक पवित्र और विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिर भी मौजूद हैं।

दक्षिण भारत के तमिलनाडु में मौजूद रामनाथस्वामी मंदिर एक ऐसा शिव मंदिर है, जहां हर शिव भक्त जाना चाहेगा। इस आर्टिकल में हम आपको रामनाथस्वामी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।

रामनाथस्वामी मंदिर का इतिहास (Ramanathaswamy temple history)

Ramanathaswamy temple history

रामनाथस्वामी मंदिर काफी रोचक और पुराना माना जाता है। यह पवित्र मंदिर तमिलनाडु केरामेश्वरम के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह तीर्थ स्थल हिन्दुओं के बीच काफी लोकप्रिय है। कहा जाता है कि इस पवित्र मंदिर का निर्माण करीब 12वीं सदी के किया गया था। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

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रामनाथस्वामी मंदिर की पौराणिक कथा (Ramanathaswamy temple mythology)

Ramanathaswamy temple mythology

रामनाथस्वामी मंदिर की पौराणिक कथा बेहद ही दिलचस्प है। कहा जाता है कि मंदिर की पौराणिक कथा रामायण काल से जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि भगवान राम रावण का वध करने के बाद रामेश्वरम के तट पर से लौटे तो उन्होंने रामनाथपुरम जिले में शिवलिंग को स्थापित किया और पूजा-पाठ करने के बाद अयोध्या के लिए निकल गए।(आठवें अजूबे से कम नहीं यह शिव मंदिर)

रामनाथस्वामी मंदिर को लेकर एक अन्य पौराणिक कथा है कि रामायण काल के बाद, महाभारत काल में पांडवों ने रामनाथस्वामी मंदिर का रूप दिया था। जिसे आज हम लोग रामनाथस्वामी मंदिर के नाम से भी जानते हैं। कहा जाता है कि यहां दो शिवलिंग हैं। पहला रामलिंगम और दूसरा काशीलिंगम।

रामनाथस्वामी मंदिर की वास्तुकला (Ramanathaswamy temple architecture)

Ramanathaswamy temple architecture

रामनाथस्वामी मंदिर की वास्तुकला कमाल की है। यह मंदिर करीब 1200 मीटर के चकोर क्षेत्रफल पर बना हुआ है। मंदिर में प्रवेश करने के लिए चार द्वार बने हुए हैं और हर द्वार पर गोपुरम बना है।

रामनाथस्वामी मंदिर को स्तंभ बेहद खास बनाते हैं। जी हां, इस मंदिर में करीब 1212 स्तंभ है। कहा जाता है कि इन सभी स्तंभों पर विभिन्न आकृतियां बनी हुई हैं, जो भक्तों को खूब आकर्षित करती हैं।(गुफाओं का महान महादेव मंदिर)

महाशिवरात्रि के दिन भक्तों की लगती हैं भीड़ (Ramanathaswamy temple on mahashivratri)

Ramanathaswamy temple on mahashivratri

महाशिवरात्रि के दिन रामनाथस्वामी मंदिर में भक्तों की भीड़ लग जाती हैं। महाशिवरात्रि के मौके पर सिर्फ, स्थानीय लोग ही नहीं, बल्कि देश के हर कोने से भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। महाशिवरात्रि के मौके पर मंदिर को दुल्हन की तरह सजा दिया जाता है।

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रामनाथस्वामी मंदिर घूमने का समय (Ramanathaswamy temple timing)

Ramanathaswamy temple timing

रामनाथस्वामी मंदिर का दर्शन सुबह 7 बजे से लेकर 1 तक और दोपहर 2 बजे से लेकर रात में 9 बजे के बीच कर सकते हैं। कहा जाता है कि अगर मंदिर में विशेष पूजा करनी होती है, तो उसका प्रबंध अलग से होता है और शुल्क भी देना पड़ता है।

रामनाथस्वामी मंदिर के आसपास घूमने की जगहें (best places around ramanathaswamy temple)

रामनाथस्वामी मंदिर के आसपास ऐसी कई बेहतरीन और शानदार जगहें मौजदू हैं, जिन्हें आप एक्सप्लोर कर सकते हैं। जैसे- पम्बन ब्रिज, धनुषकोडी बीच, कोठंडारामास्वामी मंदिर, अग्नितीर्थम और गंधमादन पर्वत जैसी बेहतरीन जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं।

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