आज के समय में भागदौड़ भरी इस जिंदगी के कारण शरीर का ध्यान रखना बेहद मुश्किल होता जा रहा है। खासतौर पर एंग्जायटी की परेशानी बेहद बढ़ती जा रही है। किसी भी चीज के बारे में जरूरत से ज्यादा सोचने के कारण एंग्जायटी होने लगती है। इसमें घबराहट शुरू हो जाती है। यह समस्या बेहद गंभीर होती जा रही है, क्योंकि इस बीमारी के चपेट में ज्यादातर लोग आ रहे हैं।
श्री श्री रवि शंकर, अक्सर अपने इंस्टाग्राम पर एंग्जायटी से जुड़ी कई जानकारी साझा करते हैं। अपनी एक पोस्ट में उन्होंने एंग्जायटी से डील ककने का तरीका बताया है। चलिए उन्हीं से जानते हैं एंग्जायटी होने पर क्या करना चाहिए।
अच्छे पलों को याद करें
अक्सर जब भी लोगों को एंग्जायटी होती है, तो वह केवल नकारात्मक विचारों के बारे में ही सोचते हैं। आपको ऐसा नहीं करना है। इससे समस्या बढ़ जाती है। एंग्जायटी होने पर, उन पलों को याद करें, जब आप खुश थे।
इसके अलावा छोटे-छोटे पलों को सेलिब्रेट करना सीखें। आपको कुछ बड़ा होने पर ही, खुशी मनाने की जरूरत नहीं है। किसी के द्वारा, आपको दी गई प्यारी सी मुस्कान को याद करें। वह बातें, याद करें जब आप अपने किसी लव्ड वन्स के साथ थें। आप किसी ग्रुप के साथ सर्विस एक्टिविटी करें। किसी की मदद करने से मन को शांति मिलती है।
दृष्टिकोण बदलें
एंग्जायटी से डील करने के लिए आपको अपना दृष्टिकोण बदलना चाहिए। यानी जब भी आपके दिमाग में चिंता वाले सवाल आएं, तब सोचें कि इसकी वैधता क्या है। अगर आज अपनी नौकरी को लेकर परेशान हैं, तो उस समय यह सोचें कि आपको कुछ बेहतक मिलेगा। अपने आप को बार-बार यह बताएं कि सब कुछ बदल जाएगा। समय स्थिर नहीं है, चीजें बदलती हैं और समय लेती हैं।
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मेडिटेशन और योग करें
एंग्जायटी होने पर आपको मेडिटेशन और योग को भी सहारा लेना चाहिए। ये दो ऐसी चीजें हैं, जो हमारी आधी से ज्यादा समस्या का समाधान हैं। बितिलासन, सेतुबंध आसन और बद्ध कोणासन एंग्जायटी की समस्या को कम करने में मदद करते हैं। जब आप मेडिटेट करते हैं, तो आप अपने थके हुए दिमाग को शांत करते हैं। रोजाना मेडिटेशन करने से स्ट्रेस हार्मोन कम रिलीज होते हैं और आप रिलैक्स्ड फील करते हैं।
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इन बातों का रखें ध्यान
- किसी भी चीज के बारे में जरूरत से ज्यादा सोचने से केवल चिंता बढ़ती है। इसलिए उतना ही सोचें, जितना आप झेल पाएं।
- एंग्जाटी होने पर गहरी-गहरी सांसें लें। खुद को शांत करने की कोशिश करें।
- अगर आप किसी भगवान को मानते हैं तो उनका नाम लें। कम से कम 11 बार ओम नमः: शिवाय बोलें। आप चाहें, तो भजन भी सुन सकती हैं।
- इस बात को न भूलें कि चिंता करने से कुछ नहीं बदलेगा। चिंता केवल आपको और शरीर को नुकसान पहुंचाती है।
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Image Credit:Freepik
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