ऐसा जरूरी नहीं है कि आप हमेशा बच्चों को घुमाने के लिए पार्क या मॉल ही लेकर जाएं। वीकेंड पर आपको उन्हें कभी-कभी मंदिर भी लेकर जाना चाहिए। इससे उन्हें धर्म, संस्कृति और परंपराओं के बारे में जानकारी मिलती है। वे ध्यान और शांत वातावरण का अनुभव करते हैं, जो मानसिक शांति देता है। बच्चों को धार्मिक जगह लेकर जाने पर उनका मन हल्का होता है, जिससे वह शांत होते हैं। मंदिर जाने से बच्चों और माता-पिता के बीच संवाद और संबंध मजबूत होते हैं। यहां वह अपने परिवार के साथ शांति से एक जगह बैठते हैं और पूजा करते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको हरियाणा के जींद में स्थित कुछ फेमस मंदिरों के बारे में बताएंगे। यह मंदिर ऐतिहासिक माने जाते हैं और भक्तों की गहरी श्रद्धा है।
भूतेश्वर शिव मंदिर
भोलेनाथ का यह मंदिर जींद के सबसे सुंदर मंदिरों में से एक माना जाता है। सफेद रंग के इस मंदिर का लोकेशन इतना अनोखा है कि लोग यहां दर्शन के साथ-साथ परिवार के साथ समय भी बिताने आते हैं। मंदिर के पास एक सरोवर है, जो इस मंदिर की खूबसूरती को और भी बढ़ाता है। यह मंदिर बहुत बड़े कंक्रीट के पानी के तालाब से घिरा हुआ है। यह तालाब 7-8 फीट चौड़े पैदल पथ का रास्ता देता है। इसमें नौकायन की सुविधा भी उपलब्ध है। जींद शहर के केंद्र में स्थित है। यह जींद शहर के लिए गौरव माना जाता है, क्योंकि यह जींद के सबसे खूबसूरत जगह में से एक माना जाता है। इस पानी को रानी तालाब के नाम से भी जाना जाता है।यहहरियाणा की सबसे सुंदर जगहमें से एक है।
- लोकेशन- भूतेश्वर शिव मंदिर, 8879+एमसी7, एसएच 14, रानी तालाब, जींद, हरियाणा
- समय- सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक
श्री देवी जयंती मंदिर और संग्रहालय
यह प्राचीन और बहुत शांतिपूर्ण जगह है। मंदिर सुंदर और पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध है। किंवदंती के अनुसार, माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया था। उन्होंने यहां जयंती देवी (विजय की देवी) के सम्मान में एक मंदिर बनवाया और कौरवों के खिलाफ अपनी लड़ाई में सफलता के लिए प्रार्थना की। इसलिए इस मंदिर का नाम जयंती देवी के नाम से जाना जाता है। इस मनोकामना पूरी करने वाली जगह भी माना जाता है। लोगों को मानना है कि जो भी अपना अधूरा काम लेकर यहां माता के दर्शन के लिए आता है, देवी उसकी सभी मनोकामना पूरी कर देती हैं।
- लोकेशन- 88एफ5+जी65, रूप नगर, जीन्द, हरियाणा 126102
- समय- सुबह 5 बजे से शाम 8:30 बजे तक
पांडु पिंडारा
बच्चों के साथ आप पांडु पिंडारा भी दर्शन के लिए जा सकते हैं। माना जाता है कि महाभारत काल में पांडवों ने यहां अपने निकटतम संबंधियों का पिंडदान किया था। जो महाभारत युद्ध के दौरान मारे गए थे। माना जाता है कि पांडू पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है। अगर आप छोटे बच्चों के साथ यहां आना नहीं चाहते हैं, तो आप अपने बड़े बुजुर्गों के साथ यहां आएं। उन्हें यहां आकर सुकून का अहसास होगा।यहपरिवार के साथ घूमने के लिए बेस्ट जगहमें से एक है।
- लोकेशन- पांडु, पांडु पिंडारा, जींद, हरियाणा
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image credit- freepik
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