ये ट्रेन छूट ना जाए, कहीं आपका शाहरुख वेट तो नहीं कर रहा !!

जब कहीं जाना होता है तो ये बारिश खामखा शुरू हो जाती है। एक तो जिंदगी में रोमांस नहीं ऊपर से ये बारिश। 

teri meri love story

जब कहीं जाना होता है तो ये बारिश खामखा शुरू हो जाती है। एक तो जिंदगी में रोमांस नहीं ऊपर से ये बारिश। कुछ यू बड़बड़ाते हुए निखिल अपने घर से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए निकला। मॉर्निंग 6 बजे की काठगोदाम शताब्दी जो पकड़नी थी उसे। वीकेंड में नैनीताल जा रहा था लेकिन मौजमस्ती के लिए नहीं ऑफिस के काम के लिए। जैसे ही ट्रेन की सीट पर बैठा बोलने लगा एक तो लाइफ में लव नहीं ऊपर से वर्किंग वीकेंड फिर सोचा कि वर्किंग वीकेंड ना होता तो कौंन सा रोमांटिक डेट पर जाने वाला था। अचानक से उसकी नज़र अपना लगैज़ रख रहीं लड़की की तरफ पड़ी। जिसने कैपरी और टीशर्ट पहनी हुई थी और बाल चेहरे पर गिर रहे थे। ना जाने कौंन सा हेयर स्टाइल था उसका। बचपन में परी की जो स्टोरी सुनाते हैं वैसा तो कुछ नहीं दिख रहा था उसमें फिर भी ऐसा लग रहा था कि छोटे-बड़े स्टेशन हवा में ही पार हो रहे हैं। एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा ये सॉग गुनगुनाने की सोच रहा था फिर सोचा कि आज के टाइम में तो बेबी कैहेंदी सी पहले जैगुआर लेलो फिर चाहे जिना मर्जी प्यार लेलो गाना ही फिट रहेगा।

teri meri love story

इतने में ही पीछे से एक आवाज़ सुनाई देती है चाय लेलो कॉफी लेलो। मैं बोलता उससे पहले ही उसने पूछ लिया कि कॉफी लेनी है? मैंने भी झट से हां बोल दिया। अपने पर्स से चाय वाले भाईसाहब को देने के लिए पैसे निकाल ही रहा था कि इतने में उसने दोनों की कॉफी के पैसे दे दिए। मुस्कुराते हुए बोली जरूरी नहीं कि कॉफी के पैसे हर बार लड़के ही दे। “हाय आई एम निकिता और तुम? जैसे ही उसने अपना नाम निकिता बताया मैं शादी के कार्ड तक पहुंच गया निखिल weds निकिता। गुलज़ार से लेकर जावेद अख्तर तक कि पोइट्री याद आ रही थी। इतने में ही निकिता ‘आज जाने की जिद्द ना करो’ गुनगुनाने लगी। उसके मुहं से ये गाना सुनकर ऐसा लगा कि जैसे इससे पहले ये सॉग कभी ना सुना हो। नई दिल्ली से काठगोदाम पहुंचने में पांच घंटे लगते हैं। इस बीच कितनी बार मैं और निकिता बोलते-बोलते खामोश हो गए। ऐसा लगा मानो शब्दों से ज्यादा खामोशी बातें कर रही हो। काफी देर बाद निकिता ने बोला कि तुम शाहरुख खान तो नहीं पर मेरे शाहरुख जरूर हो।

आज निकिता मेरे सामने कैपरी और टीशर्ट में नहीं बल्कि एक दुल्हन के लिवाज में खड़ी है। निकिता के कदम जैसे-जैसे मेरी ओर बढ़ रहे हैं मैं यही सोच रहा हूं अच्छा हुआ उस दिन वर्किंग वीकेंड था। ऐसे में जैगुआर तो बिल्कुल ही नहीं एक ही गाना याद आ रहा है हो ओ.....एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा जैसे खिलता गुलाब, जैसे शायर का ख्वाब, जैसे उजली किरण......

आप भी कोई ट्रेन गलती से कभी मिस मत करना क्या पता आपका शाहरुख आपका वेट कर रहा हो।

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