why we keep lord ganesh in form of kalawa at home temple

Ganesh Ji Ki Puja: घर के मंदिर में कलावे के रूप में क्यों रखे जाते हैं गणेश जी?

गणेश जी प्रथम पूज्य हैं और उनकी कृपा से ही सभी शुभ कार्य संपन्न होते हैं। यही कारण है कि गृह प्रवेश से लेकर विवाह आदि तक के दौरान होने वाली पूजा में गणेश जी को अलग-अलग रूपों में विराजित किया जाता है।
Editorial
Updated:- 2025-09-05, 12:02 IST

हिन्दू पूजा पद्धति के अनुसार, हम किसी भी देवी-देवता को मानकार उनकी प्रतिमा घर के मंदिर में भले ही स्थापित करें, लेकिन गणेश जी किसी न किसी रूप में घर के मंदिर में होने ही चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि गणेश जी प्रथम पूज्य हैं और उनकी कृपा से ही सभी शुभ कार्य संपन्न होते हैं। यही कारण है कि गृह प्रवेश से लेकर विवाह आदि तक के दौरान होने वाली पूजा में गणेश जी को विराजित किया जाता है। हालांकि गणेश जी को प्रतिमा रूप में स्थापित करना आवश्यक नहीं है, उन्हें सुपारी या कलावे के रूप में भी स्थापित किया जा सकता है। वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि ज्यादातर लोगों के घरों में गणेश जी कलावे के रूप में अपना स्थान ग्रहण करते हैं। ऐसे में आइये जानते हैं कि कलावे के रूप में ही गणेश जी को घर के मंदिर क्यों रखा जाता है।

घर के मंदिर में कलावे को गणेश रूप में क्यों रखते हैं?

कलावे को रक्षा सूत्र के रूप में जाना जाता है जो हमें बुरी शक्तियों से बचाता है। गणेश जी को 'विघ्नहर्ता' भी कहा जाता है जिसका अर्थ है बाधाओं को दूर करने वाले। जब हम कलावे के रूप में गणेश जी को घर के मंदिर में रखते हैं तो यह माना जाता है कि इससे व्यक्ति की सभी समस्याएं और परेशानियां दूर होंगी।

ganesh ji ko kalawa ke roop mein ghar ke mandir mein kyu rakha jata hai

हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार, घर के मंदिर में कभी भी एक से ज्यादा देवी-देवता को नहीं स्थापित करना चाहिए, लेकिन गणेश जी का होना जरूरी है। ऐसे में कलावे के रूप में गणेश जी को रखने से प्रतिमा की संख्या नहीं बढ़ती है और गणेश जी अपने बटुक रूप में विराजित होकर भक्त पर कृपा बरसाने लग जाते हैं।

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घर के मंदिर में कलावे के रूप में गणपति रखने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और सफ़लत पुर्वक सबी काम होने लग जाते हैं। इसके अलावा, घर के मंदिर में कलावे के रूप में रखे गणपति व्यक्ति और उसके परिवार को हर संकट से बचाते हैं और ग्रह दोष के कारण पड़ने वाले दुष्प्रभाव को भी कुंडली से दूर कर देते हैं।

bhagwan ganesh ko kalawa ke roop mein ghar ke mandir mein kyu rakha jata hai

घर के मंदिर में कलावे के रूप में गणपति रखने के 2 नियम भी हैं। पहला नियम यह है कि कलावे कि गट्टी को एक कटोरी में करके रखें, कलावे रूपी गणेश जी को सीधा मंदिर में स्थापित न करें। दूसरा नियम यह है कि कलावे के रूप में रखे गणेश जी की रोजाना पूजा करें और उन्हें स्नान के बाद चंदन भी लगाएं।

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image credit: herzindagi 

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FAQ
गणेश जी का प्रिय रंग कौन सा है?
गणेश जी का प्रिय रंग हरा है। 
गणेश जी की आरती का सबसे शुभ समय कौन सा है?
गणेश जी की आरती का सबसे शुभ समय 'अमृत काल' है।
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