रोजमर्रा की भागदौड़ और व्यस्तता से दूर अगर कोई ऐसी सुकून की जगह हो, जहां दूर-दूर तक समंदर के खूबसूरत नजारे दिखें या फिर बर्फ से ढंके पहाड़ हों तो कैसा रहे। ऐसी कल्पना करने से ही मन तरोताजा होने लगता है। पहले के वक्त में महिलाएं सिर्फ फैमिली के साथ ही घूमने जाती थीं, लेकिन अब घर की चार-दीवारी से बाहर महिलाएं सोलो ट्रेवल पर निकल रही हैं। गर्ल गैंग के साथ भी महिलाएं अपनी फेवरेट लोकेशन्स में मौजमस्ती करना पसंद कर रही हैं। अगर आप भी रिलैक्स करना चाहती हैं और नए साल को यादगार बनाना चाहती हैं तो साल 2020 में आपको घूमने के लिए लंबे वीकेंड्स मिलेंगे। युनाइटेड नेशन्स वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गनाइजेशन के अनुसार लगभग 50 मिलियन भारतीय 2020 में विदेश यात्रा पर गए। वर्तमान में नई जगहों पर चाह लोगों में बढ़ती जा रही है, इसीलिए ऑफबीट लोकेशन्स पर घूमने का ट्रेंड भी बढ़ रहा है। महिलाओं की ट्रेविलंग से जुड़े ऐसे ही दिलचस्प ट्रेंड्स के बारे में HerZindagi ने चर्चा की Avis India के CEO Sunil Gupta से, आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा।
साल 2019 में कई तरह के ट्रेवल ट्रेंड्स देखने को मिले। इस साल हॉलीडे करने के नए तरीके सामने आए। इनमें स्लो ट्रेवल और सोलो ट्रेवल में खासतौर पर लोगों की दिलचस्पी देखने को मिली। इस साल महिला ट्रेवलर्स ने घूमने में काफी दिलचस्पी दिखाई, जिससे टूरिज्म इंडस्ट्री के डाइनेमिक्स में भी बदलाव देखने को मिला। आज के समय में महिलाओं की खर्च करने की बढ़ती क्षमता और नए एडवेंचर्स में दिलचस्पी से महिलाओं का सोलो और ग्रुप ट्रेवल में रुझान देखने को मिला है। इस ग्रोथ की वजह से Avis India platform पर बुकिंग पैटर्न्स में भी बदलाव देखने को मिला है। हमने महिलाओं की तरफ से सेल्फ ड्राइव और ड्राइवर के साथ किराए पर मिलने वाली गाड़ी, दोनों की बुकिंग में साल-दर-साल 20 फीसदी की बढ़त देखी।
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भारतीय ट्रेवलर्स के पास देश और विदेश में घूमने के लिए कई दिलचस्प ऑप्शन्स हैं। लेकिन अब ऐसे डेस्टिनेशन्स के लिए लोगों में ज्यादा दिलचस्पी देखने को मिल रही है, जिन्हें कम एक्सप्लोर किया गया है। आज के समय में ज्यादातर ट्रेवलर्स ऑफ बीट डेस्टिनेशन्स जाना पसंद करते हैं। यही वजह है कि चिकमंगलूर और कुर्ग जैसे डोमेस्टिक डेस्टिनेशन्स में लोगों का इंट्रस्ट बढ़ रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूरोप के बजाय साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड जैसे डेस्टिनेशन्स को ज्यादा पसंद किया जा रहा है।
एयर ट्रेवल और रोड ट्रिप, दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं, क्योंकि एयर ट्रेवल से डेस्टिनेशन तक आसानी से पहुंचा जा सकता है और इसके बाद तसल्ली से किराए वाली गाड़ी में सैर की जा सकती है। ऐसे में पिछले कुछ सालों में खुद ड्राइव करके घूमने और ड्राइवर वाली रेंटल कार में निश्चित रूप से दिलचस्पी बढ़ रही है। उदाहरण के लिए हमने Avis India में पिछले साल की तुलना में 25 फीसदी की बढ़त दर्ज की है। वहीं इंटरनेशनल ट्रेवलर्स की तरफ से किराए की कार की बुकिंग में भी जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है।
नए देश को खुद ड्राइव करके एक्सप्लोर करने में दिलचस्पी रखने वाले किराए की गाड़ियां लेना पसंद करते हैं। वहीं जो ट्रेवलर्स कंफर्ट चाहते हैं, वे chauffeur-driven गाड़ियां ज्यादा पसंद करते हैं।
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इस साल मैं ट्रेवलर्स को यही सलाह दूंगा कि वे अपनी पसंदीदा जगहों पर जाएं। चाहें वे सड़क के रास्ते सफर कर रहे हों या फिर वे इंटरनेशनल ट्रेवल कर रहे हों, ट्रेवलिंग करते हुए उन्हें नई जगह के कल्चर से जुड़ना चाहिए, स्थानीय लोगों और वहां की विशेषताओं के बारे में जानना चाहिए। इससे ट्रेवलिंग का एक्सपीरियंस यादगार बन जाता है। इन चीजों से पहले घूमे हुए डेस्टिनेशन्स पर जाते हुए भी आपको बिल्कुल नया पर्सपेक्टिव देखने को मिलता है।
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