भारत मंदिरों का देश है। यहां पर हजारों की संख्या में मंदिर हैं। जी हां प्राचीन काल से पूजा-स्थल के रूप में मंदिर विशेष महत्व रखते हैं। यहां कई मंदिर ऐसे हैं, जहां चमत्कार भी होते बताए जाते हैं। आस्थावानों के लिए ये चमत्कार दैवी कृपा हैं, तो अन्य लोगों के लिए कौतूहल और आश्चर्य का विषय। आइए ऐसे ही दो चमत्कारी मंदिरों के बारे में जानते है जिनके रहस्य असीम वैज्ञानिक प्रगति के बाद कोई नहीं जान पाया है।
ज्वालादेवी मंदिर
![jawala ji mandir inside]()
इस मंदिर में कई सालों से ज्योति जल रही है। यह ज्योति क्यों जल रही है इसका रहस्य आज तक नहीं पता लग पाया है। आलम यह है कि विज्ञान भी हार मान चुका है और विज्ञान ने भी माना हैं कि वास्तव में चमत्कार होता है।
इस मंदिर में अनंत काल से ज्वाला निकल रही है, इसी कारण इसे ज्वालादेवी का मंदिर कहा जाता हैं। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में कालीधार पहाड़ी के बीच बसा हुआ है। देवी के शक्ति पीठों में से एक इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां पर माता सती की जीभ गिरी थी। इसलिए यहां पर ज्वाला निकलती रहती है। इसके अलावा यहां पर एक और चमत्कार देखने को मिलता है। मंदिर परिसर के पास ही एक जगह है ‘गोरख डिब्बी’जो कि एक जल कुंड है। इस कुंड में गर्म खौलता हुआ पानी है, जबकि छूने पर कुंड का पानी ठंडा लगता है।
पद्मनाभस्वामी मंदिर
![padmanabhaswamy temple inside]()
पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल में है। माना जाता है कि इस मंदिर में सबसे पहले भगवान विष्णु की मूर्ति आई थी। अब यह मूर्ति कहां से आई आज तक यह कोई पता नहीं लगा पाया है। जी हां इस मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की विशाल मूर्ति विराजमान है जिसे देखने के लिए रोजाना हजारों भक्त दूर-दूर से यहां आते हैं। इस प्रतिमा में भगवान विष्णु शेषनाग पर शयन मुद्रा में विराजमान हैं। लेकिन यह मंदिर ढेरों रहस्यों से भरा पड़ा है। अगर ये कहें कि यह विश्व का सबसे अमीर मंदिर है तो गलत नहीं होगा।
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इस मंदिर की देखभाल प्राचीन काल से ही त्रावणकोर परिवार करता रहा है। साल 2011 में यह मंदिर खासा चर्चा में रहा था। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक इस मंदिर में मौजूद गुप्ता तहखानों को खोला गया था। जी हां इस मंदिर के नीचे 6 तहखाने हैं। संपत्ति और रहस्य को देखते हुए कई लोगों ने इसके द्वारों को खोलने की मांग की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। 7 सदस्यों की निगरानी में अब तक 6 द्वार खोले जा चुके हैं, जिनसे करीब 1,32,000 करोड़ के सोने और जेवरात मिले। लेकिन सबसे दिलचस्प बात सातवें गेट की है। ये अभी तक पूरी दुनिया के लिए रहस्य बना हुआ है, जिसे अभी तक खोला जाना है। इस सातवें गेट पर कोई कुंडी नहीं लगी है बल्कि गेट पर 2 सांपों के प्रतिबिंब लगे हुए हैं, जो इस द्वार की रक्षा करते हैं। इस गेट को खोलने के लिए किसी कुंजी की जरूरत नहीं पड़ती है, इसे मंत्रोच्चारण की मदद से ही खोल सकते हैं।
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