
शादी का निमंत्रण जब भी दिया जाता है तो घर में इस बात पर चर्चा जरूर होती है कि सबसे पहला निमंत्रण किसे दिया जाए और सभी को पता है कि शादी का पहला न्योता भगवान को दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि ऐसा क्यों होता है? यही नहीं पहला निमंत्रण 33 करोड़ देवी देवताओं में से किसको दिया जाता है यह भी जानना जरूरी है। शादी जीवन का एक पवित्र और सामाजिक बंधन माना जाता है जो दो लोगों नहीं बल्कि दो परिवारों का मिलन माना जाता है। इसमें परिवार, रिश्तेदार और समाज के लोग वर-वधु को आशीर्वाद देते हैं। भारतीय संस्कृति में शादी के निमंत्रण कार्ड को लेकर अलग-अलग बातें बताई जाती हैं। इसमें शादी के निमंत्रण कार्ड के डिज़ाइन से लेकर उसमें लिखे मंत्रों तक का अलग महत्व होता है। शादी का कार्ड विवाह में दो संस्कृतियों को मिलाने का एक माध्यम माना जाता है और यह बल्कि सम्मान और स्नेह का प्रतीक भी माना जाता है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें कि शादी का पहला निमंत्रण किसे और क्यों दिया जाता है।
भारतीय परंपरा के अनुसार शादी का सबसे पहला कार्ड गणपति भगवान को समर्पित किया जाता है। कई लोग अपने आराध्य देवी देवताओं या कुल देवताओं को पहला निमंत्रण पत्र अर्पित करते हैं। यह एक तरह की आध्यात्मिक अनुमति मानी जाती है और आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रक्रिया मानी जाती है। कुछ लोग मंदिर जाकर विशेष पूजा के साथ यह निमंत्रण अर्पित करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इससे विवाह में कोई विघ्न नहीं आता है और वैवाहिक जीवन शुभ बना रहता है। ऐसा कहा जाता है कि यदि विवाह का पहला निमंत्रण आप गणपति को देती हैं तो इससे विघ्नहर्ता गणपति कोई भी बाधा हर लेते हैं।
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गणपति को किसी भी शुभ कार्य, मुख्य रूप से शादी का पहला निमंत्रण देने की परंपरा बहुत प्राचीन समय से चली आ रही है और इसे बहुत पवित्र माना जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है यानी जीवन के सभी प्रकार के विघ्न और बाधाओं को दूर करने वाले देवता माने जाते हैं। इसलिए विवाह जैसे महत्वपूर्ण संस्कार की शुरुआत उनके आशीर्वाद से की जाती है, जिससे पूरे आयोजन में कोई रुकावट न आ सके और सब काम सुचारु रूप से संपन्न हों।
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शास्त्रों के अनुसार गणेश जी को मंगलमूर्ति भी कहा जाता है जो सौभाग्य, समृद्धि और अच्छे परिणामों का प्रतीक हैं। विवाह में उन्हें पहला निमंत्रण देना यह संकेत है कि हमेशा दूल्हा-दुल्हन के नए जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, शांति और स्थिरता बनी रहे। इसके साथ ही यह भी माना जाता है कि गणपति दो परिवारों को जोड़ने और आपसी प्रेम बढ़ाने वाले देवता माने जाते हैं। इसलिए शादी का पहला न्योता उन्हें देना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।
अगर आपकी भी जल्द शादी होने जा रही है तो शादी का निमंत्रण देने से पहले आपके लिए इस बारे में जानकारी लेना जरूरी है कि पहला निमंत्रण किसके पास जाना चाहिए।
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