फूलों को देखना एक खुशनुमा अहसास है और जब हर तरफ गुलाब के रंग-बिरंगे फूल नजर आएं तो नजारा और भी ज्यादा खूबसूरत हो जाता है। गुलाब की खूबसूरती देखकर मन की सारी चिंताएं दूर हो जाती हैं और होंठों पर मुस्कान नजर आने लगती है। अलग-अलग रंगों वाले ऐसे ही गुलाब दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित रोज गार्डन की खूबसूरती बढ़ा रहे हैं। इस रोज गार्डन में दुनिया भर से लाए गए अलग-अलग तरह के गुलाब लगाए गए हैं। प्रकृति प्रेमियों को यहां हर तरफ नजर गुलाब देखना खूब भाता है। यहां पर बॉटनी यानी वनस्पति विज्ञान के छात्र रिसर्च के लिए भी आते हैं।
आमतौर पर गुलाबी या लाल रंग के गुलाब सभी ने देखे होते हैं, लेकिन इस गार्डन में गुलाब की एक से बढ़कर एक वैराएटी हैं। यहां पर गुलाबी, नारंगी, हरा, सफेद, लाल और काला गुलाब भी देखने को मिल जाता है। दूर-दूर तक अलग-अलग रंगों वाले गुलाबों को देखते हुए सैर की जा सकती है। इस पार्क में गुलाबों को देखते हुए आपको रिलैक्स फील होगा और फूलों की सुंदरता देखकर यहां बार-बार आने का दिल चाहेगा। इस गार्डन को दिल्ली सरकार मेंटेन करती है और यहां का एक मुख्य आकर्षक यहां का कमल का तालाब भी है।
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यह पार्क साल में सिर्फ दो महीनों के लिए पब्लिक के लिए खुलता है। अगर आप इस पार्क में घूमने जाना चाहती हैं तो फरवरी और मार्च में यहां का रुख कर सकती हैं। इस दौरान यह गार्डन फूलों से गुलजार नजर आता है। इस पार्क में एंट्री फ्री है और यहां कैमरा ले जाने की भी मनाही नहीं है।
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इस हरे-भरे रोज गार्डन की देखरेख पर काफी ज्यादा ध्यान दिया जाता है। यहां फूल तोड़ने पर सख्त पाबंदी है। पार्क खुले रहने के दौरान कर्मचारी इस बात की निगरानी रखते हैं कि गार्डन में व्यवस्था बनी रहे और कोई भी आगंतुक यहां फूल ना तोड़े।
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लालकिला : मुगल स्थापत्य कला का शानदार नमूना है लाल किला और यह नेशनल रोज गार्डन के बेहद करीब है। इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने 1638 ई से 1648 ई के बीच बनवाया था। लाल किला की दीवारें लगभग दो किमी की लंबाई में हैं और इनकी ऊंचाई 18 मीटर से लेकर 33 मीटर तक है।
राजघाट:यमुना नदी के तट पर महात्मा गांधी की समाधि है। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए दुनियभर के लोग यहां पहुंचते हैं। यहां महात्मा गांधी को समर्पित दो म्यूजियम भी हैं।
शांतिवन: राजघाट के करीब ही शांति वन भी है। यहीं पर भारत के पहले प्रधानमंत्री रहे जवाहर लाल नेहरू की अंत्येष्टि की गई थी। शांति वन में चारों तरफ पेड़-पौधे और हरियाली देखकर सुकून का अहसास होता है।
चांदनी चौक: चांदनी चौक लाल किले से ठीक सामने पड़ता है। मुगल बादशाह शाहजहां ने चांदनी चौक की प्लानिंग की थी, ताकि उनकी बेटी को जिन भी चीजों की जरूरत हो, वह वहां से खरीद सकें।
विजय घाट: यहां पर भारत के दूसरे प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री का 1966 में अंतिम संस्कार किया गया था। यहां पर बागीचे के बीच एक आर्टिफिशयल लेक देखने को मिलती है।
दिल्ली के नेशनल रोज गार्डन के बारे में जानकर अगर आपको अच्छा लगा तो इस जानकारी को जरूर शेयर करें। ट्रेवल और डेस्टिनेशन्स से जुड़ी अपडेट्स पाने के लिए विजिट करती रहें हरजिंदगी।
Image Courtesy: www.thetimelock.photos
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