ganesh ji ki puja samagri

गणेश जी की पूजा कैसे करें? जानें संपूर्ण विधि और सामग्री

Ganesh ji ki Puja Vidhi: हिंदू शास्त्रों में श्री गणेश जी को विघ्नहर्ता अर्थात् समस्त विघ्नों को हरने वाला देवता माना गया है। ऐसा माना जाता है कि यदि गणपति बाप्पा की सच्चे मन से आराधना की जाए, तो सभी इच्छाएं पूर्ण हो सकती हैं और जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है। गणेश जी की पूजा न केवल शुभता का प्रतीक है, बल्कि यह जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का द्वार भी खोलती है। उनकी कृपा पाने के लिए आवश्यक है कि पूजा पूरी श्रद्धा, भक्ति और शुद्धता के साथ की जाए। आइए आपको बताते हैं गणेश जी की पूजा की सही विधि और पूजन सामग्री के बारे में...
Editorial
Updated:- 2025-05-27, 17:08 IST

ganesh Ji Ki Puja Ki Samagri List: भगवान गणेश जी को बुद्धि, विवेक और ज्ञान का अधिष्ठाता देवता माना गया है। ऐसा माना जाता है कि उनकी आराधना से व्यक्ति की बुद्धि प्रखर होती है और जीवन को सही दिशा प्राप्त होती है। विशेष रूप से शिक्षा, करियर और निर्णय लेने की क्षमता में आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए गणेश पूजन को अत्यंत फलदायी बताया गया है।

धार्मिक शास्त्रों में भगवान गणेश को प्रसन्न करने के कई उपायों का उल्लेख मिलता है, किंतु उनमें सबसे सरल और प्रभावशाली उपाय है — श्रद्धा और समर्पण भाव से विधिपूर्वक गणेश जी की पूजा करना। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित राधाकांत वत्स जी के अनुसार, यदि गणेश जी की पूजा विधिपूर्वक की जाए और उसमें सभी आवश्यक पूजन सामग्री सम्मिलित हो, तो भगवान गणेश की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। आइए पंडित जी से जानें, गणेश जी की विधिवत पूजा कैसे की जाती है और इसमें कौन-कौन सी सामग्री की आवश्यकता होती है?

गणेश जी की पूजा विधि क्या है?

ganesh ji ki puja ka kya mahatva hai

सबसे पहले पूजा स्थल को साफ कर लें। अगर गंगाजल है तो पूरे स्थान पर गंगाजल छिड़क कर शुद्ध कर लें। इसके बाद स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठें। हाथ में थोड़ा जल, अक्षत और फूल लेकर अपना नाम, गोत्र, स्थान और पूजा का उद्देश्य बोलें।

इसके बाद हाथ की सामग्री गणेश जी के सामने छोड़ दें। फिर चौकी या पाटे पर लाल कपड़ा बिछाएं। उस पर गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। गणेश जी के दाहिनी ओर यानी कि अपने बाएं हाथ की तरफ कलश स्थापित करें। कलश में जल, अक्षत, एक सुपारी, एक सिक्का और एक फूल डालें।

कलश के मुख पर आम के पत्ते या अशोक के पत्ते रखकर उसके ऊपर एक नारियल स्थापित करें। घी या तेल का दीपक जलाएं। 'ॐ श्री गणेशाय नमः' मंत्र का उच्चारण करते हुए दीपक को गणेश जी के सामने रखें। धूपबत्ती जलाकर गणेश जी को अर्पित करें। हाथ जोड़कर गणेश जी का ध्यान करें।

गणेश जी से प्रार्थना करें कि वे पूजा में पधारें। इसके बाद 'ॐ गणेशाय आवाहनं समर्पयामि' का उच्चारण करें। यदि छोटी मूर्ति हो तो उसे एक थाली में रखें। जल या आप चाहें तो पंचामृत से गणेश जी को स्नान कराएं और स्नान कराते हुए 'ॐ गणेशाय स्नानं समर्पयामि' का जाप बिना रुके करते रहें।

