Shri Krishna Aarti: सुबह-शाम कृष्ण आरती करने से क्या होता है? मिल सकते हैं ये अद्भुत लाभ

भगवान श्री कृष्ण के कुंज बिहारी की आरती भिन्न है, बांके बिहारी रूप की आरती अलग है, ऐसे ही जो श्री कृष्ण का मूल स्वरूप है कृष्ण रूप उसकी भी आरती भिन्न है।
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भगवान श्री कृष्ण के कई स्वरूप हैं और उन स्वरूपों की अलग-अलग पद्धति से पूजा की जाती है। यहां तक की हर स्वरूप की अलग-अलग आरती भी हैं। उदाहरण के तौर पर, भगवान श्री कृष्ण के कुंज बिहारी की आरती भिन्न है, बांके बिहारी रूप की आरती अलग है, उनके राधारमण रूप की आरती अलग है। ऐसे ही जो श्री कृष्ण का मूल स्वरूप है कृष्ण रूप उसकी भी आरती भिन्न है। इसी कड़ी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि रोजाना कृष्ण आरती करने से क्या लाभ मिलते हैं और क्या है कृष्ण आरती करने से जुड़े नियम एवं विधि।

भगवान श्री की कृष्ण आरती

krishna aarti karne ka kya mahatva hai

ॐ जय श्री कृष्ण हरे प्रभु जय श्री कृष्ण हरे, भक्तन के दुःख सारे पल में दूर करे। ॐ जय श्री कृष्ण हरे।।
परमानन्द मुरारी मोहन गिरधारी, जय रस रास बिहारी जय जय गिरधारी। ॐ जय श्री कृष्ण हरे।।
कर कंकन कोटि सोहत कानन में बाला, मोर मुकुट पीताम्बर सोहे बनमाला। ॐ जय श्री कृष्ण हरे।
दीन सुधामा तारे दरिद्रों के दुःख टारे, गज के फंद छुड़ाऐ भव सागर तारे। ॐ जय श्री कृष्ण हरे।
हिरन्यकश्यप संहारे नरहरि रूप धरे, पाहन से प्रभु प्रगटे जम के बीच परे। ॐ जय श्री कृष्ण हरे।
केशी कंस विदारे नल कूबर तारे, दामोदर छवि सुन्दर भगतन के प्यारे। ॐ जय श्री कृष्ण हरे।
काली नाग नथैया नटवर छवि सोहे, फन-फन नाचा करते नागन मन मोहे। ॐ जय श्री कृष्ण हरे।
राज्य उग्रसेन पाए माता शोक हरे, द्रुपद सुता पत राखी करुणा लाज भरे। ॐ जय श्री कृष्ण हरे।

कृष्ण आरती करने के नियम

krishna aarti karne ke kya labh hain

  • भगवान श्री कृष्ण की आरती के दौरान उन्हें पीले वस्त्र धारण कराएं।पइपल रंग कृष्ण प्रिय है।
  • भगवान श्री कृष्ण के सामने एक ही स्थान पर खड़े होकर आरती करें। घूमघूमकर आरती नही होती है।
  • भगवान श्री कृष्ण की आरती से पहले राधे-राधे बोलें और आरती के बाद भी श्री राधा नाम उच्चारित करें।
  • भगवान श्री कृष्ण की आरती के समय राधा रानी का ध्यान करें और भोग भी राधा-कृष्ण को साथ में लगाएं।
  • भगवान श्री कृष्ण की आरती 8 के आकार में ही की जाती है क्योंकि उनका जन्म अष्टमी तिथि पर हुआ था।
  • भगवान श्री कृष्ण की आरती 14 बार घुमाएं। इससे आपकी भक्ति भगवान में समाहित चौदह भुवनों तक पहुंचती है।
  • भगवान श्री कृष्ण की आरती के दौरान पहले दीप जलाने के बाद जल अर्पित करें और इत्र सेवा भी करें।
  • भगवान श्री कृष्ण की आरती समापन के बाद उस आरती को घर में घुमाएं और फिर तुलसी के पास रखें।

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कृष्ण आरती करने के लाभ

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  • श्री कृष्ण की आरती रोजाना करने से मन शांत और स्थिर होता है। व्यक्ति को तनाव से मुक्ति मिलती है।
  • श्री कृष्ण की आरती रोजाना करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।
  • श्री कृष्ण की आरती रोजाना करने से भगवान कृष्ण के प्रति श्रद्धा, भक्ति और प्रेम की भावना बढ़ती है।
  • श्री कृष्ण की आरती रोजाना करने से पिछले जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं और पुण्यों में वृद्धि होती है।
  • श्री कृष्ण की आरती रोजाना करने से सुख-समृद्धि, संपन्नता, सौभाग्य, धन-संपदा आदि का घर में आगमन होता है।
  • श्री कृष्ण की आरती रोजाना करने से सभी प्रकार के संकटों, बुरी शक्तियों और बाधाओं से रक्षा मिलती है।
  • श्री कृष्ण की आरती रोजाना करने से श्री राधा रानी की कृपा प्राप्त होती है और युगल जोड़ी का आशीर्वाद मिलता है।
  • श्री कृष्ण की आरती रोजाना करने से घर में राधा-कृष्ण का वास स्थापित होता है और पारिवारिक क्लेश मिटता है।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • श्री कृष्ण की आरती दिन में कितनी बार करनी चाहिए?

    श्री कृष्ण की आरती दिन में 8 बार होती है लेकिन गृहस्थ लोगों को कम से कम 3 बार आरती करनी चाहिए।