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Ganesh Ji Ka Pehla Avatar: शिव जी के भक्त को मारने टेढ़ी सूंड के साथ शेर पर सवार होकर क्यों आये थे गणपति? जानें कथा

चूहे पर सवार गणेश जी ने क्यों की थी शेर की सवारी, आखिर कैसे गणेश जी ने टेढ़ी सूंड से किया था शिव जी के भक्त का अंत? जानें वक्रतुंड अवतार की रोचक कथा।
Editorial
Updated:- 2025-08-27, 15:24 IST

गणेश जी को अक्सर चूहे पर सवार देखा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक बार वह टेढ़ी सूंड के साथ शेर पर सवार होकर आए थे? यह घटना तब हुई जब वह शिव जी के एक खास भक्त का वध करने के लिए नए स्वरूप में अवतरित हुए थे। यह स्वरूप था वक्रतुंड जिसके आधार पर भगवान श्री गणेश का एक मंत्र भी निर्मित है। आखिर क्यों लिया था गणेश जी ने वक्रतुंड अवतार और कैसे बना शेर उनकी सवारी, आइये जानते हैं इस कथा के बारे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।

क्यों लिया था गणेश जी ने वक्रतुंड अवतार?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक समय की बात है, एक असुर हुआ करता था जिसका नाम मत्सरासुर था। मत्सरासुर कामदेव का पुत्र था और उसका जन्म अहंकार से हुआ था। उसने भगवान शिव की घोर तपस्या की और उन्हें प्रसन्न करके वरदान मांगा कि उसे किसी भी देवता या दानव से भय न हो। इस वरदान के बाद मत्सरासुर बहुत अहंकारी हो गया।

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वरदान की शक्ति से वह तीनों लोकों में हाहाकार मचाने लगा। वह स्वर्ग लोक पर अधिकार कर देवताओं को परेशान करने लगा। देवताओं ने बहुत कोशिश की लेकिन वे मत्सरासुर को हरा नहीं पाए। उसके अत्याचार से सभी लोग त्राहि-त्राहि करने लगे। जब देवताओं और ऋषियों ने देखा कि कोई भी उसका सामना नहीं कर पा रहा तो उन्होंने मिलकर भगवान गणेश का आह्वान किया।

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देवताओं की प्रार्थना सुनकर, भगवान गणेश ने वक्रतुंड अवतार लिया। इस अवतार में उनका शरीर विशाल और अद्भुत था, उनकी सूंड टेढ़ी थी और वह सिंह पर सवार थे। इस रूप में वे बहुत ही शक्तिशाली और तेजस्वी लग रहे थे। वक्रतुंड ने मत्सरासुर के साथ घमासान युद्ध किया। असुर अपनी पूरी शक्ति से लड़ा, लेकिन वह गणेश जी के इस दिव्य और शक्तिशाली रूप का सामना नहीं कर पाया।

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अंत में, वक्रतुंड गणेश जी ने अपनी शक्ति से मत्सरासुर का अंत कर दिया। इस प्रकार, उन्होंने देवताओं और संसार को उसके अत्याचारों से मुक्त कराया। वक्रतुंड अवतार हमें सिखाता है कि अहंकार और बुराई का अंत हमेशा होता है और भगवान भक्तों की रक्षा के लिए किसी भी रूप में प्रकट हो सकते हैं।

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FAQ
गणेश जी को सबसे प्रिय क्या है?
गणेश जी को सबसे प्रिय मोदक है।
गणेश जी का सबसे शक्तिशाली मंत्र कौन सा है?
गणेश जी का सबसे शक्तिशाली मंत्र 'गं गणपतये नमः' है।
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