Janmashtami Puja Vidhi 2024: जन्माष्टमी के दिन इस विधि से करें भगवान श्रीकृष्ण की पूजा, जानें पूजन सामग्री की पूरी लिस्ट

Janmashtami Laddu Gopal Puja Vidhi 2024: जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। साथ ही सुख-समृद्धि में भी वृद्धि होती है। आइए इस लेख में जन्माष्टमी के दिन पूजा करने की विधि और सामग्री के बारे में जानते हैं। 

Janmashtami  laddu gopal ji ki puja Vidhi and samagri ()

हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन यानी कि आज जन्माष्टमी का पर्व पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप, लड्डू गोपाल की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो सकती है। साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होती है।

जन्माष्टमी का पर्व सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का पूजा किस विधि से करें और पूजान सामग्री क्या है।

जन्माष्टमी के दिन पूजा के लिए सामग्री क्या है?

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लड्डू गोपाल की पूजा के लिए सामग्री के बारे में विस्तार से पढ़ें।

  • गेंदे के फूल
  • कपूर और धूपबत्ती
  • रोली, चंदन
  • दीपक
  • नैवेद्य
  • पंचामृत
  • चंदन और सिंदूर
  • तुलसी का पत्ते
  • कलश स्थापना के लिए सामग्री- कलश को स्थापित करने के लिए गंगाजल, नारियल, पान का पत्ता, सुपारी आदि की आवश्यकता होती है।

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जन्माष्टमी के दिन किस विधि से पूजा करें?

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  • जन्माष्टमी पर पूजा का सबसे शुभ समय रात को है। इसके अलावा आप लड्डू गोपाल की पूजा सुबह भी करें।
  • स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। घर और पूजा स्थान की भी अच्छी तरह सफाई करें।
  • पूजा स्थल पर साफ कपड़े बिछाएं और वहां भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा रखें। यदि संभव हो, तो एक चौकी पर भगवान की प्रतिमा स्थापित करें।
  • भगवान की प्रतिमा पर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) का अभिषेक करें। इसे करने के बाद, पवित्र जल से स्नान कराएं।
  • भगवान को ताजे फूल चढ़ाएं।
  • भगवान को मिठाई, फल, माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
  • उसके बाद धूप, दीपक जलाएं और भगवान की पूजा करें।

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  • लड्डू गोपाल का पालना झूलाएं और उनके भजन या मंत्रों का जाप करें। "हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे" और "हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे" जैसे मंत्रों का जाप करें।
  • भगवान श्रीकृष्ण की आरती करें।
  • श्रीकृष्ण की जन्मकथा, जैसे कि उनके जन्म की रात की कथा, सुनें या पढ़ें।
  • जन्माष्टमी पर विशेष पूजा रात्रि के समय की जाती है, जब श्रीकृष्ण के जन्म का समय आता है। इस समय विशेष भजन, कीर्तन और पूजा आयोजित कर सकते हैं।
  • पूजा के बाद प्रसाद का वितरण करें।
  • इसके बाद आप व्रत का पारण कर सकते हैं। इसके अलावा आप अगले दिन भी पारण विधिवत रूप से कर सकते हैं।

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Image Credit- HerZindagi

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FAQ

  • श्री कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा कैसे की जाती है?

    जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके भगवान कृष्ण के मंदिर में जायें। वहां श्री कृष्ण भगवान के दर्शन करके उन्हें मोर-पंख अवश्य चढ़ाएं। अगर किसी कारण मंदिर जाना संभव न हो तो घर में ही भगवान कृष्ण की प्रतिमा को मोर पंख अर्पित करें। इस दिन भगवान कृष्ण को पीले रंग के वस्त्र पहनाएं और उनका अच्छे से श्रृंगार करें।
  • जन्माष्टमी के व्रत में क्या नहीं करना चाहिए?

    जन्माष्टमी व्रत के दौरान अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा लहसुन और प्याज भी नहीं खाना चाहिए। साथ ही शराब, मांस और अंडे को भी भूलकर भी नहीं खाना चाहिए।