
शादी का सीजन चल रहा है। ऐसे में कई सारे लोगों के घरों में शादी की तैयारियां भी चल रही होंगे। वहीं कुछ के घर में सिर्फ शादी के कार्ड ही प्रिंट हुए होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि शादी से कुछ समय पहले कुछ खास रिश्तेदारों को न्योता देने के लिए एक रस्म होती है, जिसे भात कहते हैं। इस भात की रस्म को मम्मी के मायके में जाकर करनी होती है। यह एक तरह का न्योता होता है, जो मामा को शादी के लिए दिया जाता है। इस रस्म को उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भात कहते हैं। इसमें मामा को शादी का कार्ड देकर न्योता दिया जाता है।
भारतीय शादियों में हर रस्म और रीति-रिवाज का अपना खास महत्व होता है। इन्हीं में से एक है भात का न्योता। जिसे खासतौर पर मामा को दिया जाता है। यह परंपरा सदियों पुरानी है और इसके पीछे गहरा भावनात्मक और सांस्कृतिक महत्व जुड़ा हुआ है। आइए जानते हैं आखिर क्यों मामा को भात का न्योता दिया जाता है और इसका असली अर्थ क्या है।

इस रस्म में शादी से कुछ दिन पहले लड़की या लड़के के घर से एक थाल सजाकर मामा के घर भेजा जाता है। इस थाल में शामिल होते हैं...

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मामा इस निमंत्रण को स्वीकार कर शादी में शामिल होने का वचन देते हैं और शादी के दिन भात लेकर अपनी बहन के घर आते हैं।
शादी में मामा को भात का न्योता देना सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि प्यार, सम्मान और रिश्तों की गहराई का प्रतीक है। यह रस्म हमें याद दिलाती है कि भारतीय परिवारों में हर रिश्ते की अपनी जगह और अहमियत होती है। मामा का भात केवल उपहार नहीं, बल्कि उनके स्नेह और आशीर्वाद देते हैं।
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Image Credit- Freepik/ Gemini
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