धर्म-कर्म भारतीय संस्कृति की पहचान है। हमारे देश में अनेक प्राचीन मंदिर हैं जो आस्था और धर्म के प्रतीक हैं ऐसे ही कुछ प्रसिद्द और प्राचीन मंदिरों का संगम है हमारा गुजरात। जहां के मंदिरों में आज भी लाखों लोग हर साल जमा होते हैं और ईश्वर दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करते हैं।यदि आप अभी तक इन मंदिरों की भव्यता से अंजान हैं तो अगली गुजरात यात्रा में इनको देखना न भूले –
सोमनाथ मंदिर
गुजरात की अपूर्व धरोहर है सोमनाथ मंदिर, जो भगवान शिव की भक्ति का पवित्र स्थल है।यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।पौराणिक कथा के अनुसार चन्द्र देव को अपने ससुर दक्ष प्रजापति के श्राप से भगवान सोमनाथ ने ही मुक्त किया था।इसकी भव्यता को देख महमूद गजनवी ने 17 बार इस मंदिर पर आक्रमण कर इसको लूटा था।हर एक व्यक्ति को अपने जीवन में एक बार यहां अवश्य जाना चाहिये।
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द्वारकाधीश मंदिर
गुजरात का यह मंदिर 2000-2200 साल पुराना है जो श्री कृष्ण भगवान् को समर्पित है।यह हिन्दू संस्कृति के चार धामों में से एक धाम है।ऐसा माना जाता है कि द्वारकाधीश मंदिर का निर्माण भगवान श्री कृष्ण के पोते वज्रभ ने करवाया था।यह हिन्दू संस्कृति का पवित्र स्थल है जिससे लाखों लोगों की आस्था जुडी हुई है।
अक्षरधाम मंदिर
भारत के विशाल मंदिरों में से एक है गुजरात का अक्षरधाम मंदिर। दिल्ली का अक्षर धाम मंदिर इस मंदिर की कॉपी है।गुजरात आने वाले टूरिस्ट के लिए यह मेन अट्रैक्शन का केंद्र है जो गुजरात के गांधीनगर में मौजूद है।हर वर्ष लाखों लोग यहां घूमने आते हैं।
नागेश्वर मंदिर
नागेश्वर टैम्पल भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो द्वारिका जाने वाले रास्ते पर बीच में पड़ता है।इस मंदिर में मौजूद 25 मीटर ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा इसकी भव्यता का प्रमाण हैं।शान्ति और सौंदर्य से परिपूर्ण यह शिव भक्तों के लिए पवित्र स्थल है जहां जाकर आपको सुख व शांति का अनुभव होता है।
भालका तीर्थ
यह गुजरात का वह मंदिर है जिसकी कहानी भगवान श्री कृष्ण से सम्बंधित है। यह वो पवित्र स्थल है जहां श्री कृष्णा ने अपने प्राणों का त्याग किया था।पौराणिक कथा के अनुसार एक बहेलिये तीर से श्री कृष्ण के प्राण हर लिए थे।इस मंदिर में कृष्ण जी की लेटी हुई प्रतिमा है।सोमनाथ से महज़ 5 किलोमीटर की दूरी तय कर आप इस पावन तीर्थ के दर्शन कर सकते हैं।
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महाकाली मंदिर
1525 फ़ीट ऊंची पहाड़ी पर मौजूद माता काली का यह मंदिर गुजरात के मुख्य धार्मिक स्थलों में से एक है।पावागढ़ जिले के इस मंदिर में माँ दक्षिण मुखी काली की मूर्ति मौजूद है।यह माता के पवित्र शक्तिपीठों में से एक है जहां पर मातारानी का वक्षस्थल कट कर गिरा था। महाकाली मंदिर में हर वर्ष हज़ारों लोग दर्शन करने आते हैं।
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