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इसके बाद मूर्ति को पोंछकर वापस चौकी पर रखें। गणेश जी को अर्पित करें, अगर नए वस्त्र नहीं हैं तो कलावे को वस्त्र के रूप में गणेश जी को अर्पित कर सकते हैं। गणेश जी को वस्त्र अर्पित करते हुए 'ॐ गणेशाय वस्त्रं समर्पयामि' मंत्र का उच्चारण करें। कलावे के अलावा, जनेऊ भी अर्पित कर सकते हैं।

गणेश जी को सिंदूर और चंदन का तिलक लगाएं। लाल फूल, विशेषकर गुड़हल, गणेश जी को अर्पित करें। 21 दूर्वा की गांठें गणेश जी को अर्पित करें। यह उन्हें अत्यंत प्रिय है। इसके बाद अक्षत चढ़ाएं। गणेश जी को मोदक, लड्डू, फल, मिठाई, पान, सुपारी, लौंग, इलायची आदि का भोग लगाएं।

गणेश जी को भोग लगाने के बाद उनके मंत्रों का जाप करें। जरूरी नहीं कि 108 बार ही मंत्र जपने हैं, आप श्रद्धा और क्षमता अनुसार जाप सकते हैं। इसके अलावा, गणेश जी की पूजा के दौरान गणेश चालीसा का पाठ करना भी बहुत शुभ सिद्ध होगा। इससे गणेश जी प्रसन्न होकर कृपा बरसाएंगे।

अंत में कपूर या दीपक से गणेश जी की आरती करें। गणेश जी की पूजा में घी का दीपक ही जलाएं। आरती के बाद हाथ जोड़कर गणेश जी की तीन या पांच परिक्रमा करें। गलतियों और त्रुटियों के लिए गणेश जी से क्षमा याचना करें। इसके बाद भोग में लगी चीजों को प्रसाद के रूप में खाएं।

गणेश जी की पूजा की क्या सामग्री है?

ganesh ji ki puja ke kya labh hain

  • गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर: मिट्टी की मूर्ति सबसे शुभ मानी जाती है।
  • चौकी या पाटा: जिस पर मूर्ति स्थापित की जाएगी।
  • लाल कपड़ा: चौकी पर बिछाने के लिए।
  • कलश: एक छोटा लोटा या कलश।
  • जल: कलश में भरने के लिए और अभिषेक के लिए।
  • अक्षत यानी कि चावल: बिना टूटे हुए चावल।
  • दीपक और बाती: घी या तेल का दीपक
  • घी या तेल: दीपक जलाने के लिए।
  • माचिस या लाइटर: दीपक जलाने के लिए।
  • धूपबत्ती और स्टैंड: सुगंध के लिए।

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  • फूल: लाल फूल गणेश जी को विशेष प्रिय हैं, जैसे गुड़हल।
  • दूर्वा घास: 21 दूर्वा की गांठें जोड़ें में।
  • सिंदूर: गणेश जी को लगाने के लिए।
  • चंदन: गणेश जी को लगाने के लिए।
  • कलावा: हाथ में बांधने के लिए।
  • जनेऊ: गणेश जी को अर्पित करने के लिए।
  • पान के पत्ते: 5 या 7।
  • साबुत सुपारी: 5 या 7 ।
  • लौंग: 2-4
  • इलायची: 2-4
  • दक्षिणा: अपनी श्रद्धा अनुसार।
  • मिठाई: मोदक या लड्डू गणेश जी को बहुत प्रिय हैं। अगर मोदक/लड्डू न हों तो गुड़, बताशे या कोई भी मिठाई चढ़ा सकते हैं।
  • फल: मौसमी फल।
  • नारियल: साबुत नारियल।
  • गंगाजल: शुद्धिकरण के लिए।

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FAQ
गणेश जी कौन सी चीजों का भोग लगाना चाहिए?
गणेश जी को मोदक और केसर खीर का भोग लगाना चाहिए।
गणेश जी की पूजा के लिए क्या-क्या सामग्री चाहिए?
गणेश जी की पूजा में फूल, माला, दीपक, कपूर, लोचन, पान के पत्ते, हल्दी, पीला कपड़ा, सुपाड़ी, दूर्वा घास, अगरबत्ती, रोली और उनके सबसे प्रिय मोदक होने ही चाहिए। 
गणेश जी की पूजा करते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?
गणेश जी की पूजा करते हुए आप ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥ मंत्र का जाप कर सकते हैं।
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