मुगलों के इस सराय में कई राज हैं दफन, इतिहास भी है रोचक

अगर आप घूमते-घूमते इतिहास को जानना पसंद करते हैं, तो मुगल का यह सराय एक्सप्लोर करने के लिए बेस्ट रहेगा। बताया जाता है कि यह मुगलकालीन तमाम इमारते, स्मारके और मकबरे से बेहद खास है, जिसका इतिहास काफी रोचक रहा है। 

 
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मुगलकालीन राज तो चला गया, लेकिन ताउम्र के लिए अपनी निशानियां छोड़ गया। हैरानी की बात तो यह है कि आज भी मुगलकालीन चर्चा का विषय बना रहता है और इसको लेकर लगातार बहस चलती रहती है। ऐसे में मुगल साम्राज्य से जुड़े हर किस्से से वाकिफ होना बहुत जरूरी है, खासकर ऐतिहासिक इमारतों के बारे में।

जी हां, कुछ मुगलकालीन इमारत ऐसी हैं जो भारत की खूबसूरती को बखूबी बयान करती हैं। कई इमारतें तो ऐसी हैं जो एक बेहतरीन वास्तुकला और शिल्पकला कलाओं का नमूना है। अगर आपने इन मुगलकालीन इमारतों को नहीं देखा है, तो एक बार जरूर एक्सप्लोर करें। वहीं, इन इमारतों को देख लिया है, तो यकीनन मुगलों का यह सराय नहीं देखा होगा।

बता दें कि यह सराय इतना फेमस है कि इसका दीदार करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं, जिसका इतिहास भी काफी रोचक रहा है।

जहांगीर ने बनवाया था यह सराय

doraha fort timings

यह मुगल सराय जहांगीर ने बनवाया था। उस वक्त यह एक काफिला था, जो दिखने में काफी भव्य लगता है। इसको लेकर इतिहासकार कहते हैं कि यह सराय मुगल शासक जहांगीर ने मुगल कारवां का समर्थन करने के लिए बनवाया था।

तब से लेकर अबतक यह इमारत बरकरार है, जिसकी रखवाली सरकार करती है। बता दें कि यह इमारत लुधियाना जिले में स्थित है, जिसे 'मुगल कारवां सराय' के नाम से भी जाना जाता है।

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कैसी है वास्तुकला?

यह सराय लगभग 168 वर्ग मीटर में फैला हुआ है, जिसके उत्तर, दक्षिण और मध्य में दरवाजे बनाए गए हैं। इसके दरवाजों को खूबसूरत तस्वीरों से सजाया गया है। इन तस्वीरों की अपनी अलग ही खूबसूरती है।

इसकी संरचना तमाम मुगल इमारतों जैसी ही है, जिसमें लगभग 22 कमरें मौजूद हैं। वहीं, पश्चिम की तरफ 30 कमरे बनाए गए हैं और 3 कमरों का एक शानदार सुइट भी है। कई कमरे ऐसे हैं जहां हवा और धूप का काफी ध्यान रखा गया है।

इसकी खोज यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ इंडिया के स्टूडेंट्स ने की थी

treaty of doraha sarai

मुगलों के इस आलीशान सराय की खोज यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ इंडिया के स्टूडेंट्स ने की थी। फिर इसकी सूचना सरकार और इतिहासकारों के पास गई थी। इसके बाद सराय के बारे में पता लगाया गया, हालांकि इसके पास कई ऐसी जगहें हैं जिसे आ एक्सप्लोर कर सकते हैं।

आप लोधी दुर्ग, नेहरू रोज गार्डन, टाइगर सफारी, हार्डी वर्ल्ड, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय संग्रहालय और गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब आलमगीर आदि जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं।

कैसे पहुंचें लुधियाना?

आपके पास कई तरह के ऑप्शन्स हैं, जिसे अपने बजट के हिसाब से सेलेक्ट करें। आप बस, ट्रेन या फिर हवाई जहाज से जा सकते हैं। मगर बेहतर होगा कि आप ट्रेन का रूट सेलेक्ट करें, क्योंकि यहां आप आराम से चले जाएंगे। लुधियाना से मुगलसराय बाय रोड यहां जा सकते हैं।

क्या है खास?

sarai architecture

यह एक प्राचीन और ऐतिहासिक सराय है। यह व्यापक रूप से अपनी खूबसूरत वास्तुकला के लिए जाना जाता है। यह लुधियाना के सबसे बड़े और पुराने सराय में से एक है। इसके अलावा, आप पंजाब की संस्कृतिऔर फेमस व्यंजनों का भी लुत्फ उठा सकते हैं। यह शहर विश्व भर में अपनी हस्तशिल्प कलाओं के बारे लिए भी जाना जाता है।

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किस टाइम पहुंचें?

अगर आप इस सराय को एक्सप्लोर करने के लिए जा रहे हैं, तो ठंडे मौसम में जाएं। इस बात का ध्यान रखें कि 9 बजे से शाम 5 बजे तक ही खुलता है। आप इस दौरान कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं।

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