राजस्थान के प्रमुख शहरों में से एक है अलवर। सैलानी हर साल यहां के दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए बड़ी तादाद में आते हैं। अरावली पर्वतमाला से घिरा यह खूबसूरत शहर अपने समृद्ध इतिहास की कहानी कहता है। दिलचस्प बात ये है कि इस शहर को महाराजा प्रताप सिंह ने सन् 1775 में मुगल बादशाह के नियंत्रण से आजाद कराया था। अलवर के इतिहास पर गौर किया जाए तो यहां के वीरों की गाथाएं रोमांचित करने वाली हैं। अरावली के पर्वतों पर स्थित अलवर का किला वीर योद्धाओं की कुर्बानियों की याद दिलाता है। अलवर में घूमने के लिहाज से कई अट्रैक्टिव टूरिस्ट डेस्टिनेन्स हैं। आइए जानें ऐसे ही 5 स्थलों के बारे में, जहां घूमने में आपको मजा आएगा।
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अलवर का किला
अलवर का बाला किला यहां का ताज कहा जाता है। यहां आने वाले सैलानी इस किले में घूमना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। दिलचस्प बात ये है कि अलवर का यह प्राचीन किला बाबर के समय से भी पहले का बना हुआ है। इस ऐतिहासिक किले में बाबर और जहांगीर जैसे मुगल बादशाहों ने अपने जीवन के कुछ अनमोल पल बिताएं हैं। यह किला अरावली पहाड़ी पर लगभग 304 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसमें 15 बडे़ तथा 51 छोटे बुर्ज है। इस किले के कई द्वार हैं, जिनके नाम देवताओ के नाम पर हैं। इनमें चंद्र पोल, सूरज पोल, जय पोल, कृष्ण पोल, लक्ष्मण पोल जैसे नाम लिए जा सकते हैं।
विनय विलास महल
विनय विलास महल भीतर से काफी खूबसूरत बना हुआ है। इसे सिटी पैलेस के नाम से भी जाना जाता है। यहां का रोचक इतिहास और यहां की स्थापत्य कला दोनों ही सैलानियों को आकर्षित करते हैं। 18वीं सदी में बना ये महल मुगल और राजपूताना शैली का मिला-जुला संगम है। यहां की ऊपरी मंजिल पर एक म्यूजियम भी है, जहां आपको राजसी जीवन से जुड़ी विविध प्रकार की वस्तुएं देखने को मिलती है।
अलवर म्यूजियम
अगर आपको इतिहास में रुचि है तो आपको अलवरके म्यूजियम को विजिट करने जरूर जाना चाहिए। यहां आप 18वीं और 19वीं सदी की मुगल और राजपूताना काल की स्थापत्य कला औरखूबसूरत पेटिंग्स का कलेक्शन देख सकती हैं। यह म्यूजियम सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है और आप दिनभर यहां की खूबसूरत विरासत को इत्मीनान के साथ देख सकती हैं।
कम्पनी गार्डन
अलवर में अगर आप कुदरती वातावरण में जाना चाहती हैं तो आप यहां के कंपनी बाग का रुख कर सकती हैं। इसका निर्माण महाराजा शिवदान सिंह ने कराया था। यह गार्डन अपने बेहतरीन कंसट्रक्शन,सुंदर लैंडस्केप और फव्वारों के लिए फेमस है। हरियाली के बीच घूमने और सुकून से वक्त बिताने के लिए यह जगह पूरी तरह से मुफीद है।
सिलीसेर झील
अगर आपको झीलें देखना पसंद है तो आप अवलर से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलीसेर झील विजिट करने जा सकती हैं। यह झील तीन तरफ से अरावली की पहाड़ियों से घिरी हुई है। झील का कल-कल बहता पानी मन को आनंदित कर देता है।
ऐसे पहुंचें अलवर
अलवर शहर के सबसे करीब है जयपुर का हवाई अड्डा। अलवर से जयपुर कार से तीन घंटे में पहुंचा जा सकता है। इनके बीच की दूरी 148 किलोमीटर है। यहां से बस, टैक्सी या रेल मार्ग के जरिए अलवर पहुंचा जा सकता है। अलवर रेल और सड़क मार्ग दोनों के जरिए भारत के सभी प्रमुख शहरों से कनेक्टेड है, इसीलिए यहां पहुंचने में आपको किसी तरह की मुश्किल नहीं होगी।
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