मुंबई शहर को भारत का कमर्शियल हब माना जाता है। हालांकि यह एक व्यावसायिक केंद्र से कहीं अधिक है। यह सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और ऐतिहासिक रूप से भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इतना ही नहीं, मुंबई शहर में इतिहास से जुड़ी कई कहानियां भी हैं, जिसके बारे में लोगों को कम ही पता है। हालांकि, इनमें से कुछ कहानियों को एक संग्रह या म्यूजियम के रूप में संरक्षित किया गया है और इसलिए अगर आप सच में मुंबई को करीब से देखना व जानना चाहती हैं तो आपको यहां पर स्थित कुछ म्यूजियम का भी दौरा करना होगा। मुंबई के कई म्यूजियम इसके जटिल राजनीतिक, कलात्मक और सामाजिक इतिहास को प्रकट करते है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको मुंबई में स्थित कुछ म्यूजियम्स के बारे में बता रहे हैं, जो यकीनन आपको भी एक अलग व यादगार अनुभव प्रदान करेंगे-
छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय
मुंबई में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय को पहले प्रिंस ऑफ वेल्स संग्रहालय के नाम से जाना जाता था। इसे जॉर्ज विटेट द्वारा डिजाइन किया गया था। पूरे शहर की सबसे खूबसूरत इमारतों में से एक है। इसे बनाते समय विटेट ने गेटवे ऑफ इंडिया के ब्लूप्रिंट को भी दिमाग में रखा, जिसके कारण उसकी कुछ झलक यहां पर नजर आती है। यहां की भव्य वास्तुकला के अलावा, संग्रहालय को मुग़ल साम्राज्य से कलाकृतियों के लिए भी जाना जाता है। साथ ही यहां पर यूरोप, नेपाल, तिब्बत, जापान और चीन के दुर्लभ विरासत भी हैं।
मणि भवन
यदि आप इतिहास की जानकार हैं या इस शहर के इतिहास को जानने की इच्छा रखती हैं तो मणि भवन में जाकर आप महात्मा गांधी के बचपन से वयस्क होने तक के सफर का एक बेहतरीन अनुभव प्राप्त कर सकती है। यहां पर महात्मा गांधी की कई व्यक्तिगत वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा, यह म्यूजियम यह भी दर्शाता है कि ब्रिटिश राज के तहत मुंबई (तब बॉम्बे) को कैसे चलाया गया था और महात्मा गांधी ने किस तरह इस शहर में अपने विभिन्न राजनीतिक आंदोलनों की शुरूआत की।
नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (एनजीएमए)
नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट की दिल्लीऔर बैंगलोर में भी शाखाएँ हैं। एनजीएमए का जन्म इस विचार के साथ हुआ कि भारतीय कला समुदाय को एक ऐसा स्थान दिया जाए, जहां उसका पोषण और निरीक्षण किया जा सके। आज, एनजीएमए कला के कुछ महान नामों के कार्यों का प्रदर्शन करता है। इनमें पाब्लो पिकासो, एम.एफ. हुसैन, राजा रवि वर्मा, रवींद्रनाथ टैगोर, जैमिनी रॉय और कई अन्य नाम शामिल हैं।
आरबीआई मानिटेरी म्यूजियम
अगर आप भारतीय मुद्रा के वर्तमान से लेकर इतिहास से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानना चाहती हैं तो यकीनन आपको मुंबई में स्थित आईबीआई मौद्रिक संग्रहालय में एक बार जरूर जानना चाहिए। यह संग्रहालय भारत में सबसे शुरुआती वस्तु विनिमय प्रणाली और कौड़ियों के उपयोग से लेकर कागज के पैसे, सिक्के, शेयर बाजार और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन तक के विकास को कवर करता है। संग्रहालय की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक, भारत के केंद्रीय बैंक द्वारा शैक्षिक कार्यक्रम के तहत 2004 में की गई थी और इसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम द्वारा क्रिया गया था।
यह देश का पहला ऐसा संग्रहालय है, जो आर्थिक इतिहास और संख्या विज्ञान के लिए समर्पित है। इस म्यूजियम में लगभग 1500 वस्तुएं हैं, जिनमें 6 वीं शताब्दी ईसा पूर्व और सिंधु घाटी, कुषाण साम्राज्य, गुप्त काल और ब्रिटिश राज से जुड़े सिक्के शामिल हैं। इन दुर्लभ सिक्कों के अलावा यहां पर भारत, चीन और दक्षिण पूर्व एशिया से प्राचीन पेपर मनी, फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट और अन्य कई चीजें भी स्थित हैं।
इसे जरूर पढ़ें:मुम्बई में हैं तो एक बार इन चीजों का भी जरूर उठाएं लुत्फ
कोरोना संक्रमण के कारण शायद अभी आप इन म्यूजियम्स को ना देख पाएं, लेकिन हालात पूरी तरह सामान्य होने के बाद और म्यूजियम्स के दोबारा खुल जाने के बाद आप इन्हें देख सकती हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Recommended Video
Image Credit: forbesindia.com, wikimedia.org & tripadvisor.com
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों