ये हैं भारत की वो ऐतिहासिक जगहें, जिनके बारे में नहीं जानती होंगी आप!

अगर भारत के इतिहास को जानना है, तो उन ऐतिहासिक जगहों पर जाना चाहिए, जो बीते पुराने कल की कहानी को बयां करते हैं। आप भी जानिए इन खूबसूरत धरोहरों के बारे में।

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भारत में कई ऐसी ऐतिहासिक साइट्स हैं, जिनके बारे में लोग या तो बिल्कुल नहीं जानते या उन्हें कम जानकारी है। अगर आप भी एक ट्रैवलर हैं और इतिहास से प्रेम करती हैं, तो यह अद्भुत ऐतिहासिक जगहें आपको शानदार अनुभव दे सकती है। आइए जानें इनके बारे में

Undavalli caves, आंध्र प्रदेश

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आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के पास undavalli में शानदार रॉक-कट गुफाएं अद्भुत हैं। इस गुफा परिसर में, ऐसी लेयर्स हैं, जिनमें आप बौद्ध, जैन और हिंदू के प्रभावदेख सकती हैं और यह गुफा विश्वास के विकास की कहानी बयां करती है। इस बेहतरीन साइट को 4वीं और 5वीं शताब्दी में बनाया गया है। कई सुंदर और एक से बढ़कर एक स्कल्पचर के बीच, यहां कि विष्णु की मूर्ति आकर्षण का केंद्र है। विष्णु जी को इस 5 मीटर लंबी मूर्ति में लेटा हुआ दिखाया गया है। ग्रेनाइट पत्थर से बने शेषनाग पर वह लेटे हुए दिखाए गए हैं।

किला मुबारक, बठिंडा पंजाब

बठिंडा में स्थित, किला मुबारक को 90-110 ईस्वी के दौरान राजा डब द्वारा बनाया गया था। कुषाण काल के दौरान किले को मिट्टी की ईंटों से बनाया गया था, और आज 1,900 साल बाद भी यह मजबूती से खड़ा है। इसे भारत का सबसे पुराना किला माना जाता है। यह एक और कारण की वजह से भी महत्वपूर्ण है, और वो वजह है दिल्ली सल्तनत की पहली और एकमात्र महिला शासक रजिया सुल्तान को 1240 में तुर्की के राजा से सल्तनत हारने के बाद यहां कैद कर लिया गया था। आज इसकी देखभाल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा की जा रही है।

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Maluti मंदिर, झारखंड

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झारखंड के जंगलों में शिकारीपारा के पास एक छोटा सा शहर, मालुति में टेराकोटा के 72प्राचीनमंदिर हैं जो प्री-हिस्टोरिक काल से अपनी गाथा गा रहे हैं। इन अति सुंदर मंदिरों को शीर्ष 12 लुप्तप्राय सांस्कृतिक विरासत स्थलों में से एक माना जाता है। उनकी दीवारें रामायण और महाभारत की कहानी को एक अनोखे अंदाज में बयां करती हैं। यह मंदिर राजा बसंता की याद दिलाते हैं जो महलों के बजाय मंदिरों का निर्माण करना चाहते थे। उनका कबीला भी, तीर्थों के निर्माण से मोहित था, और वे इतने प्रतिस्पर्धी थे कि वे चार हिस्सों में बंटें और प्रतियोगिता के परिणामस्वरूप कुल 108 मंदिरों का निर्माण किया।

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कलिंजर फोर्ट, कर्नाटक

समुद्र तल से 1,203 फीट ऊपर एक अलग चट्टानी पहाड़ी के ऊपर स्थित, प्राचीन कालिंजर किला चंदेल राजाओं द्वारा निर्मित आठ किलों में से एक है। बुंदेलखंड पर राज करने वाले कई राजवंशों के निवास रूप में बना यह किला कई स्मारकों और मूर्तियों का खजाना है। यहां, आपको एक प्राचीन शिव मंदिर मिलेगा, जिसे नीलकंठ मंदिर के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर में एक शिवलिंग है, जिसके ऊपर एक प्राकृतिक जल स्रोत के द्वारा लगातार पानी टपकता है। यहां सीता सेज,एक छोटी गुफा है, जिसमें पत्थर से बना बेड और तकिया है। कहा जाता है कि यह संतों और तपस्वियों के लिए था। इस विशाल किले में बारीक डिजाइन से बने और नक्काशीदार भव्य महल और कैनोपियां भी हैं।

बिदर फोर्ट, कर्नाटक

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दक्कन के पठार में स्थित, बिदर का किला एक बहमन स्मारक है, जिसे सुल्तान अलाउद्दीन बहमन ने अपनी राजधानी गुलबर्गा से बिदर में स्थानांतरित किया था। लाल लेटराइट पत्थर से निर्मित, और फारसी शैली की वास्तुकला का शेखी बघारने वाले इस 15वीं शताब्दी के किले में 30 से अधिक सुंदर संरचनाएं हैं। अगर आप अविश्वसनीय संग्रहालयों, रंगीन शाही महल को देखने की इच्छा रखती हैं, तो कर्नाटक के इस फोर्ट को देखने जा सकती हैं। बिदर किले की अनूठी विशेषताओं में से एक ऐतिहासिक जल आपूर्ति प्रणाली-करेज है, जो एक वॉटर हार्नेसिंग तकनीक है जो सबसे पहले पर्सिया में आई थी, और 15वीं शताब्दी में बहमनी राजाओं द्वारा दक्कन लाई गई थी।

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Image credit : freepik images & unsplash

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