Alzheimer Care: अल्जाइमर एक जटिल और चैलेंजिंग न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है। इस समस्या को रोकने और इसकी सही जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए हर साल 21 सितंबर को वर्ल्ड अल्जाइमर डे मनाया जाता है। यह एक प्रकार का ब्रेन डिसऑर्डर है, जिसकी वजह से दिमाग में सिकुड़न आ जाती है। अल्माइजर के रोगियों की देखभाल करने वाले लोगों के लिए पेशेंट के साथ कम्यूनिकेट कर पाना एक बड़ा चैलेंज होता है। जैसे-जैसे उम्र अधिक होती है, इंसान बुढ़ापे की तरफ बढ़ता है, इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता जाता है। अल्जाइमर के रोगियों की देखभाल करने और उनसे सही तरीके से बात करने के लिए आपको एक्सपर्ट के बताए टिप्स की मदद लेनी चाहिए। यह जानकारी डॉक्टर प्रतीक भारद्वाज, सीओओ, वेस्टा एल्डर केयर दे रहे हैं।
कैसे करें अल्जाइमर के रोगी की देखभाल?
- अल्जाइमर के रोगियों की देखभाल के लिए सबसे पहले जरूरी है कि घर और उनके आस-पास की चीजों को उनके हिसाब से रखा जाए।
- चीजों पर लेबल लगाना और किसी भी तरह का भ्रम उन्हें न हो, इसके लिए लाइट की सही व्यवस्था करना जरूरी है।
- पेशेंट्स को एंग्जायटी (एंग्जायटी होने पर क्या करें?) न हो, इसके लिए उनका खान-पान सही समय पर हो और कुछ ऐसी एक्टिविटीज में उन्हें शामिल किया जाए, जिसमें उनका मन लगे, इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए।
- अल्जाइमर के रोगियों के लिए एक सही रूटीन सेट होना जरूरी है।
- पेशेंट्स के साथ चिड़चिड़ा बर्ताव न करें। पेशेंस रखें और उनके बात करने के लिए सिंपल लैंग्वेज, आई कॉन्टेक्ट का ख्याल रखें। साथ ही आप उन्हें समझ रहे हैं, इस बात भरोसा दिलवाएं।
- इसके अलावा समय-समय पर उनकी हेल्थ को मॉनीटर करना, दवाई देना और रेगुलर चेक-अप करवाना जरूरी है।
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अल्जाइमर के रोगियों से बातचीत करते वक्त रखें इन बातों का ख्याल
- साफ और सीधी भाषा का प्रयोग करें। कॉम्पलेक्स भाषा का इस्तेमाल न करें।
- अगर पेशेंट बात को बार-बार रिपीट कर रहा है, बोलने में मुश्किल हो रही है, तो पेशेंट की बातों पर ध्यान दें।
- बॉडी लैंग्वेज, फेशियल एक्सप्रेशन और टच पर भी ध्यान दें।
- आप जो भी बात कर रहे हैं, उसे समझने में और आपकी बात पर प्रतिक्रिया देने में अल्जाइमर के पेशेंट्स को ज्यादा वक्त लग सकता है। ऐसे में धैर्य बनाए रखें।
- अगर पेशेंट कुछ ऐसा बता रहा है, जो आपको अजीब लग रहा है या फिर रियलिटी से अलग है, तब भी उसकी बातों को सुनें। इससे वह आप पर भरोसा कर पाएगा।
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