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मिलना है जवाहर लाल नेहरू और क्वीन एलिजाबेथ से तो जरूर घूमिये यह गार्डन

10000  ट्यूलिप और 135 गुलाबों की वैराइटी से भरा यह गार्डन पूरे साल में एक बार ही खुलता है। 
Her Zindagi Editorial
Updated:- 2018-02-06, 11:34 IST

मदर टेरेसा, अर्जुन, राजा राम मोहन राय, जवाहर लाल नेहरू ,  जॉन एफ. कैनेडी, क्वीन एलिजाबेथ और मि. लिंकन। यह नाम आपने कई बार सुने और पढ़े होंगें। जाहिर है सभी नाम ऐतिहासिक लोगों के हैं, जिनके बारे में आपने हिस्ट्री बुक्स में पढ़ा होगा ।  मगर आप चाहें तो इनसे मिल भी सकते हैं।  अरे अरे... परेशान मत होइए, इनसे मिलने के लिए आपको  ज्यादा  दूर नहीं जाना होगा।  दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में बने मुग़ल गार्डन में ही आप इनसे मिल सकते हैं।  यह सभी यहां खुशबू  फैलाते मिल जाएंगे। क्या हुआ, आप  हैरान हो गए न ? मगर वास्तव में यह सभी इस गार्डन में आपको फूलों के रूप में मिल जाएंगे। 

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दरअसल मुग़ल गार्डन के फेमस रोज़ गार्डन में  हर रोज़ का एक नाम रखा गया है और यह नाम किसी न किसी फेमस व्यक्ति  है।  वैसे मुग़ल गर्दन की खासियत यहीं नहीं ख़त्म होती बल्कि इसकी कई खासियतें हैं , जिन्हें यहाँ आकार ही आप जान सकते हैं।  आप चाहें तो यहाँ विजिट कर सकते हैं।  हर साल की तरह मुग़ल गर्दन इस साल भी आम लोगों के लिए खोला जा रहा।  यहाँ फरवरी 6  से मार्च 9 तक कोइ भी आ सकता है।  इस गार्डन की कई खूबियां हैं कुछ के बारे में हम आपको बताते हैं।  

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image courtesy: clicksandtales.com

फूलों की विभिन्न वैराइटी 

15  एकड़ में फैले इस गार्डन में 70 किस्म के अलग अलग फूल हैं , जिनमें से 135 वैराइटी केवल गुलाब के फूल की हैं।  यहाँ आकर कोई भी यह सोचने पर मजबूर हो सकता है कि जब इतने किस्म के फूल एक साथ गार्डन को खुशबू से महका सकते हैं तो फिर इंसान क्यों नहीं एक साथ रह सकते हैं।  रोज गार्डन के अलावा यहाँ का  ट्यूलिप गार्डन भी बहुत फेमस है। यहाँ 8 वैराइटी के 10000 से भी ज्यादा ट्यूलिप के फूल मौजूद हैं।  यह सारे फूल नीदरलैंड से इम्पोर्ट किये गए हैं.  इसके अलावा जापान का पैंजी और जर्मनी का मेरीगोल्ड भी इस गार्डन की ब्यूटी को बढ़ाता है।  वैसे मुगल गार्डन की खास बात यह है कि 95 प्रतिशत फूल यहाँ पर हिंदुस्तानी हैं। 

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image courtesy: clicksandtales.com

गार्डन की बनावट 

फूलों की ख़ूबसूरती के साथ ही इस गार्डन की बनावट भी आपको खूबसूरत लगेगी। पार्शियन स्टाइल में बने इस गार्डन को कई भागों में बांटा  गया है।  इस गार्डन में सर्क्युलर , स्प्रिचुअल, बोन्साई , हर्बल , टेक्टाइल और म्यूज़िकल भागों में डिवाइड किया गया है, जिसमें पेड़ , झाड़ियां , फूल , फाउंटेन और लॉन  है।  यह गार्डन जम्मू और कश्मीर के मुगल गार्डन , ताज महल के गार्डन तथा फारसी और भारतीय मिनियेचर पेंटिंग्स में बने गार्डन्स से इन्फ्लुएंस्ड है। मुगल उद्यान में ब्रिटिश गार्डन कला की भी अनेक खूबियां दिखाई देती हैं। 

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image courtesy: clicksandtales.com

यहाँ खिलता है हरा गुलाब 

आपने लाल, पीला, नीला, कला और गुलाबी गुलाब का फूल तो देखा होगा मगर यहाँ पर आपको हरा गुलाब का फूल भी देखने को मिलेगा। इसके अलावा  यहाँ पर  लगभग 33 औषधीय और सुगंधित पौधे मौजूद हैं।  इस गार्डन की एक और   खासियत है।  यहाँ आपको हर पौधे के सामने उससे सम्बंधित जानकारी मिल जाती है।  प्रत्येक पौधे के लाभ भी इस गार्डन में पढ़ने को मिल जाएंगे।  रतनजोत, मधुमेह के लिए सुरक्षित मिठास देने वाला स्टेविया, इसबगोल, दमिश्क गुलाब, अश्वगंधा, ब्राह्मी, पुदीना, तुलसी, जिरेनियम आदि यहां मौजूद हैं।

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image courtesy: clicksandtales.com

फूल के साथ कांटें भी हैं मौजूद 

 फूल के बगीचों के अलावा यहाँ बोंसाई गार्डन और  कैक्टस गार्डन भी है। इन सबके अलावा मुग़ल गार्डन में एक म्यूसिकल फाउंटेन भी है।  इसकी स्थापना 2005 में की गई थी।  ख़ास बात यह है की यह फाउंटेन वंदे मातरम की धुन पर लहराता रहता है।  

 

 

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