पिछले कुछ वक्त तक मैं योग और यौगिक क्रियाओं के लिए जुनून की हद तक डेडिकेटेड रही हूं। मैंने जिम की जगह योग करना शुरू कर दिया और इसे अपने डेली वर्कआउट का हिस्सा बना लिया। इसी दौरान मैंने यह महसूस किया कि स्वच्छ और स्वस्थ जीवन जीने के लिए इससे कहीं ज्यादा आगे बढ़कर देखने की जरूरत है। अगर योगियों की बात करें तो वे प्रकृति के बहुत करीब होते हैं और जीवनभर स्वस्थ रहते हैं। योगियों को लेकर आमतौर पर लोगों का नजरिया ये होता है कि वे तो कुछ खाते-पीते ही नहीं है या फिर डाइट की उनके लाइफस्टाइल में अहमियत नहीं होगी, जबकि यह सही नहीं है। योगियों के लिए भी भोजन उतना ही अहम है, जितना कि किसी भी आम इंसान के लिए। योगियों को अलग बनाती है उनकी सोच और उनके विचार। योगी की तरह धैर्य, शांति और एकाग्रता विकसित करना चाहती हैं तो अपने भोजन की सात्विकता पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके भोजन पर निर्भर करता है कि आप बैलेंस्ड तरीके से सोच पाएंगी या नहीं और आपको किसी योगी की तरह भीतर से संतोष महसूस होगा या नहीं।
भोजन पर हमारी सोच कैसे निर्भर करती है, इसे इस तरह से समझें कि अगर आप कई दिनों तक कॉफी और मीठा लेते रहें तो क्या होगा? क्या आप भीतर से शांत महसूस करेंगे? मुमकिन है कि आप एक निश्चित स्तर तक पहुंच जाएं, जहां आप अपनी बॉडी को आसन, प्राणायाम और मेडिटेशन से पोषण दे रहे हों, लेकिन क्या इससे आपकी जरूरतें पूरी हो जाएंगी? अपने शरीर को योगी की तरह बनाने के लिए उसे सही तरीके से पोषण दें यानी कि पौष्टिकता से भरपूर भोजन लें, जिससे आप स्वस्थ महसूस करें।
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देखा जाए तो योगी की तरह अपनी डाइट लेना आसान नहीं है। इसकी पहली वजह यह है कि पौष्टिकता ग्रहण करने के साथ शरीर को रोगी बनाने वाली बहुत सी चीजों का त्याग करने की जरूरत होती है। दूसरी वजह यह है कि पारंपरिक योग से जुड़े शास्त्रों जैसे कि पतंजलि के 'योग सूत्र' और 'श्रीमद्भगवद्गीता' आदि में योगी के लिए किसी खास तरह की डाइट का जिक्र नहीं है। अगर इन शास्त्रों में ऐसी डाइट के बारे में बताया भी गया होता तो 1000 साल पहले बताए गए ये फूड शायद ही हम सबके लिए आज के समय में उचित होते।
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योगी के लिए किसी खास तरह का मैन्यू नहीं बताया गया है, लेकिन यौगिक डाइट का जिक्र जरूर किया गया है। इस तरह की डाइट लेने से स्पष्टता महसूस होती है और शरीर में lightness फील होती है। यह डाइट शरीर के साथ कनेक्ट स्थापित करने में मदद मिलती है।
आयुर्वेदिक परंपरा के अनुसार सात्विक भोजन में ज्यादातर सब्जियां, घी(क्लेरिफाइड बटर) फल, फलियां और संपूर्ण अनाज आदि आते हैं। सामान्य भोजन की तुलना में यह काफी अलग होता है। इसमें ज्यादातर उबला हुआ खाना होता है। इस तरह की डाइट हेल्थ के लिए सबसे अच्छी मानी गई है। इससे शरीर डीटॉक्स होता है और मन में पॉजिटिविटी बढ़ती है। ऐसी डाइट से भरपूर एनर्जी मिलती है और इम्यूनिटी भी स्ट्रॉन्ग होती है।
प्याज, मीट, लहसुन, तंबाकू, मांस, शराब जैसी चीजें लेने से आलस्य बढ़ सकता है और इन्हें तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा जाता है। इस तरह के भोजन से मन में अशांति और भटकाव हो सकता है। ऐसे भोजन में ज्यादा मसाले होते हैं और इन्हें दोबारा गर्म करके खाना सेहत को नुकसान पहुंचाता है।
पहले के समय में जब राजघराने हुआ करते थे, तब राजसी भोजन प्रचलित था। इसमें सूखे, कड़वे और ज्यादा एनर्जी देने वाले फूड आइटम्स की ज्यादा मात्रा होती थी। राजसिक भोजन में कॉफी, लाल मिर्च और नमक जैसे तत्व आते हैं, जो तामसिक भोजन के ठीक उलट प्रभाव पैदा करते हैं। इनसे हाइपरएक्टिविटी यानी अति सक्रियता की स्थिति हो जाती है।
यौगिक डाइट लेने का अर्थ है संतुलन स्थापित करने वाले तत्वों की जरूरत पूरी करना और इस बात पर ध्यान देना कि इन्हें जीवनशैली में शामिल कैसे किया जाए। मैंने तेज याद्दाश्त के लिए 'Superfoods' किताब लिखी है। इसे मैंने clean eating के लिहाज से लिखा है। इस किताब में बताए 16 तत्वों बताए हैं, जिन्हें इस्तेमाल करके आप आप यौगिक डाइट लेने की दिशा में पहला कदम बढ़ा सकते हैं और हेल्दी लिविंग अपना सकते हैं।
भोजन से मिलने वाले पोषण की बात करें तो आपकी व्यक्तिगत जरूरतें दूसरों से पूरी तरह से अलग हो सकती हैं। मुमकिन है कि आज की आपकी जरूरतें आज से 5 साल पहले की जरूरतों से भिन्न हों या फिर आने वाले 5 सालों में आपकी जरूरतों आपके आज से भिन्न हों। पहले के समय में संन्यासियों ने सीख दे दीं, उनका ठीक उसी तरह से सख्ती से पालन करने की जरूरत नहीं है। यह इस बात पर ज्यादा निर्भर करता है कि आपके शरीर की जरूरतें क्या हैं और आपको अपने शरीर को वही देना चाहिए।
अगर आप योग करते हैं तो आपको अपनी डाइट और एक्सरसाइज में भी योग से जुड़ी वैल्यूज को शामिल करना चाहिए। हर व्यक्ति हर तरह की एक्सरसाइज नहीं कर सकता। मसलन शीर्षासन करना हर किसी के वश की बात नहीं है, लेकिन खाना हर व्यक्ति खाता है। ऐसे में हमारे शरीर के लिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि हमारे शरीर को किन तत्वों की जरूरत है और इन्हीं तत्वों को हमें अपनी डाइट में शामिल करने की जरूरत है। साथ ही जिन चीजों की हमारी डाइट में जरूरत नहीं है, उन्हें इससे बाहर करने पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए आप यौगिक डाइट लेने की शुरुआत कर सकती हैं और हेल्दी लाइफ जी सकती हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे शेयर करें। हेल्थ और न्यूट्रिशन से जुड़ी अन्य जानकारियों के लिए विजिट करती रहें हरजिंदगी।
Image Courtesy: Instagram(@masterchefshiprakhanna)
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