अलवर राजस्थान का एक बेहद खूबसूरत शहर है और दिल्ली से के काफी नजदीक है। अलवर में कई ऐसी जगह हैं, जहां आप घूमने का मजा उठा सकती हैं। इसमें सिलीसेढ़ लेक, विनय विलास पैलेस, नंदेश्वर मंदिर, विजय मंदिर, फतेह जंग का मकबरा, जयसमंद लेक, करणी माता मंदिर, कलाकंद मार्केट, बायोडायवर्सिटी पार्क, नेहरू गार्डन, अलवर कंपनी गार्डन का नाम खास तौर पर लिया जा सकता है।यहां 1793 में बना अलवर का किला स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। इस किले में कमल के आकार के आंगन और म्यूजियम देखने में भव्य लगते हैं। यह मूसी महारानी छतरी के करीब ही स्थित है। दिलचस्प बात यह है कि इसी अलवर किले में बादशाह अकबर के बेटे सलीम, जो आगे चलकर जहांगीर के नाम से जाने गए, को 3 साल के लिए निर्वासित कर दिया गया था। सलीम को आगरा से काफी दूर अलवर रहने के लिए क्यों भेजा गया, इन कारणों का तो पता नहीं चल पाया, लेकिन यह किला अपनी सुंदरता के कारण हमेशा चर्चा में रहा है। राजपूत राजा प्रताप सिंह ने यहां एक साल शासन किया था और अलवर में विकास कार्यों को गति दी थी।
5 किलोमीटर के दायरे में बना है अलवर का किला
अलवर के किले की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह लगभग 5 किलोमीटर के दायरे में बना है और इसकी चौड़ाई लगभग डेढ़ किलोमीटर की है। यह अरावली की हरी-भरी पहाड़ियों पर समुद्र तल से 1000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पर अलग-अलग वंश का शासन रहा। इनमें खानजादा, पठान, मुगल और जाट शामिल हैं। हैरानी की बात ये है कि अलवर का किला इस शहर की सबसे प्राचीनतम इमारत है।
इसे जरूर पढ़ें:मेहरानगढ़ किले से जुड़े इस अभिशाप के बारे में शायद नहीं जानती होंगी आप
बाला फोर्ट के नाम से भी मशहूर
शहजादे सलीम ने यहां 3 साल बिताए, इसीलिए इसे 'सलीम महल' के नाम से भी जाना जाता है, हालांकि यह बात साफ नहीं है कि इसे बाला फोर्ट क्यों कहा जाता है। इस किले में जय पोल, सूरज पोल, किशन पोल चांद पोल लक्ष्मण पोल और अंधेरी गेट जैसे प्रवेश द्वार हैं, जो बेहद खूबसूरत दिखाई देते हैं।
इसे जरूर पढ़ें:जोधपुर की शान है मेहरानगढ़ किला, जानिए क्यों इस जगह स्टार्स करते हैं शादी
आर्कीटेक्चर है बेहद खूबसूरत
यहां की भारतीय इस्लामिक स्थापत्य कला बरबस ही आकर्षित करती है। यहां पर हिंदू धर्म को समर्पित पूजा स्थल भी हैं। साथ ही जल महल और निकुंभ महल की सुंदरता देखते ही बनती है। इस महल में 15 बड़े और 51 छोटे टावर हैं, जिनकी ऊंचाई लगभग 340 मीटर है। यही नहीं, यहां पर बंदूक दागने के लिए 446 जगह हैं।
यहां और भी ऐसे निर्माण हैं, जिनसे महल के भीतर से ही युद्ध को अंजाम दिया जा सकता है। एक टूरिस्ट के नाते आप इस महल में बहुत सी एक्साइटिंग चीजें एक्सप्लोर कर सकती हैं। अक्टूबर से मार्च तक यहां घूमने के लिए मौसम मुफीद रहता है। ऐसे में अगर आप इस महल मैं घूमने आना चाहती हैं, तो जल्द से जल्द यहां आने का की तैयारी कर लें।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों