What is the story of Kalindi

क्यों यमुना को कहा जाता है कालिंदी? जानें इस नाम का श्री कृष्ण से क्या है संबंध

हिन्दू धर्म में पवित्र नदियों को कई नामों से पुकारा जाता है। ठीक ऐसे ही यमुना को भी उनके इस नामा के अतिरिक्त कालिंदी नाम से जाना जाता है। आइये जानते हैं इस नाम के पीछे की दिलचस्प कहानी। 
Editorial
Updated:- 2025-04-25, 15:00 IST

पवित्र नदियों में से एक है यमुना जो न सिर्फ माता की तरह पूजी जाती हैं बल्कि श्री कृष्ण की पटरानी के तौर पर भी जानी जाती है। यमुना का एक नाम कालिंदी भी है। ऐसा माना जाता है कि यमुना का नाम कालिंदी पड़ने के पीछे बड़ी ही रोचक कथा मौजूद है। आइये जानते हैं इस बारे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि आखिर क्यों कहा जाता है यमुना को कालिंदी।

यमुना को कालिंदी क्यों कहते हैं?

हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लेखित है कि यमुना हिमालय के जिस पर्वत शृंखला से बहना शुरू होती है उस पर्वत का नाम कलिंद है और इसी कारण से यमुना का नाम कालिंदी पड़ा। यानी कि कालिंद पर्वत से बहने वाली कालिंदी, लेकिन इसके अलावा एक और कारण है यमुना का यह नाम होने के पीछे।

kya hai yamuna ke kalindi naam ke piche ka karan

पौराणिक कथा के अनुसार, जब अर्जुन के आग्रह करने पर श्री कृष्ण महाभारत युद्ध से पहले अर्जुन को ब्रज धाम लेकर गए थे, तब यमुना किनारे एक सुंदर ही कन्या बैठी हुई थी। वह और कोई नहीं बल्कि स्वयं यमुना माता थीं। जब अर्जुन ने उनसे पूछा कि वह इस प्रकार अकेले क्यों बैठी हैं।

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तब यमुना ने उत्तर दिया कि वह श्री कृष्ण की प्रतीक्षा कर रही हैं क्योंकि एक समय था जब श्री कृष्ण ने उन्हें ब्रज धाम छोड़ते समय यह वचन दिया था कि वह लौटकर आएंगे और यमुना से विवाह करेंगे। यह बात सुन अर्जुन श्री कृष्ण के पास पहुंचे और उन्हें यमुना किनारे चलने के लिए कहने लगे।

kya hai yamuna ke kalindi naam ke piche ki vajah

इसके बाद श्री कृष्ण जब यमुना तट पर पहुंचे तब देवी यमुना प्रकट हुईं और उन्होंने श्री कृष्ण को उनका वचन स्मरण कराया। इसके बाद, श्री कृष्ण ने यमुना माता से विवाह किया। चूंकि श्री कृष्ण को काली कमली वाला कहा जाता है और उनका वर्ण भी श्याम है यानी कि काला है।

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इसी वजह से यमुना भी श्री कृष्ण से विवाह के पश्चात कालिंदी कहलाईं। ऐसा माना जाता है कि आज भी जब श्री कृष्ण की पटरानियों का नाम लिया जाता है तब यमुना को उनके कालिंदी रूप में समारं किया जाता है। हालांकि, ऐसा भी कहते हैं कि यमुना जल के काले होने पर भी उनका यह नाम पड़ा।

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FAQ
यमुना जल में स्नान करते समय क्या बोलना चाहिए?
यमुना जल में स्नान करते समय 'गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु॥' मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
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