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इतिहास में है रुचि तो लाल किले के करीब स्थित इस ऐतिहासिक इमारत को देखने जरूर जाएं

दिल्&zwj;ली के चर्चित लाल किले के करीब ही मुगल काल की एक ऐसी सांस्कृतिक धरोहर है, जिसकी ज्यादा चर्चा नहीं होती, लेकिन जिसके तार मुगल काल के साथ-साथ ब्रिटिश काल से भी जुड़े हुए हैं।&nbsp; <div>&nbsp;</div>
Her Zindagi Editorial
Updated:- 2018-08-10, 12:38 IST

आपमें से ज्यादातर ने दिल्ली का लालकिला जरूर देखा होगा, लेकिन इसके पास ही मुगल काल की एक और नायाब विरासत है, जो ऐतिहासिक दृष्टि से काफी समृद्ध है। और ये है सलीमगढ़ का किला। अगर आपकी इतिहास में रुचि है तो आपको कम से कम एक बार इस जगह पर जरूर जाना चाहिए। यह है सलीमगढ़ का किला, जो चांदनी चौक में स्थित है। यह किला ट्राएंगुलर शेप में है। जब आप लाल किले से होते हुए छाता चौक तक पहुंचती हैं और म्यूजियम की तरफ मुड़ जाती हैं तो वह रास्ता सलीमगढ़ की तरफ जाता है। इस किले को स्वतंत्रता सेनानी स्मारक नाम भी दिया गया है। इसकी दीवारें काफी मोटी हैं। जब से इसका निर्माण हुआ, तब से इसकी कई बार मरम्मत हुई।

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मुगल और ब्रिटिश काल में यहां कैदियों को दी गई यातनाएं

सलीमगढ़ का नाम कई खौफनाक चीजों से भी जुड़ा हुआ है। आज के समय में यहां कुछ बैरकों और टूटी-फूटी मस्जिद के ही अवशेष बचे हैं। शेर शाह सूरी के वंशज सलीम शाह ने इसे 1546 ईस्वी में बनवाया था और उन्हीं के नाम पर इसका नाम सलीम गढ़ का किला रख दिया गया था। औरंगजेब और ब्रिटिशर्स ने इस किले का इस्तेमाल कैदियों को यातना और फांसी देने के लिए किया।

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देखने लायक है आईएनए का संग्रहालय  

अगर आप यहां आएं तो सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी के सोल्जर्स मेमोरियल एक्जिबिशन का रुख करना करना ना भूलें। यह छोटा सा संग्रहालय है, जिसमें इंडियन नेशनल आर्मी और उससे जुड़ी अहम चीजों के बारे में जानने को मिलता है। यहां आपको पुराने राजाओं के कुछ दिलचस्प कलेक्शन भी देखने को मिल जाएंगे। म्यूजियम के अंदर फोटोग्राफी की इजाजत नहीं है। 

यहां एंट्री है फ्री

यहां संरक्षण का काम ज्यादा नहीं हुआ, इसीलिए यहां की जेल जर्जर हालत में है। माना जाता है कि यहां के कुछ कमरों में इंडियन नेशनल आर्मी के तीन सिपाहियों कर्नल प्रेम सहगल, कर्नल जी एस ढिल्लन और मेजर जनरल एस एन खान शामिल हैं। यह वह वक्त था, जब दुनिया में दूसरा विश्वयुद्ध चल रहा था। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए जाने वाली मेन रेलवे लाइन यहीं से होकर जाती है। 

यह किला कुछ-कुछ टावर ऑफ लंदन से मिलता-जुलता है। यह फोर्ट हर दिन खुला रहता है और इसके खुलने का समय 10 .00 बजे से 5.00 बजे का होता है। इसकी एंट्री पूरी तरह से फ्री है और यहां फोटोग्राफी भी की जा सकती है, इसके लिए भी किसी तरह का चार्ज नहीं है। 

 

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