भारत में सबसे भव्य और शानदार तरीके से मनाया जाने वाला त्योहार है दिवाली। देश के अलग-अलग राज्यों में यह त्योहार बहुत हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि हर राज्य में दिवाली मनाए जाने का अंदाज अलग है। राजस्थान के जयपुर से लेकर पंजाब के अमृतसर तक दिवाली के रंगों में काफी विविधता नजर आती है। अगर बात करें गोवा की, तो यहां भी दिवाली मनाए जाने का अंदाज देश के अन्य राज्यों की तुलना में पूरी तरह अलग है। आइए जानते हैं कि यहां किस तरह से दिवाली का जश्न मनाया जाता है।
दिवाली मनाए जाने की यह है कहानी
हालांकि गोवा में पुर्तगाली लंबे समय तक रहे, लेकिन फिर भी यहां हिंदू देवी-देवताओं का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। गोवा में दिवाली का उत्सव नर्क चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है, जिसे छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। पूरे देश में दिवाली इस उपलक्ष्य में मनाई जाती है कि भगवान राम इसी दिन अपना 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या वापस लौट आए थे, लेकिन यहां दिवाली अलग वजह से मनाई जाती है।
माना जाता है कि यहां इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध कर दिया था। दरअसल नरकासुर ने यहां के निवासियों को आतंकित कर दिया था। इस पर यहां के त्रस्त लोगों ने मदद के लिए भगवान श्रीकृष्ण से गुहार लगाई थी। भगवान श्रीकृष्ण ने गोवा वासियों की रक्षा हेतु नरकासुर के साथ एक भीषण युद्ध लड़ा था। युद्ध के दौरान श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से नरकासुर की जीभ काट दी थी, जिससे नरकासुर मर गया। नरकासुर की मृत्यु के बाद गांव के लोग अपने घर वापस लौट आए थे और उन्होंने अपने घर में दीए जलाकर खुशियां मनाई थीं।
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नरकासुर का किया जाता है दहन
गोवा में इस दिन राक्षस नरकासुर के बड़े-बड़े पुतलों को पत्तियों, पेपर और पटाखों से बनाया जाता है और फिर उसे गलियों में घुमाया जाता है। इस दौरान लोग दानव की आलोचना भी करते हैं और बाद में उन्हें एक खुले मैदान में ले जाकर जला दिया जाता है। दशहरा पर्व की तरह यहां दिवाली का उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। दानव का पुतला जलाए जाने के बाद लोग अपने शरीर को पवित्र करने के लिए तेल का लेप लगाते हैं।
महिलाएं लगाती हैं सुगंधित लेप
गोवा में नरकासुर के वध की अगली सुबह महिलाएं लक्ष्मी पूजा के दिन स्नान से पहले शरीर पर विशेष प्रकार के लेप लगाती हैं। यह लेप चंदन, खुशबूदार तेल और दूसरी सुगंधित चीजों से मिलाकर बनाया जाता है और इसे उटनम कहा जाता है। इसके बाद घर के सदस्य लक्ष्मी मां के सामने प्रार्थना करते हैं, स्थानीय मंदिरों के दर्शन करते हैं और मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं। इस दौरान कई गोवा वासी मेला घूमने जाते हैं और पार्टी करते हैं। इस शुभ दिन को गोवा वासी अपने परिवार के साथ मिलकर सेलिब्रेट करते हैं। हर जगह खुशी मनाने के लिए सजावट की जाती है और पटाखे भी जलाए जाते हैं।
गोवा में इस तरह दीवाली मनाए जाने के बारे में जानकर आपको जरूर हैरानी हुई होगी। यहां दिवाली देश के अन्य भागों से बिल्कुल अलग अंदाज में मनाई जाती है, लेकिन यह पर्व आपको यहां की अनूठी संस्कृति के बारे में जानने के लिए उत्साहित करेगा। शायद अब आप गोवा घूमने की प्लानिंग करें तो आप यहां के दिवाली उत्सव का हिस्सा बनने के बारे में भी सोचें। बहरहाल HerZindagi टीम की यही दुआ है कि आप अपनी दिवाली पूरे हर्षोउल्लास के साथ सेलिब्रेट करें।
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