क्या आप जानते हैं भारत की सबसे बड़ी नदी ब्रह्मपुत्र की उत्पत्ति कहां से हुई है, जानें इसका इतिहास

आइए जानें भारत की सबसे बड़ी नदी ब्रह्मपुत्र के इतिहास और इससे जुड़ी रोचक कहानियों के बारे में। 

brahmputra river story

भारत में नदियों का इतिहास काफी पुराना रहा है। नदियों ने सदियों से अपनी पवित्रता कायम रखी है और निरंतर अपनी दिशा में बहती जा रही हैं। कभी गंगा जैसे पवित्र नदी का जिक्र शास्त्रों में होता है तो कभी पुराणों में यमुना की पवित्रता के लिए उसे पूजा जाता है। समय बदलता गया और सदियां आगे बढ़ती गयीं लेकिन नदियों ने न कभी अपनी दिशा बदली और न ही अपनी पवित्रता कम की।

ऐसी ही पवित्र नदियों में से एक है ब्रह्मपुत्र नदी। वास्तव में इस नदी का इतिहास और उद्गम की कहानी भी अन्य पवित्र नदियों जैसी है जो इसे अन्य नदियों की ही तरह महत्वपूर्ण बनाती है। आइए जानें ब्रह्मपुत्र नदी के इतिहास और उत्पत्ति की कहानी क्या है।

भारत की सबसे लंबी नदी

biggest river brahmaputra

जब भी नदियों की बात सामने आती है तब भारतवर्ष की सबसे लंबी नदियों में से एक ब्रह्मपुत्र नदी भी सबसे ऊपर होती हैं। यह भारत की सबसे लंबी नदियों में से एक है। इसकी लंबाई 2700 किलोमीटर है और यह नदी तिब्बत स्थित पवित्र मानसरोवर झील से निकलने वाली सांगपो नदी पश्चिमी कैलाश पर्वत के ढाल से नीचे उतरती है। तब इस नदी को ब्रह्मपुत्र नदी कहा जाता है। इस नदी का नाम अलग स्थानों पर अलग होता है। तिब्बत के मानसरोवर से निकलकर बाग्लांदेश में गंगा में मिलने पर इस नदी को पद्मा नदी कहा जाता है। जिसके बाद मेघना नदी के रुप में यह सागर में जाकर मिलती है। इस प्रकार अपनी लंबाई और चौड़ाई की वजह से यह नदी न सिर्फ भारत बल्कि एशिया की भी सबसे बड़ी नदियों में से एक है। विभिन्न स्थानों से बहते हुए यह नदी कुल 2906 किलोमीटर लंबी यात्रा करती है। यह नदी हिमालय में अपने स्रोत यानी कि गंगा नदी के संगम तक लगभग 1,800 मील बहती है, जिसके बाद दोनों नदियों का मिश्रित पानी बंगाल की खाड़ी में गिरता है।

इसे जरूर पढ़ें:जानें गंगा नदी की उत्पत्ति कहां से हुई है और इससे जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में

ब्रह्मपुत्र नदी की उत्पत्ति

ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम स्थान हिमालय के उत्तर में तिब्बत के पुरंग जिले में स्थित मानसरोवर झील के निकट होता है। इस स्थान पर इस नदी को यरलुंग त्संगपो कहा जाता है। तिब्बत में बहते हुए यह नदी भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य में प्रवेश करती है। असम घाटी में बहते हुए इसे ब्रह्मपुत्र और फिर बांग्लादेश में प्रवेश करने पर इसे जमुना कहा जाता है। पद्मा से संगम के बाद इनकी संयुक्त धारा को मेघना कहा जाता है, जो कि सुंदरबन डेल्टा का निर्माण करते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है। (नर्मदा नदी से जुड़े रोचक तथ्य )

ब्रह्मपुत्र नदी का आध्यात्मिक इतिहास

history of brahmaputra

यारलुंग त्संगपो या ब्रह्मपुत्र, एकमात्र पुरुष नदी है जिसका शाब्दिक अर्थ 'ब्रह्मा का पुत्र' है। यह नदी हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों द्वारा पूजनीय नदी है। बौद्धों का मानना है कि बहुत पहले चांग थांग पठार एक महान झील थी। एक दयालु बोधिसत्व ने गंभीरता से महसूस किया कि पानी नीचे के लोगों तक पहुंचना चाहिए। इसलिए, उन्होंने यारलुंग त्सांगपो के लिए हिमालय पर्वत के माध्यम से एक पानी के बहने का स्थान बनाया ताकि पानी नीचे की ओर प्रवाहित हो और मैदानी इलाकों को समृद्ध किया जा सके। हिंदुओं के लिए, ब्रह्मपुत्र नदी ब्रह्मा और अमोघ ऋषि का पुत्र था। अमोघ ऋषि शांतनु की सुंदर पत्नी थीं। ब्रह्मा ने, उसके अच्छे रूप से मुग्ध होकर, प्रेमपूर्ण प्रगति की, जिसके कारण एक लड़के का जन्म हुआ, जो अमोघ को बहुत परेशान कर रहा था। लड़का पानी की तरह नीचे बह गया। ऋषि शांतनु ने इस 'ब्रह्मा के पुत्र' को कैलाश, गंधमादन, जरुधि और समवर्ती के चार महान पहाड़ों के ठीक बीच में रखा। वह एक महान झील, ब्रह्म कुंड में विकसित हुआ।

इसे जरूर पढ़ें:क्या आप जानते हैं यमुना नदी की उत्त्पति कहां से हुई है, इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य


किन देशों में बहती है ये नदी

यह नदी तीन देशों से होकर बहती है - तिब्बत में जन्मी, भारत से होकर बहती हुई और फिर बांग्लादेश में जाती है। तिब्बत में जिन पहाड़ों, घाटियों और जंगलों से होकर त्सांगपो बहती है, उन्हें अत्यंत पवित्र माना जाता है। ऋषियों द्वारा लिखे गए प्राचीन तिब्बती स्क्रॉल, हिमालय में गहरे अभयारण्यों या बेयूल की बात करते हैं। यहां, उम्र बढ़ने की गति धीमी हो जाती है और जानवरों और पौधों में भी चमत्कारी शक्तियां होती हैं। तिब्बतियों का मानना है कि इस क्षेत्र में, शायद दुनिया के सबसे गहरे घाट के नीचे एक झरने के माध्यम से, पृथ्वी पर स्वर्ग का द्वार, शांगरी-ला है।(भारत की 10 सबसे बड़ी और पवित्र नदियां)

इस प्रकार ब्रह्मपुत्र नदी का इतिहास काफी पुराना और रोचक है। इसके साथ ही यह भारत ही नहीं बल्कि एशिया की सबसे पवित्र नदियों में से एक है जो वास्तव में इस नदी को और ज्यादा ख़ास बनाती है।

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Recommended Video

Image Credit: pixabay

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP