आजकल लोगों में स्कूबा डाइविंग और स्नॉर्कलिंग करने का शौक बढ़ता जा रहा है। एक तरफ जहां लोग स्पेशल विदेश जाकर स्कूबा डाइविंग करना पसंद करते हैं, तो वहीं अब भारत में भी ऐसे एडवेंचर होने लगे हैं। जिन्हें पानी में तैरना पसंद है और जो पानी में मौजूद तरह-तरह की मछलियों और अन्य प्रजातियों को देखने का शौक रखते हैं वह स्कूबा डाइविंग और स्नॉर्कलिंग करते हैं।
लेकिन कई लोग यह नहीं जानते कि स्कूबा डाइविंग और स्नॉर्कलिंग दो अलग चीजें है। अगर आप पहली बार इस एंडवेचर का मजा लेने जा रहे हैं, तो आपको इन दोनों के बीच अंतर को जान लेना चाहिए।
स्कूबा डाइविंग का मतलब होता है पानी के नीचे तैरना, यानी पानी के अंदर डाइविंग। इसे करने के लिए स्कूबा गोताखोर अपने साथ एक सिलेंडर के आकार का इक्युपमेंट लेकर चलता है, जिसकी मदद से वह सांस ले पाता है। इसे Self Contained Underwater Breathing Apparatus (Scuba) के नाम से जाना जाता है।
इसकी मदद से ही वह पानी के अंदर सांस ले पाते हैं। इसकी मदद से वह पानी के अंदर चाहे कितनी देर तक भी रहे, वह जिंदा रह पाते हैं। इसमें आप पानी के अंदर बिलकुल सतह तक भी जा सकते हैं। लेकिन स्नॉर्कलिंग इससे पूरी तरह अलग होता है। डाइविंग में ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता होती है, लेकिन स्नॉर्कलिंग में ऐसा नहीं होता है।
कई लोग स्नॉर्कलिंग और स्कूबा डाइविंग को एक समझते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि स्कूबा डाइविंग
में आप पानी के अंदर जितनी मर्जी अंदर जा सकते हैं। स्नॉर्कलिंग में ऐसा नहीं होता है। दरअसल, भारत में ऐसी कई जगह है जहां आप केवल स्नॉर्कलिंग कर सकते हैं। यहां स्कूबा डाइविंग नहीं करवाया जाता। लोगों को लगता है कि स्कूबा डाइविंग का मतलब स्नॉर्कलिंग ही है, क्योंकि दोनों ही चीजें पानी में होती है। लेकिन यह दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अलग है।
स्नॉर्कलिंग का मतलब होता है पानी की सतह तक तैरना। यह उन लोगों के लिए यह जो पानी में बिल्कुल अंदर तक जाने से डरते हैं या जिन्हें पानी में जाना पसंद है, लेकिन सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे लोग स्नॉर्कलिंग करना पसंद करते हैं।
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स्नॉर्कलिंग के लिए व्यक्ति को एक स्नोर्कल ट्यूब दिया जाता है, जो उन्हें हवा में सांस लेने में मदद करता है। इससे व्यक्ति पानी के अंदर तो जाते हैं, लेकिन केवल सतह तक रह रहते हैं। जैसे आप तस्वीर में देख सकते हैं। पाइप पानी के ऊपर जितनी दूर तक रहेगा, आप उतनी ही पानी के अंदर जा सकते हैं।
इसके साथ ही स्वीमर को डाइव मास्क और एक वेटसूट पहनाया जाता है। इसे करने के लिए लाइफ जैकेट भी दिया जाता है। यह उन लोगों के लिए होता है, जिन्हें तैरना नहीं आता।
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