About Vajreshwari Temple: देश भर में 3 अक्टूबर से नवरात्रि का पावन त्योहार शुरू होने वाला है और 12 अक्टूबर तक चलने वाला है। इस खुशी के मौके पर देश के हर कोने से नवरात्रि की धूम रहती है।
नवरात्रि के दिनों में माता का दर्शन करना काफी शुभ कार्य माना जाता है। इसलिए कई लोग नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा के मंदिरों में पूजा-पाठ करने के लिए पहुंचते रहते हैं।
देश में तो एक से एक चर्चित और पवित्र दुर्गा मंदिर मौजूद हैं, जहां हर दिन हजारों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। महाराष्ट्र में मौजूद वज्रेश्वरी योगिनी देवी मंदिर भी एक ऐसा दुर्गा मंदिर है, जिसके बारे में बोला जाता है कि नवरात्रि में यहां जो भी सच्चे मन से पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।
वज्रेश्वरी योगिनी देवी मंदिर महाराष्ट्र में कहां है? (Where is Vajreshwari Temple Maharashtra)
वज्रेश्वरी देवी की खासियत बताने से पहले आपको यह बता दें कि यह पवित्र और प्रसिद्ध मंदिर महाराष्ट्र के वज्रेश्वरी में मौजूद है। वज्रेश्वरी शहर मुंबई से करीब 75 किमी की दूरी पर मौजूद है।
वज्रेश्वरी योगिनी देवी मंदिर मुंबई के अलावा ठाणे से करीब 43 किमी, वसई से करीब 26 किमी और कल्याण से करीब 43 किमी की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर आसपास के इलाकों में प्रसिद्ध है।
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वज्रेश्वरी देवी मंदिर का इतिहास (Vajreshwari Temple History)
वज्रेश्वरी देवी मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। माता दुर्गा को समर्पित वज्रेश्वरी देवी मंदिर के इतिहास को लेकर कई मिथक है। जी हां, इस मंदिर का इतिहास मराष्ट्रा साम्राज्य से लेकर पुर्तगालियों तक जुड़ा हुआ है।
कहा जाता है कि वज्रेश्वरी देवी मंदिर का निर्माण चिमाजी अप्पा पेशवा ने करवाया था। कुछ लोगों का मानना है कि इस मंदिर को पुर्तगालियों ने नष्ट कर दिया था, लेकिन आब में जब चिमाजी अप्पा पेशवा ने वसई के किले को जीता तब इस मंदिर का निर्माण करवाया। कह जाता है कि इस मंदिर ने मराठा साम्राज्य के इतिहास को करीब देखा है।
वज्रेश्वरी देवी मंदिर की पौराणिक कथा (Vajreshwari Temple Myth)
वज्रेश्वरी देवी मंदिर की पौराणिक कथा काफी रोचक है। कहा जाता है कि यह देवी वज्र से प्रकट हुईं थी और उन्होंने के कई राक्षसों का नाश किया था। मान्यता के अनुसार यहां जो भी सच्चे मन से दर्शन के लिए पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। यहां वज्रेश्वरी देवी के साथ-साथ रेणुका माता, कालिका माता और महालक्ष्मी माता की मूर्तियां भी मौजूद हैं।
वज्रेश्वरी देवी मंदि प्रागंण में एक गर्म गुंड स्थित है, इस कुंड के बारे में कहा जाता है कि इसमें स्नान करने से सभी दुखों का निवारण हो जाता है। खासकर, नवरात्रि के मसय यहां कई लोग स्नान करने के बाद भी माता का दर्शन करने पहुंचते हैं।
नवरात्रि में होती है भीड़ (Vajreshwari Temple On Navratri)
नवरात्रि में इस मंदिर की रौनक देखने लायक होती है। मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए करीब 52 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है और नवरात्रि के समय इन सीढियों को हजारों किस्म के फूलों से सजा दिया जाता है।
मंदिर की सीढ़ियां से लेकर मंदिर प्रांगण को पूरे नौ दिनों तक लाइट्स से सभी सजाया जाता है। नवरात्रि के पावन दिनों में यहां हर दिन हजारों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। सबसे अधिक शाम की आरती के समय मौजूद परिसर में भीड़ होती है।
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वज्रेश्वरी देवी मंदिर कैसे पहुंचें? (How to reach Vajreshwari Temple)
वज्रेश्वरी देवी मंदिर पहुंचना बहुत ही आसान है। इसके लिए आप महाराष्ट्र के किसी भी शहर से बस या ट्रेन लेकर मुंबई पहुंच सकते हैं। मुंबई पहुंचने के बाद लोकल टैक्सी लेकर वज्रेश्वरी देवी मंदिर पहुंच सकते हैं, जो करीब 75 किमी है। महाराष्ट्र के ठाणे शहर से भी वज्रेश्वरी मंदिर पहुंच सकते हैं।
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