herzindagi
place to visit sitamarhi district in bihar travel

आज चलते हैं जानकी माता यानि सीता की जन्म धरती सीतामढ़ी की सैर पर

अगर आप भी जानकी माता यानि सीता के पौराणिक कथाओं से रूबरू होना चाहते हैं तो पहुंचें बिहार के सीतामढ़ी में।
Editorial
Updated:- 2020-10-09, 14:29 IST

बिहार के प्राचीन संस्कृति और पौराणिक कथाओं की जड़ें इतनी गहरी है कि इसे जितना आप जानना चाहेंगे उतना ही कम पड़ेगा। बोधगया चले जाएं या फिर गया जिले में, यहां आपको प्राचीन काल के आज भी कई धार्मिक प्रमाण और उसका जिक्र सुनने को मिलेंगे। बिहार के सीतामढ़ी जिले में भी आपको कुछ इसी तरह के रामायण काल की कई कहानियों को सुनने और समझने का मौका मिलेगा। सीतामढ़ी जिसे जानकी माता यानि सीता की जन्म धरती कहा जाता है। अगर आपका कभी बिहार जाने का प्लान बना और आपको सीतामढ़ी शहर में रुकना पड़ें तो यहां घूमने का मौका हाथ में जाने नहीं दीजिएगा, क्यूंकि आज हम आपको बनाते जा रहे हैं सीतामढ़ी के कुछ पवित्र पर्यटन स्थलों के बारे में जहां आप घूमने जा सकते हैं-

माता जानकी का जन्म स्थल   

place to visit sitamarhi district in bihar inside  

हिंदुस्तान में जानकी माता यानि सीता जन्मभूमि का आध्यात्मिक और पौराणिक रूप में बड़ा महत्व है। पौराणिक कथाओं में के हवाले से कहा जाता है कि एक सीतामढ़ी के पुनौरा नामक स्थल पर जब राजा जनक खेत में हल जोत रहे थे तो धरती के अंदर से एक कन्या की प्राप्त हुई जिनका नाम सीता रखा गया। यह जगह सीतामढ़ी जिला मुख्यालय से लगभग 7 से 8 किमी की दूरी पर है। यह जगह सीतामढ़ी के पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है, जहां हजारों सैलानी घूमने के लिए जाते हैं। (बिहार के 4 प्रसिद्ध धार्मिक स्थल)

इसे भी पढ़ें: बिहार के इस जिले में घूमना है बहुत खास, क्या आप भी गए हैं यहां?

जानकी मंदिर 

sitamarhi district in bihar inside

यह मंदिर पुनौरा में ही है, जहां बेहद ही भव्य जानकी जी का मंदिर है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में यहां पुण्डरीक ऋषि का भी आश्रम था। इस मंदिर परिसर के अंदर गयात्री मंदिर, विवाह मंडप, पार्क और म्यूजिकल फाउंटेन झरना एवं फव्वारा भी है। यहां हर साल 'सीतामढ़ी महोत्सव' नामक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी होता है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी आते हैं। पुनौरा में कई पिकनिक स्पॉट भी। (विश्व के सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर)

 

जानकी कुंड 

visit sitamarhi district in bihar inside

जानकी मंदिर के बाद अगर सबसे पवित्र कुछ माना जाता है तो वो है जानकी कुंड। कहां जाता है कि माता सीता का जन्म यहीं हुआ था। यहां घूमने आने वाले हर सैलानी इस कुंड के पानी के सामने माथा टेकते हैं। इसी परिसर में उर्विजा कुण्ड भी है। इस कुंड के बीच में हल चलाते राजा जनक और घड़े से प्रकट होती सीता की प्रतिमा है। (दक्षिण भारत से बिहार तक के प्राचीन मंदिर)

 

इसे भी पढ़ें: बिहार में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह हैं, जानें इनके बारे में

हलेश्वर स्थान   

place to visit sitamarhi district in bihar inside

यह स्थान सीतामढ़ी से लगभग 5 से 7 किमी की दूरी पर है। इस स्थान के बारे में बोला जाता है कि मिथिला राज्य में भयंकर अकाल से मुक्ति दिलाने के लिए शिवलिंग की स्थापना कर हलेष्ठि यज्ञ किया था। मंदिर स्थापना के बाद इसे हलेश्वर नाथ महादेव भी कहा जाने लगा। यहां हमेशा श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। यहीं नहीं हलेश्वर में शिवरात्रि और श्रावण सोमवारी को विशाल मेला लगता है। इसे अलावा आप सीतामढ़ी में उर्बीजा कुंड, बगही मठ, पंथ पाकड़ भी घूमने जा सकते हैं। (लोनावला नहीं, बल्कि चिखलदरा घूमने जाएं)

यहां आप ट्रेन, बस या हवाई मार्ग से भी पहुंच सकते हैं। सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन से लोकल गाड़ी लेकर आसानी से यहां पहुंचा जा सकता हैं। हवाई सफर के लिए राजधानी पटना के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से भी यहां आप गाड़ी भाड़ा कर के जा सकते हैं।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। 

Image Credit:(@cdn.s3waas.gov.in,.jagranimages.com,media-cdn.tripadvisor.com) 

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।