हर घर में आरती के बाद क्यों बोला जाता है भगवान शिव का ये विशेष मंत्र

हर घर में आरती के बाद भगवान शिव का मंत्र 'करपूर गौरम' बोला जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे का कारण और महत्व।  

lord shiva mantra after aarti

Aarti Ke Baad Kyu Bola Jata Hai Bhagwan Shiv ka Mantra: हर घर में प्रातः और संध्या आरती की परंपरा है। खास बात यह है कि जिसके घर जो भगवान विराजते हैं उन इष्ट देव या देवी की आरती के बाद भगवान शिव का एक विशेष मंत्र अवश्य बोला जाता है।

यह मंत्र है 'करपूर गौरम करुणावतारं'। इस मंत्र का जाप हमेशा आरती के बाद किया जाता है। ऐसे में हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आइये जानते हैं कि आखिर आरती के बाद इस मंत्र जाप के पीछे का कारण क्या है।

भगवान शिव का मंत्र

karpur gauram mantra in hindi

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।

सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।

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भगवन शिव के मंत्र का अर्थ

bhagwan shiv mantra

  • कर्पूरगौरं- कर्पूर के समान गौर वर्ण वाले।
  • करुणावतारं- करुणा के जो साक्षात् अवतार हैं।
  • संसारसारं- समस्त सृष्टि के जो सार हैं।
  • भुजगेंद्रहारम्- सांप को हार के रूप में धारण करने वाला।
  • सदा वसतं हृदयाविन्दे- जो सदैव मेरे हृदय में निवास करते हैं।
  • भवंभावनी सहितं नमामि- उन भगवान शिव (टैलेंट निखारने के लिए भगवन शिव की स्तुति) और भवानी अर्थात माता पार्वती को मेरा नमन।
  • इस मंत्र का पूरा अर्थ हुआ कि जो गौर वर्ण वाले हैं, करुणा के अवतार हैं, जो सनसार के सार हैं, सांप को हार के रूप में धारण करते हैं- वो भगवान शिव माता पार्वती के साथ मेरे हृदय में विराजते हैं और उन्हें मेरा नमन है।

आरती के बाद मंत्र के जपने का अर्थ

lord shiva mantra

  • जिस प्रकार किसी भी पूजा-पाठ, हवन-अनुष्ठान और आरती आदि से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना का विधान है। उसी तरह किसी भी देवी-देवता की आरती के बाद 'कर्पूरगौरम् करुणावतारं' मंत्र जाप का अपना एक महत्व है।
  • मान्यता है इस स्तुति का निर्माण भगवान विष्णु द्वारा हुआ था और इसको प्रथम बार भगवान विष्णु (भगवान विष्णु के मंत्र) ने माता पार्वती और भगवान शिव के विवाह के समय गाया था। इस स्तुति में भगवान शिव के सौंदर्य का बखान है।
  • माना जाता है कि आरती के बाद इस स्तुति को गाने से व्यक्ति को सौंदर्य की प्राप्ति होती है। आरती के बाद इस स्तुति से साक्षात भगवान को मन में बसाया जाता है जिससे अंतर्मन हमेशा शांत और सत्कर्म की ओर अग्रसर हो।

तो इस कारण से आरती के बाद बोला जाता है भगवान शिव का मंत्र। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Freepik, Pinterest, Wikipedia

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