बच्चे के जन्म के बाद क्यों लगते हैं सोबड़? जानें मां और नवजात से घर वाले क्यों बना लेते हैं दूरी

बच्चे के जन्म के बाद घर में सोबड़ लग जाते हैं जिन्हें सूतक भी कहा जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं इसके पीछे का कारण और इससे जुड़ी जरूरी बातें। 

sobar rules after child birth

Kyu Lagte Hein Bachche Ke Janm Ke Baad Sobar: हिन्दू धर्म में बच्चे के जन्म से जुड़ी कई रोचक परंपराएं हैं जिन्हें बहुत मान्यता प्राप्त है। इन्हीं में से एक है सोबड़ लगना जिसे सूतक भी कहा जाता है।

यानी कि जब भी किसी घर में बच्चे का जन्म होता है तो वहां सोबड़ यानी कि जन्म के बाद लगने वाला सूतक मान्य हो जात है और उस अवधि में न सिर्फ पूजा-पाठ पर मनाही होती है बल्कि घर वाले मां और नवजात से भी दूरी बना लेते हैं।

हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से जब हमने इस बारे में पूछा तो उन्होंने हमें कई रोचक बातें बताईं जो आज हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैं। साथ ही, आपको इसके पीछे के धार्मिक एवं वैज्ञानिक तर्क भी समझाएंगे।

जन्म पर सूतक या सोबड़ क्यों लगता है?

child birth

धर्म-शास्त्रों के अनुसार, बच्चे के जन्म के बाद 10 दिनों के लिए सूतक लग जाता है। इस दौरान परिवार का कोई भी सदस्य पूजा-पाठ (पूजा-पाठ से जी 8 जरूरी बातें) या धार्मिक कार्य नहीं कर सकता है। मान्यता है कि बच्चे के जन्म के दौरान माता और बच्चा खून लगने से अशुद्ध हो जाते हैं। इसलिए जब तक हवन-अनुष्ठान आदि करके शुद्धि न की जाए तब तक 10 दिनों तक किसी भी धार्मिक कार्य को नहीं किया जाता है।

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मां और नवजात से क्यों बना लेते हैं परिवार वाले दूरी?

child birth rituals

मां और नवजात से परिवार वालों के दूरी बनाने के पीछे का कारण यह कि मां की स्थिति और नवजात का शरीर बहुत कमजोर होते हैं। ऐसे में इन्हें किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन आसानी से पकड़ सकता है। इसी कारण से परिवार वाले बच्चे और मां से दूरी पर ही रहते हैं ताकि बच्चे और मां कोई किसी भी तरह का कोई इन्फेक्शन हानि न पहुंचा सके और दोनों स्वास्थ्य (अच्छे स्वास्थ्य के लिए भगवान शिव का मंत्र) रहें।

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सोबड़ के पीछे का असल सत्य

hindu rituals of child birth

हिन्दू धर्म में निभाई जाने वाली हर रीति का अपना एक महत्त्व और उसके पीछे का एक वैज्ञानिक कारण है। सोबड़ की परंपरा के पीछे का भी मुख्य कारण यही है कि बच्चे को जन्म देने के बाद मां का शरीर थकान औ कमजोरी से भर जाता है। ऐसे में उन्हें आराम देने के लिए ही इस परंपरा को बनाया गया था और आज तक निभाया जाता है। साथ ही, नवजात को जन्म के कुछ दिनों तक मां के स्पर्श की सख्त जरूरत भी होती है।

तो इस कारण से लगता है बच्चे के जन्म के बाद सोबड़ और इसलिए बना ली जाती है मां और नवजात से दूरी। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Freepik

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