मदर टेरेसा, अर्जुन, राजा राम मोहन राय, जवाहर लाल नेहरू , जॉन एफ. कैनेडी, क्वीन एलिजाबेथ और मि. लिंकन। यह नाम आपने कई बार सुने और पढ़े होंगें। जाहिर है सभी नाम ऐतिहासिक लोगों के हैं, जिनके बारे में आपने हिस्ट्री बुक्स में पढ़ा होगा । मगर आप चाहें तो इनसे मिल भी सकते हैं। अरे अरे... परेशान मत होइए, इनसे मिलने के लिए आपको ज्यादा दूर नहीं जाना होगा। दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में बने मुग़ल गार्डन में ही आप इनसे मिल सकते हैं। यह सभी यहां खुशबू फैलाते मिल जाएंगे। क्या हुआ, आप हैरान हो गए न ? मगर वास्तव में यह सभी इस गार्डन में आपको फूलों के रूप में मिल जाएंगे।
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दरअसल मुग़ल गार्डन के फेमस रोज़ गार्डन में हर रोज़ का एक नाम रखा गया है और यह नाम किसी न किसी फेमस व्यक्ति है। वैसे मुग़ल गर्दन की खासियत यहीं नहीं ख़त्म होती बल्कि इसकी कई खासियतें हैं , जिन्हें यहाँ आकार ही आप जान सकते हैं। आप चाहें तो यहाँ विजिट कर सकते हैं। हर साल की तरह मुग़ल गर्दन इस साल भी आम लोगों के लिए खोला जा रहा। यहाँ फरवरी 6 से मार्च 9 तक कोइ भी आ सकता है। इस गार्डन की कई खूबियां हैं कुछ के बारे में हम आपको बताते हैं।
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15 एकड़ में फैले इस गार्डन में 70 किस्म के अलग अलग फूल हैं , जिनमें से 135 वैराइटी केवल गुलाब के फूल की हैं। यहाँ आकर कोई भी यह सोचने पर मजबूर हो सकता है कि जब इतने किस्म के फूल एक साथ गार्डन को खुशबू से महका सकते हैं तो फिर इंसान क्यों नहीं एक साथ रह सकते हैं। रोज गार्डन के अलावा यहाँ का ट्यूलिप गार्डन भी बहुत फेमस है। यहाँ 8 वैराइटी के 10000 से भी ज्यादा ट्यूलिप के फूल मौजूद हैं। यह सारे फूल नीदरलैंड से इम्पोर्ट किये गए हैं. इसके अलावा जापान का पैंजी और जर्मनी का मेरीगोल्ड भी इस गार्डन की ब्यूटी को बढ़ाता है। वैसे मुगल गार्डन की खास बात यह है कि 95 प्रतिशत फूल यहाँ पर हिंदुस्तानी हैं।
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फूलों की ख़ूबसूरती के साथ ही इस गार्डन की बनावट भी आपको खूबसूरत लगेगी। पार्शियन स्टाइल में बने इस गार्डन को कई भागों में बांटा गया है। इस गार्डन में सर्क्युलर , स्प्रिचुअल, बोन्साई , हर्बल , टेक्टाइल और म्यूज़िकल भागों में डिवाइड किया गया है, जिसमें पेड़ , झाड़ियां , फूल , फाउंटेन और लॉन है। यह गार्डन जम्मू और कश्मीर के मुगल गार्डन , ताज महल के गार्डन तथा फारसी और भारतीय मिनियेचर पेंटिंग्स में बने गार्डन्स से इन्फ्लुएंस्ड है। मुगल उद्यान में ब्रिटिश गार्डन कला की भी अनेक खूबियां दिखाई देती हैं।
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आपने लाल, पीला, नीला, कला और गुलाबी गुलाब का फूल तो देखा होगा मगर यहाँ पर आपको हरा गुलाब का फूल भी देखने को मिलेगा। इसके अलावा यहाँ पर लगभग 33 औषधीय और सुगंधित पौधे मौजूद हैं। इस गार्डन की एक और खासियत है। यहाँ आपको हर पौधे के सामने उससे सम्बंधित जानकारी मिल जाती है। प्रत्येक पौधे के लाभ भी इस गार्डन में पढ़ने को मिल जाएंगे। रतनजोत, मधुमेह के लिए सुरक्षित मिठास देने वाला स्टेविया, इसबगोल, दमिश्क गुलाब, अश्वगंधा, ब्राह्मी, पुदीना, तुलसी, जिरेनियम आदि यहां मौजूद हैं।
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फूल के बगीचों के अलावा यहाँ बोंसाई गार्डन और कैक्टस गार्डन भी है। इन सबके अलावा मुग़ल गार्डन में एक म्यूसिकल फाउंटेन भी है। इसकी स्थापना 2005 में की गई थी। ख़ास बात यह है की यह फाउंटेन वंदे मातरम की धुन पर लहराता रहता है।
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