मकर वार्षिक राशिफल
Dec 22 - Jan 19- पिछला वार्षिक
- वार्षिक
प्रेम जीवन
2025 में मकर राशि के जातकों के लिए प्रेम जीवन उतार-चढ़ाव भरा रहेगा। वर्ष के आरंभ से 14 मई तक गुरु की नीच दृष्टि प्रेम संबंधों में तनाव और गलतफहमियां ला सकती है। इस समय अपने साथी के साथ संवाद में स्पष्टता और धैर्य बनाए रखना बहुत जरूरी होगा। 14 मई से 14 जून के बीच पंचम भाव में सूर्य के प्रभाव से रिश्तों में अहंकार और क्रोध की स्थिति पैदा हो सकती है।
20 अगस्त से 14 सितंबर के बीच शुक्र की सप्तम दृष्टि प्रेम जीवन में नई ताजगी लाएगी। अविवाहित जातकों के लिए यह समय नए रिश्तों की शुरुआत का संकेत देता है। हालांकि, 18 अक्टूबर से 5 दिसंबर तक गुरु की नीच दृष्टि के कारण दांपत्य जीवन में चुनौतियां आ सकती हैं। यह समय आपके धैर्य और समझदारी की परीक्षा लेगा।
वित्तीय स्थिति
आर्थिक दृष्टि से यह वर्ष मकर राशि के लिए चुनौतियों और अवसरों का मिश्रण रहेगा। वर्ष के आरंभ से 6 जून तक मंगल की उच्च दृष्टि और 14 मई तक गुरु की नीच दृष्टि के कारण आर्थिक अस्थिरता रह सकती है। खर्चे बढ़ सकते हैं, लेकिन मेहनत और प्रयास से धन अर्जन के अवसर भी मिलेंगे।
13 अप्रैल से 13 मई के बीच सूर्य के चतुर्थ भाव में उच्च स्थिति के कारण धन लाभ और तरक्की के योग बनेंगे। यह समय व्यवसाय और निवेश के लिए अनुकूल रहेगा। हालांकि, 16 जुलाई से 15 अगस्त के बीच और 18 अक्टूबर से 5 दिसंबर तक गुरु की नीच दृष्टि के प्रभाव से आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान खर्चों पर नियंत्रण और बचत पर ध्यान देना आवश्यक होगा।
पारिवारिक जीवन
पारिवारिक दृष्टिकोण से 2025 मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। 14 मई से 14 जून तक सूर्य और शनि की दृष्टि के प्रभाव से भाई-बहनों और परिजनों के साथ संबंधों में तनाव और क्रोध बढ़ सकता है। इस समय पारिवारिक शांति बनाए रखने के लिए धैर्य और सूझबूझ से काम लें।
20 अगस्त से 14 सितंबर के बीच शुक्र की दृष्टि के कारण परिवार में सुख और शांति का माहौल बनेगा। इस दौरान अपनों के साथ समय बिताने और संबंधों को मजबूत करने का अवसर मिलेगा। हालांकि, 18 अक्टूबर से 5 दिसंबर तक गुरु की नीच दृष्टि के कारण पारिवारिक कलह की संभावना है। इस समय संयम और विनम्रता से परिस्थितियों को संभालें।
स्वास्थ्य
स्वास्थ्य के मामले में 2025 मकर राशि के जातकों के लिए सावधानी बरतने का वर्ष रहेगा। 29 मार्च तक शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव और पूरे वर्ष केतु के अष्टम भाव में रहने से अचानक स्वास्थ्य समस्याएं सामने आ सकती हैं।
6 जून तक मंगल की उच्च दृष्टि के कारण ऊर्जा की कमी और थकान महसूस हो सकती है। 18 अक्टूबर से 5 दिसंबर के बीच गुरु की नीच दृष्टि मानसिक तनाव और शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकती है। इस वर्ष नियमित व्यायाम, योग, और संतुलित आहार को अपनाना आपके स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होगा।
उपाय
प्रतिदिन “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें।
मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी की पूजा करें और चोला चढ़ाएं।
गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें और पीले पदार्थों का दान करें।
केतु से संबंधित समस्याओं के लिए “ॐ कें केतवे नमः” मंत्र का नियमित जाप करें।
हर शनिवार सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
तनाव कम करने और स्वास्थ्य सुधारने के लिए योग और ध्यान को दिनचर्या में शामिल करें।