Mysteries of India: आखिर क्यों किराडू मंदिर को कहा जाता है शापित, सूरज ढलने के बाद कोई नहीं जाता अंदर

किराडू के मंदिरों को लेकर बहुत सी बातें कही जाती हैं। जानिए इन मंदिरों के श्राप के बारे में जो सूरज ढलने के बाद इन्हें वीरान बना देता है।

facts about cursed temples of kiradu

बचपन की दादी-नानी की कहानियों से लेकर ब्रह्मांड के इतिहास तक बहुत सारे रहस्य हैं जिनके बारे में हम हमेशा से सुनते आए हैं। पौराणिक कथाओं में, किस्सों में, कहानियों में, बचपन की किताबों में हमने सस्पेंस को लेकर बहुत कुछ सुना और पढ़ा है। कई रहस्यों पर तो हमें विज्ञान के सुझाव मिल जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जिनके बारे में कोई भी कुछ नहीं जानता पर बस उनपर यकीन किया जाता है।

ऐसा ही एक रहस्य है किराडू के शापित मंदिर का। इस मंदिर पर कैसा श्राप है और ये सत्य है भी या नहीं इसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता है और ना ही इस श्राप के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण खोजा गया है, लेकिन आज भी यहां सूरज ढलने के बाद लोग नहीं जाते हैं।

कुछ लोग इसे भुतहा मानते हैं तो कुछ लोग कोरे दैवीय श्राप पर विश्वास करते हैं, लेकिन एक बात तो साफ है कि लोगों को डर बहुत है। आज हिंदुस्तान के कई रहस्यों में से एक किराडू मंदिर के रहस्य के बारे में हम बात करेंगे।

kiradu and rajasthan

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कहां स्थित है किराडू मंदिर?

किराडू का मंदिर राजस्थान के बाड़मेर जिले में पश्चिम की ओर स्थित है। राजस्थान के कई जिलों में से एक बाड़मेर है और ये पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है।

वैसे तो बाड़मेर हमेशा राजनीति और अन्य कारणों से चर्चा में रहता है, लेकिन इसे खास बनाते हैं किराडू मंदिर। ये इस जगह की प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस है और ये बाड़मेर शहर से 35 किलोमीटर दूर हैं।

ये 5 मंदिरों का समूह सोलंकी स्टाइल आर्किटेक्चर का बेमिसाल नमूना है और ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं। हालांकि, कुछ मंदिरों में खजुराहो के मंदिरों जैसी शिल्पकला देखने को मिलती है।

कई मूर्तियां टूटी हुई हैं और हज़ारों साल पुराने इन मंदिरों में समय के साथ काफी बदलाव देखने को मिल सकता है, लेकिन ये बात इसे एक धरोहर बनाती है।

kiradu cursed temples

किराडू मंदिरों का श्राप-

अब बात करते हैं उस श्राप की जिसकी वजह से किराडू मंदिरों में रात के समय कोई भी नहीं जाता और इन मंदिरों के परिसर में रहने से भी लोग डरते हैं। रात तो छोड़िए दोपहर बाद भी यहां आपको ज्यादा लोग नहीं मिलेंगे।

ये मंदिर 11वीं सदी से यहीं मौजूद हैं और उस दौरान इस जगह को किरादकोट कहा जाता था। इस जगह पर अक्सर विदेशी आक्रमण होते रहते थे और आम जनता और राजा खुद भी इन आक्रमणों से तंग आ चुके थे। ऐसे में राजा सोमेश्वर ने एक साधु से मदद मांगी। साधु से राजा ने वादा किया कि वो उनकी और उनके शिष्यों का ख्याल रखेंगे और बदले में साधु-संत किराडू मंदिरों की रक्षा करेंगे।

उस वक्त दोबारा ये जगह बहुत ही समृद्ध हो गई और सब खुशी से रहने लगे। कुछ समय बाद साधु कहीं गए और अपने पीछे एक शिष्य को छोड़ गए जो उस जगह का ख्याल रखे। साधु के जाते ही राजा और प्रजा शिष्य को भूल गई और अपने काम में व्यस्त हो गई।

kiradu in rajasthan

लोककथा के अनुसार शिष्य बीमार हुआ, लेकिन एक कुम्हार की पत्नी के अलावा किसी ने भी उस शिष्य का ध्यान नहीं रखा। जब साधु वापस आए तो शिष्य की हालत देखकर बहुत गुस्सा हुआ और श्राप दिया कि, 'जिस जगह इंसानियत नहीं है वहां के लोग पत्थर के हो जाएंगे।' साधु ने इस श्राप से सिर्फ कुम्हार की पत्नी को छोड़ा था और उसे आदेश दिया था कि वो जितनी जल्दी हो यहां से चली जाए और पलट कर ना देखे। पर गांव से बाहर जाते-जाते उस स्त्री ने भी पलट कर देख लिया और वो खुद भी पत्थर की बन गई। (इस श्राप के कारण राधा रानी को हाथ भी नहीं लगा पाते थे उनके पति)

यही कारण है कि इस जगह के आस-पास कोई निवास नहीं करता है और रात के समय कोई भी इस जगह के आस-पास नहीं घूमता है। लोगों का मानना है कि जो पत्थर बन गए थे वो समय के साथ रेत में बदल गए और अब इस जगह को शापित मान लिया गया है।

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किराडू का श्राप सच है या कल्पना?

इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है कि ऐसा कोई श्राप सही भी रहा होगा। बाड़मेर के इन मंदिरों पर कई लोगों ने रात गुजारी है और BBC चैनल ने बाकायदा वीडियो बनाकर इस मिथक को झुठलाया है। हां, ये तो कहा जा सकता है कि बंजर जगह पर होने के कारण ये जगह थोड़ी डरावनी लग सकती है, लेकिन पत्थर बनने की घटना एक लोककथा साबित हो गई है।

बाड़मेर के पास अन्य जगहें-

बाड़मेर के आस-पास पचपदरा तालाब है जो अपने आप में अनूठा है। बंजर रेगिस्तान के बीच ये तालाब अच्छा लगता है, लेकिन इसके पानी में सोडियम क्लोराइड लेवल 98% है जो इसे आम इस्तेमाल के लिए खतरनाक बनाता है।

इसके अलावा यहां जैन मंदिर, बाड़मेर फोर्ट, सैंड ड्यून्स आदि बहुत कुछ मिल जाएगा, लेकिन ये सब कुछ 2 दिनों के अंदर घूमा जा सकता है।

किराडू के मंदिरों के रहस्य के चलते लोग इसे देखने आते हैं। यहां पर 50 रुपए टिकट है जिसे देकर भारतीय नेशनल्स घूम सकते हैं। आपको क्या लगता है इस रहस्य के बारे में और इन मंदिरों के इतिहास के बारे में हमें कमेंट बॉक्स में बताएं।

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