सेक्सुअली हैरेस्‍ड महिलाओं ने मिल कर बसाया एक ऐसा गांव जहां मर्दों को नहीं मिलती एंट्री

क्‍या आपका मन किसी ऐसी जगह पर भाग जाने का करता हो जहां एक भी पुरुष न दिखें।अगर हां, तो हम आपको बताते हैं एक ऐसी जगह के बारे में जहां पुरुषों का आना बैन है।  

In this village only rape victim women can stay, men are not allowed     ()

सोशल मीडिया, टेलीविजन और न्‍यूजपेपर में महिलाओं के साथ होने वाली सेक्सुअल हैरेसमेंट के बारे में सुन-सुन कर आप थक चुकी होंगी। हो सकता है कि आपका मन किसी ऐसी जगह पर भाग जाने का करता हो जहां एक भी पुरुष न दिखें। मगर यह शायद सिर्फ आपकी फैंटेसी का ही हिस्‍सा होगा। वास्तिवक जीवन में शायद ही आपको ऐसी कोई जगह अब तक मिली होगी जहां केवल महिलाएं ही महिलाएं दिखें। मगर सच तो यह है कि वास्‍तव में दुनिया में एक ऐसी जगह हैं जहां आपको एक भी पुरुष का चहरा देखने को नहीं मिलेगा। इंट्रेस्‍टिंग बात तो यह है कि यहां केवल महिलाओं को ही एंट्री मिलती है और पुरुष इस जगह के दूर दूर तक नहीं फटक सकते।कहां है यह जगहइस जगह का नाम उमोजा है और यह अफ्रीकी महाद्वीप के केनिया देश का एक छोटा सा गांव है। इस गांव में 50 महिलाएं और 200 बच्‍चे रहते हैं। यहां एक भी पुरुष नहीं रहता । 1990 में बने इस गांव की खासियत है कि यहां रहने वाली हर महिला को सेक्सुअली प्रताडि़त किया गया है, जिसके बाद वह अपनी जानवरों से बत्‍तर जिंदगी को छोड़कर इस गांव में आ गई।

In this village only rape victim women can stay, men are not allowed     ()

क्‍या है गांव की कहानी

इस गांव में रहने वाली हर महिला ने कई बरस तक अपने पतियों के अत्‍याचारा सहा है जिसके बाद एक दिन सभी ने मिल कर तय किया कि वह अब इस तरह की जिंदगी नहीं जिएंगी और एक ऐसी जगह बसाएंगी जहां पुरुषों का नामोनिशान न हों। इन 50 महिलाओं ने अपने पतियों से दूर हो कर एक ऐसी कोलोनी बसाई जहां केवल सेक्सुअल हैरेस्‍मेंट विक्‍टेम महिला ही रह सकती थी। इसके साथ ही इन महिलाओं ने इस कोलोनी में पुरुषों के आने पर बैन लगा दिया।

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किसने की थी पहल

इस गांव को बसाने की पहल 1990 में रेबेका नाम की एक महिला ने की थी। वह खुद भी एक रेप विक्‍टम थी। इस गांव को बसाने के पीछे रेबेका का मकसद ऐसी महिलाओं का आश्रा देना था जो अपनी मैरिज लाइफ में खुश नहीं है और हर दिन बलात्‍कार, हिसां और खतने जैसी कुपर्था का शिकार होती हैं। उन्‍हें बचाने के उद्देश्‍य से रेबेका ने इस गांव को बसाया और अपने साथ अन्‍य 50 महिलाओं और उनके बच्‍चों के साथ यहां रहने लगी। यहां रहने वाली महिलाएं खुद कमाती और खाती हैं। इसके लिए इन लोगों ने यहां महिला पर्यटकों के रहने, खाने घुमने की व्‍यवस्‍था कर रखी है। इन महिलाओं ने यहां पर छोटे छोटे कैंप बना रखें हैं। यहां आने वाली महिला पर्यटकों को यह महिलाएं अपने गांव की सैर कराती हैं साथ ही अपना कलचर दिखाती हैं। अगर कोई महिला पर्यटक उनकी कहानी सुनने में इंट्रेस्‍ट दिखाती है, तो वह उन्‍हें वह भी बताती हैं।

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महिलाओं को मिलती हैं धमकी

रेबेका जब यहां आई थी तो उसके साथ इस गांव में आने के लिए केवल 15 महिलाएं ही तैयार हुई थीं मगर अब दिन पर दिन इस गांव में महिलाओं की संख्‍या बढ़ती जा रही है । अब यहां 50 महिलाएं रहती हैं। सभी महिलाएं अपने पति की सताई हुई हैं। मगर इस गांव में आकर इन सभी महिलाओं में गजब का साहस आ गया है। यह महिलाए किसी भी पुरुष को इस गांव के अंदर घुसने नहीं देतीं अगर कोई पुरुष ऐसा करने की कोशिश करता है तो वे उसे मार पीट कर बाहर निकाल देती हैं। कई महिलाओं को उनके पतियों द्वारा घर वापिस बुलाए जाने के बाद भी जब वे नहीं गई तो उन्‍हें जान से मारने की धमकी तक दे डाली गई मगर यह महिलाए अब बेखौफ इस गांव में आजाद जीवन बिता रही हैं।

गांव में रहने की चुकानी पड़ती है कीमत

इस गांव की मुखिया रेबेका ही हैं। वह अब इस गांव को खरीदने वाली है और इसके लिए वे सारी महिलाओं के साथ मिल कर डाउन पेमेंट के रूप में हर साल 2700 डॉलर की रकम चुकाती हैं। पैसे कमाने का उनके पास एक ही साधन है और वह पर्यटक। इस गांव को देखने कई महिला पर्यटक आती हैं और इसके लिए उन्‍हें पैसे चुकाने पड़ते हैं। रेबेका और अन्‍य 50 महिलाओं ने तय क‍र लिया है कि वह अब इस गांव को छोड़ कर कहीं नहीं जाएंगी और यहां ज्‍यादा से ज्‍यादा महिलाओं को घूमने के लिए आकर्षित कर इस गांव को पूरी तरह से महिलाओं का गांव बनाएंगी।

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