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Yashoda Jayanti 2023: यशोदा जयंती की पूजा से मिलती है तेजस्वी संतान, जानें मुहूर्त और महत्व

हिन्दू धर्म में यशोदा जयन्ती का अत्यंत महत्व है। ऐसे में आइये जानते हैं यशोदा जयंती के शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में विस्तार से।   
Editorial
Updated:- 2023-02-08, 15:20 IST

Yashoda Jayanti 2023: हिन्दू धर्म में यशोदा जयंती का अत्यंत महत्व है। मान्यता है कि यशोदा जयंती के यशोदा मैय्या और कान्हा की पूजा करने से न सिर्फ संतान की प्राप्ति होती है बल्कि संतान के जीवन के कष्ट भी मिट जाते हैं। ऐसे में ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी एक आधार पर आइये जानते हैं यशोदा जयंती के शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में विस्तार से।

यशोदा जयंती की डेट (Yashoda Jayanti Ki Date)

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  • फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यशोदा जयन्ती मनाई जाती है। इस साल यशोदा जयंती का पर्व 12 फरवरी को मनाया जाएगा।
  • षष्ठी तिथि का शुभारंभ 11 फरवरी, दिन शनिवार (शनिवार के उपाय) को सुबह 9 बजकर 5 मिनट से होगा।
  • वहीं, इसका समापन 12 फरवरी, दिन रविवार को सुबह 9 बजकर 47 मिनट पर होगा।
  • ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, यशोदा जयन्ती 12 फरवरी को पड़ रही है।
  • इसके साथ ही, 12 फरवरी को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से सुबह 11 बजकर 17 मिनट तक का समय पूजा के लिए उत्तम रहेगा।

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यशोदा जयंती का महत्व (Yashoda Jayanti Ka Mahatva)

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  • यशोदा मैय्या को ममता का प्रतीक माना जाता है।
  • श्री कृष्ण (श्री कृष्ण ने नहीं किये थे 16 हजार विवाह) की मां के रूप में उनका नाम देवकी माता से पहले आता है।
  • यशोदा जयंती के दी मां यशोदा और बाल कृष्ण की पूजा का विशेष विधान है।
  • इस दिन यशोदा मैय्या और कन्हैया की श्रद्धा से पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है।
  • संतान के सभी कष्ट मिट जाते हैं और भविष्य भी उज्जवल बनता है।
  • यशोदा जयंती की पूजा से संतान पक्ष में हमेशा खुशहाली बनी रहती है।
  • माता यशोदा और बाल कृष्ण की पूजा से संतान का स्वास्थ और जीवन कुशल रहता है।

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यशोदा जयंती की पूजा (Yashoda Jayanti Ki Puja)

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  • यशोदा जंयती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें।
  • यशोदा जंयती के दिन स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • यशोदा जंयती के दिन व्रत का संकल्प लें।
  • यशोदा जंयती के दिन पूजा की चौकी लें।
  • पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
  • लाल कपड़े पर मां यशोदा की गोद में कृष्ण वाली प्रतिमा स्थापित करें।
  • माता यशोदा और बाल कृष्ण के सामने दीपक प्रज्वलित करें।
  • बाल गोपाल और यशोदा मैय्या को भोग लगाएं।
  • गोपाल मंत्र का जाप अवश्य करें।
  • लड्डू गोपाल की आरती भी गाएं।
  • प्रसाद वितरण करें।

तो ये था यशोदा जयंती का शुभ मुहूर्त और महत्व। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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